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सीबीआई कोर्ट ने दो सगे भाइयों को पांच-पांच साल की सुनाई सजा

मध्यप्रदेश में आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में फर्जीवाड़ा करते हुए पकड़े गए दो सगे भाइयों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है और दोनों पर 3700- 3700 का अर्थदंड भी लगाया गया है. यह सजा सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सुनाई है.

CBI Special Court Gwalior
आरक्षक भर्ती परीक्षा केस
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Published : Jan 30, 2021, 4:47 PM IST

ग्वालियर। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में फर्जीवाड़ा करते पकड़े गए दो सगे भाइयों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है और दोनों पर 3700- 3700 का अर्थदंड भी लगाया गया है. दरअसल शिवपुरी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ आरक्षक अनिल भदौरिया अपने भाई सुनील भदौरिया के स्थान पर 2012 में आरक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुआ था.

दो सगे भाइयों को पांच-पांच साल की सुनाई सजा

खास बात यह है कि सुनील भदौरिया के नाम से 30 सितंबर 2012 को दो जगह एक ही तारीख में एक ही पते एक ही पिता के नाम से जब परीक्षा दी गई, तो स्क्रूटनी में यह मामला ओएमआर शीट में पकड़ में आया था, बाद में जांच पड़ताल की तो पता चला कि आरक्षक अनिल भदौरिया हरिसिंह, दर्शन सिंह हाई सेकेंडरी स्कूल में अपने भाई सुनील की जगह परीक्षा में शामिल हुआ था. जबकि साइंस कॉलेज में शामिल सुनील भदौरिया खुद परीक्षा में बैठा था.

मामले की जांच पड़ताल के बाद इसमें झांसी रोड पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था. शुरुआत में इस मामले की पहले जांच की गई. एसआईटी के बाद मामला सीबीआई के अधीन चला गया. सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र श्रीवास्तव ने इस मामले में अनिल भदौरिया और सुनील भदौरिया को पांच-पांच साल की सजा से दंडित किया है, वहीं दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

ग्वालियर। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में फर्जीवाड़ा करते पकड़े गए दो सगे भाइयों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है और दोनों पर 3700- 3700 का अर्थदंड भी लगाया गया है. दरअसल शिवपुरी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ आरक्षक अनिल भदौरिया अपने भाई सुनील भदौरिया के स्थान पर 2012 में आरक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुआ था.

दो सगे भाइयों को पांच-पांच साल की सुनाई सजा

खास बात यह है कि सुनील भदौरिया के नाम से 30 सितंबर 2012 को दो जगह एक ही तारीख में एक ही पते एक ही पिता के नाम से जब परीक्षा दी गई, तो स्क्रूटनी में यह मामला ओएमआर शीट में पकड़ में आया था, बाद में जांच पड़ताल की तो पता चला कि आरक्षक अनिल भदौरिया हरिसिंह, दर्शन सिंह हाई सेकेंडरी स्कूल में अपने भाई सुनील की जगह परीक्षा में शामिल हुआ था. जबकि साइंस कॉलेज में शामिल सुनील भदौरिया खुद परीक्षा में बैठा था.

मामले की जांच पड़ताल के बाद इसमें झांसी रोड पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था. शुरुआत में इस मामले की पहले जांच की गई. एसआईटी के बाद मामला सीबीआई के अधीन चला गया. सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र श्रीवास्तव ने इस मामले में अनिल भदौरिया और सुनील भदौरिया को पांच-पांच साल की सजा से दंडित किया है, वहीं दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

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