ग्वालियर। मध्य प्रदेश बिजली पारेषण कर्मचारी संघ का दो दिवसीय अधिवेशन शनिवार को ग्वालियर में शुरू हो गया.इस अधिवेशन में बिजली कर्मचारियों के विभिन्न संगठन कंपनी में बढ़ते निजी करण को लेकर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं. आगे की लड़ाई की रूपरेखा तय कर रहे हैं.
दरअसल सरकारें शासकीय कंपनियों को निजीकरण की ओर धकेल रहीं हैं. इससे बिजली कंपनी भी अछूती नहीं हैं. यहां स्थाई कर्मचारियों पर वर्क लोड बढ़ गया है. वहीं आउट सोर्स कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है. जबकि यह कार्य स्थाई प्रकृति का है. लेकिन सरकारें हर सरकारी उपक्रम को निजी करने पर तुली हुई हैं.
ग्वालियर में यह अधिवेशन रविवार को भी जारी रहेगा. इसमें प्रदेश के कर्मचारी यूनियन के सदस्य हिस्सा ले रहे हैं. उनका कहना है कि इस दो दिवसीय अधिवेशन में जो भी विचार निकल के सामने आएंगे, उस पर संगठन आगे के आंदोलन की रूपरेखा तय करेगा. क्योंकि अब बिजली कर्मचारी संगठन सरकारी रवैए के खिलाफ चुपचाप नहीं बैठेंगे.