ग्वालियर। आगामी समय में होने वाले उपचुनाव के लिए अब पूरी तरह से बिगुल बज चुका है. यही वजह है कि ग्वालियर चंबल संभाग में 22 अगस्त से बीजेपी के तीन दिवसीय सदस्यता ग्रहण समारोह का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन समारोह से पहले ही पार्टी में कुछ नेताओं के बहिष्कार करने की खबरें आ रही हैं. जिसकी वजह से कांग्रेस पार्टी ने इस समारोह से पहले ही बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है.
दरअसल बीजेपी ने प्रेस नोट जारी किया है. जिसमें सीएम शिवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया को सूची में शामिल किया गया है. लेकिन इनमें से अंचल के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम शामिल नहीं है.
दरअसल कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता केके मिश्रा ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि 22 अगस्त से होने वाले कार्यक्रम में अंचल के कुछ वरिष्ठ नेताओं को अनदेखा किया गया है. बीजेपी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का नाम प्रेस नोट से गायब रखा है, जबकि वह बीजेपी और चंबल अंचल के एक वरिष्ठ नेता हैं इतना ही नहीं कांग्रेस का आरोप है कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम हटाने में सीएम शिवराज सिंह चौहान की महत्वपूर्ण भूमिका है. और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का नाम हटाने का आरोप ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लगाया गया है.
वहीं कांग्रेस ने ये भी आरोप लगाया है कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका सीएम शिवराज की रही है. वही इसको लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने दबे शब्दों में कहा कि भाग्य से बढ़कर कुछ नहीं होता है. और योग और योग्यता भाग्य पर निर्भर करती है. और जब ज्योतिरादित्य सिंधिया आ रहे हैं तो उनके समर्थकों का स्वागत होना आम बात है.
इतना ही नहीं बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का कहना है कि सीएम शिवराज सिंह, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, और नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति बीजेपी के सभी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति है. इसमें बुरा मानने की कोई चीज नहीं है. क्योंकि भाग्य से बढ़कर कोई चीज नहीं है.
खैर जो भी हो, लेकिन राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया इस ग्वालियर चंबल अंचल में अपना वर्चस्व जमाने के लिए बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं को पीछे करते नजर आ रहे हैं, और यही वजह है जो लोग कांग्रेस के समय ज्योतिरादित्य सिंधिया का खुलकर विरोध करते थे.
वह आज भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को अंदर ही अंदर पसंद नहीं कर रहे हैं, और एक बात तो स्पष्ट है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी की राजनीति में अंदर ही अंदर गुटबाजी कहीं ना कहीं देखने को मिले या नहीं, लेकिन इस उपचुनाव में ये गुटबाजी बाहर देखने को जरूर मिल सकती है.