ग्वालियर। मुरैना जिले के बाद अब ग्वालियर में भी नर्सिंग परीक्षा में छात्रों के द्वारा सामूहिक नकल करने का मामला सामने आया है. बुधवार को जयारोग्य अस्पताल में नर्सिंग की प्रायोगिक परीक्षाएं हुईं, जिनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. इसमें नर्सिंग छात्र सामूहिक नकल करते हुए दिखाई दे रहे हैं. हालांकि अभी तक इस मामले में कोई भी अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है.
ग्वालियर-चंबल अंचल में सैकड़ों फर्जी नर्सिंग कॉलेज : बता दें कि कुछ दिन पहले ही मुरैना जिला अस्पताल के परिसर में नर्सिंग छात्रों द्वारा मोबाइल और सामूहिक नकल करने का वीडियो देशभर में वायरल हुआ था. इसके बाद आनन-फानन में अपनी नाकामी को छुपाने के लिए जिला प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की,लेकिन अब तक उसकी जांच पूरी नहीं हो पाई है. यह मामला अभी गर्म और इसी दौरान ग्वालियर में भी सामूहिक नकल का मामला सामने आ गया है. गौरतलब है कि ग्वालियर-चंबल अंचल में सैकड़ों की संख्या में फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं. आधे से ज्यादा कॉलेज तो ऐसे हैं, जिनकी न तो बिल्डिंग है और न ही कक्षाएं संचालित होती हैं.
छात्रों को पास करने का ठेका होता है : ग्वालियर अंचल में देश के अलग-अलग राज्यों से छात्र नर्सिंग कोर्स करने के लिए आते हैं और इन छात्रों से पास करने का ठेका लिया जाता है. अभी हाल में ही नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े को लेकर हाईकोर्ट ने भी सख्त नाराजगी जाहिर की थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि ग्वालियर चंबल अंचल में नर्सिंग कॉलेजों में अनिमितताएं हो रही हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट से नर्सिंग काउंसलिंग को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर इसको नहीं रोका गया तो यह मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले से भी बड़ा घोटाला निकल कर सामने आएगा.
हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद भी कोई असर नहीं : हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद भी माफिया रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. यही वजह है कि मुरैना जिले के बाद अब ग्वालियर में भी नर्सिंग कॉलेज संचालक छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ग्वालियर चंबल अंचल में दो सैकड़ा से अधिक नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जिनमें आधे से ज्यादा ऐसे नर्सिंग कॉलेज हैं, जो किसी भी पैरामीटर्स का पालन नहीं कर रहे. यहां तक कि सिर्फ कागजों में ही नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं. यह मामला लगातार तूल पकड़ रहा है, लेकिन इसके बावजूद सरकार और जिला प्रशासन इस फर्जी नर्सिंग कॉलेज कांड को लेकर गंभीर नहीं है. (mass copying in nursing examination) ( Gwalior mass copying case)