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किसकी सरकार ? 'हुजु' की समाधि पर सियासत, कांग्रेस ने सिंधिया परिवार पर लगाया ये बड़ा आरोप

मध्यप्रदेश में उपचुनाव में इस समय जमीन विवाद का मुद्दा सबसे ज्यादा गरमाया हुआ है. एक तरफ खासगी विवाद तो वहीं दूसरी तरफ सिंधिया ट्रस्ट से जुड़ी जमीन की खरीद-फरोख्त का मामला जोरों पर है. हालांकि सिंधिया जब से राजनीति में हैं, तब से जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर उन पर सवाल उठते रहे हैं.

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Published : Oct 11, 2020, 11:31 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में उपचुनाव को लेकर इस समय जमीन विवाद का मुद्दा सबसे ज्यादा गरमाया हुआ है. एक तरफ खासगी विवाद तो वहीं दूसरी तरफ सिंधिया ट्रस्ट से जुड़ी जमीन की खरीद-फरोख्त का मामला भी जोरों पर है. हालांकि सिंधिया जब से राजनीति में हैं. तब से जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर उन पर सवाल उठते रहे हैं. जब से सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा है. उसके बाद से सिंधिया ट्रस्ट की जमीन को लेकर वह कांग्रेस के निशाने पर रहते हैं.

हुजु की समाधि पर सियासत

कांग्रेस ने लगाया सिंधिया परिवार पर आरोप

300 साल पुरानी जमीन के बाद प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मुरारी लाल और प्रवक्ता केके मिश्रा ने सिंधिया परिवार पर आरोप लगाए हैं. इसके साथ ही कांग्रेस ने कुछ प्रमाणित दस्तावेज भी पेश किए हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सिंधिया परिवार ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने के साथ-साथ अपने वफादार कुत्ते की जमीन को भी बेच दिया है. जिस पर उसकी समाधि बनाई गई है.

माधवराव सिंधिया प्रथम का खास था हुजु

दरअसल, जिस कुत्ते हुजु की बात हो रही है, वह माधराव सिंधिया प्रथम का सबसे वफादार कुत्ता था. हुजु का मालिक के प्रति लगाव ऐसा था कि जब माधराव सिंधिया प्रथम की तबीयत बिगड़ना शुरू हुई तो हुजु ने खाना-पीना छोड़ दिया. वहीं जब सिंधिया प्रथम का पेरिस में निधन हुआ तो यहां ग्वालियर में हुजु ने भी प्राण त्याग दिए. लिहाजा हुजु की वफादारी और प्रेम को देखते हुए सिंधिया प्रथम के बेटे जीवाजीराव सिंधिया ने हुजु की समाधि बनावा दी और उन्होंने आदेश दिया कि जिस जगह पर हुजु प्राण त्यागे हैं, वहां पर सिंधिया प्रथम के अस्थि कलश को स्थापित किया जाए, इस आदेश के बाद कुत्ते की समाधि बनाई गई. और वहीं पर माधवराव सिंधिया प्रथम की छतरी बनाई गई.

इन्वेंटरी है कुत्ते की समाधि

अब इसी कुत्ते की समाधि को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कुत्ते की समाधि इन्वेंटरी में दर्ज है. साथ ही बेशकीमती जमीन है. जिसे सरकारी अफसरों की मदद से फर्जी दस्तावेजों के जरिए सिंधिया ट्रस्ट ने बेच दिया है. लिहाजा उपचुनाव से पहले प्रदेश की सियासत में घमासान मचा हुआ है. एक तरफ जहां कांग्रेस सिंधिया को भू-माफिया बताने पर तुली हुई है.कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया इस ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़े भूमाफिया हैं. उन्होंने सरकारी जमीन को जिला प्रशासन की मदद से अपने कब्जे में कर लिया है.

कांग्रेस देख रही जमीन के सपने

वहीं इस मामले में बीजेपी लगातार बचती नजर आ रही है. बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि कांग्रेस को इस समय सपने में जमीन दिख रही है, क्योंकि सिंधिया ने उनकी जमीन खिसका दी है और कांग्रेस का जमीन सबसे प्रिय विषय है. उनके खानदान का दामाद रॉबर्ट वाड्रा हजारों करोड़ों रूपये की जमीन दबा कर बैठा है, इसलिए उनको सपने में सिर्फ जमीन ही याद आती है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में उपचुनाव को लेकर इस समय जमीन विवाद का मुद्दा सबसे ज्यादा गरमाया हुआ है. एक तरफ खासगी विवाद तो वहीं दूसरी तरफ सिंधिया ट्रस्ट से जुड़ी जमीन की खरीद-फरोख्त का मामला भी जोरों पर है. हालांकि सिंधिया जब से राजनीति में हैं. तब से जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर उन पर सवाल उठते रहे हैं. जब से सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा है. उसके बाद से सिंधिया ट्रस्ट की जमीन को लेकर वह कांग्रेस के निशाने पर रहते हैं.

हुजु की समाधि पर सियासत

कांग्रेस ने लगाया सिंधिया परिवार पर आरोप

300 साल पुरानी जमीन के बाद प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मुरारी लाल और प्रवक्ता केके मिश्रा ने सिंधिया परिवार पर आरोप लगाए हैं. इसके साथ ही कांग्रेस ने कुछ प्रमाणित दस्तावेज भी पेश किए हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सिंधिया परिवार ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने के साथ-साथ अपने वफादार कुत्ते की जमीन को भी बेच दिया है. जिस पर उसकी समाधि बनाई गई है.

माधवराव सिंधिया प्रथम का खास था हुजु

दरअसल, जिस कुत्ते हुजु की बात हो रही है, वह माधराव सिंधिया प्रथम का सबसे वफादार कुत्ता था. हुजु का मालिक के प्रति लगाव ऐसा था कि जब माधराव सिंधिया प्रथम की तबीयत बिगड़ना शुरू हुई तो हुजु ने खाना-पीना छोड़ दिया. वहीं जब सिंधिया प्रथम का पेरिस में निधन हुआ तो यहां ग्वालियर में हुजु ने भी प्राण त्याग दिए. लिहाजा हुजु की वफादारी और प्रेम को देखते हुए सिंधिया प्रथम के बेटे जीवाजीराव सिंधिया ने हुजु की समाधि बनावा दी और उन्होंने आदेश दिया कि जिस जगह पर हुजु प्राण त्यागे हैं, वहां पर सिंधिया प्रथम के अस्थि कलश को स्थापित किया जाए, इस आदेश के बाद कुत्ते की समाधि बनाई गई. और वहीं पर माधवराव सिंधिया प्रथम की छतरी बनाई गई.

इन्वेंटरी है कुत्ते की समाधि

अब इसी कुत्ते की समाधि को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कुत्ते की समाधि इन्वेंटरी में दर्ज है. साथ ही बेशकीमती जमीन है. जिसे सरकारी अफसरों की मदद से फर्जी दस्तावेजों के जरिए सिंधिया ट्रस्ट ने बेच दिया है. लिहाजा उपचुनाव से पहले प्रदेश की सियासत में घमासान मचा हुआ है. एक तरफ जहां कांग्रेस सिंधिया को भू-माफिया बताने पर तुली हुई है.कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया इस ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़े भूमाफिया हैं. उन्होंने सरकारी जमीन को जिला प्रशासन की मदद से अपने कब्जे में कर लिया है.

कांग्रेस देख रही जमीन के सपने

वहीं इस मामले में बीजेपी लगातार बचती नजर आ रही है. बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि कांग्रेस को इस समय सपने में जमीन दिख रही है, क्योंकि सिंधिया ने उनकी जमीन खिसका दी है और कांग्रेस का जमीन सबसे प्रिय विषय है. उनके खानदान का दामाद रॉबर्ट वाड्रा हजारों करोड़ों रूपये की जमीन दबा कर बैठा है, इसलिए उनको सपने में सिर्फ जमीन ही याद आती है.

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