ग्वालियर। राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में करणी सेना के आंदोलन के दौरान सीएम शिवराज को लेकर किसी असामाजिक तत्व की ओर से अभद्र टिप्पणी की गई थी, जो मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. पूरे प्रदेश के बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरफ से ये मांग उठने लगी है कि, जिन लोगों ने अभद्र टिप्पणी की है. वो सार्वजनिक रुप से अपने कृत्य के लिए माफी मांगें. साथ ही अब ओबीसी महासभा और किरार क्षत्रिय महासभा ने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.
ओबीसी महासभा क् वीडियो के खिलाफ कार्रवाई की मांग: ग्वालियर में शुक्रवार को इसे लेकर एक बड़े आंदोलन का ऐलान किया गया. किरार क्षत्रिय महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर गुलाब सिंह के नेतृत्व में किरार भवन गांधी रोड से एक रैली निकाली गई, जो पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर जाकर खत्म हुई. यहां प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एसपी ऑफिस में जमकर नारेबाजी की(Gwalior OBC Mahasabha Protest Against Karni Sena). किरार क्षत्रिय महासभा और ओबीसी महासभा ने पुलिस अधीक्षक अमित सांघी को ज्ञापन देकर करणी सेना के उक्त वीडियो में दिख रहे युवाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
ओबीसी महासभा ने लगाए सीएम जिंदाबाद के नारे: ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने करणी सेना मुर्दाबाद के नारे लगाए और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जिंदाबाद के नारे लगाए. ग्वालियर में किरार और ओबीसी महासभा ने सड़क पर उतरकर विरोध जताया है. वहीं एसपी ने भी माना है कि वीडियो की भाषा बेहद आपत्तिजनक है. ऐसे में वायरल वीडियो का परीक्षण कराकर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल: भोपाल में 8 जनवरी 2023 को जंबूरी मैदान में हुए करणी सेना के आंदोलन के कुछ ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिनमें कुछ प्रदर्शनकारी युवक सीएम शिवराज के खिलाफ अभद्र और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं. पिपलानी पुलिस इन वीडियो की जांच में जुटी है. अब इस मामले के विरोध में किरार और ओबीसी महासभा सड़क पर उतर आईं है.
CM शिवराज पर अभद्र टिप्पणी का मामला गर्माया, BJP नेता ने की सार्वजनिक माफी की मांग
करणी सेना ने दी सफाई: करणी सेना के नेता कहा कि हम लगातार ये स्पष्ट कर रहे हैं कि जो भी व्यक्ति है, उसकी जांच होनी चाहिए. उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई कैसे अभद्र टिप्पणी कर सकता है. विरोध हमने भी किया लेकिन हमारी भाषा संयत है. करणी सेना तो लगातार प्रशासन से ये कह रही है कि ऐसे गलत लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. ताकि आगे से वो इस तरह की भाषा का इस्तेमाल ना कर पाए. इसकी जांच भी होनी चाहिए कि ये व्यक्ति आया कहां से, राजपूत समाज का कोई भी व्यक्ति ऐसी असंयत भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता. कहीं ये किसी का षडयंत्र तो नहीं, इसकी भी जांच होनी चाहिए.