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पांच हजार की रिश्वत मांगने वाले अधिकारी को चार साल की सजा, देखें खबर

जिले में सेंट्रल विंडो प्रभारी भूपेश वर्मा द्वारा आउट सोर्स कंपनी के कर्मचारियों की पगार निकलवाने के लिए रिश्वत लेने का मामला सामने आया है.

जिला न्यायालय
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Published : Sep 14, 2019, 9:12 AM IST

ग्वालियर। जिला न्यायालय ने आउट सोर्स कंपनी के कर्मचारियों की पगार निकलवाने के लिए रिश्वत लेने वाले जयारोग्य अस्पताल के सेंट्रल विंडो प्रभारी भूपेश वर्मा को 4 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. फिलहाल आरोपी पुलिस के गिरफ्त में है.

रिश्वत मांगने वाले अधिकारी को चार साल की सजा
दरअसल शर्मा सिक्योरिटी के संचालक संजीव शर्मा ने अस्पताल में कार्यरत 19 कंप्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर की मार्च 2014 से अप्रैल 2015 तक की रुकी हुई पगार को निकलवाने के लिए भूपेश से संपर्क किया था, जिसके लिए भूपेश ने 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी. संजीव ने बताया कि कंप्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर की हर माह पगार निकलवाने के लिए 5 हजार रुपए की रिश्वत भूपेश ने अलग से मांगी थी. वहीं सबूत के तौर पर वॉइस रिकॉर्ड और रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया. इसके साथ ही मामले की सूचना संजीव शर्मा ने लोकायुक्त पुलिस को दी, जिसके आधार पर कोर्ट में भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, जहां उसे दोषी घोषित कर दिया गया.

ग्वालियर। जिला न्यायालय ने आउट सोर्स कंपनी के कर्मचारियों की पगार निकलवाने के लिए रिश्वत लेने वाले जयारोग्य अस्पताल के सेंट्रल विंडो प्रभारी भूपेश वर्मा को 4 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. फिलहाल आरोपी पुलिस के गिरफ्त में है.

रिश्वत मांगने वाले अधिकारी को चार साल की सजा
दरअसल शर्मा सिक्योरिटी के संचालक संजीव शर्मा ने अस्पताल में कार्यरत 19 कंप्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर की मार्च 2014 से अप्रैल 2015 तक की रुकी हुई पगार को निकलवाने के लिए भूपेश से संपर्क किया था, जिसके लिए भूपेश ने 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी. संजीव ने बताया कि कंप्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर की हर माह पगार निकलवाने के लिए 5 हजार रुपए की रिश्वत भूपेश ने अलग से मांगी थी. वहीं सबूत के तौर पर वॉइस रिकॉर्ड और रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया. इसके साथ ही मामले की सूचना संजीव शर्मा ने लोकायुक्त पुलिस को दी, जिसके आधार पर कोर्ट में भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, जहां उसे दोषी घोषित कर दिया गया.
Intro:ग्वालियर
ग्वालियर जिला न्यायालय ने आउट सोर्स कंपनी के कर्मचारियों की पगार निकलवाने के लिए रिश्वत लेने वाले जया रोग्य अस्पताल के सेंट्रल विंडो प्रभारी भूपेश वर्मा को 4 साल के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है उस पर दस हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।


Body:दरअसल अंचल के सबसे बड़े जया रोग्य चिकित्सालय समूह में सेंट्रल विंडो इंचार्ज भूपेश वर्मा में शर्मा सिक्योरिटी एजेंसी के अस्पताल में कार्यरत 19 कंप्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर की मार्च 2014 से अप्रैल 2015 तक की रुकी हुई पगार को निकलवाने के लिए भूपेश से संपर्क किया था भूपेश ने कर्मचारियों की पगार निकलवाने के लिए 10000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। घटना 18 मई 2015 की है। इसकी शिकायत शर्मा सिक्योरिटी के संचालक संजीव शर्मा ने लोकायुक्त पुलिस को की थी।उसे अस्पताल कैंपस में रिश्वत लेते हुए 20 मई 2015 को गिरफ्तार किया गया था।


Conclusion:शर्मा सिक्योरिटी एजेंसी के संचालक संजीव ने बताया था कि कंप्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर कि हर महीने कगार निकलवाने के लिए पांच हजार रुपए प्रतिमाह भूपेश ने अलग से रिश्वत की मांग की थी। इसी आधार पर उसकी लोकायुक्त पुलिस के वॉइस रिकॉर्डर में आवाज कैद हुई थी। बाद में उसे रिश्वत लेते हुए भी पकड़ा गया था विशेष कोर्ट में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। जहां शुक्रवार को भूपेश वर्मा को दोषी पाया गया और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बाइट अरविंद श्रीवास्तव अधिवक्ता लोकायुक्त जिला न्यायालय ग्वालियर
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