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गुना पुलिस अपनाएगी अंग्रेजों का तरीका, एसपी ने बताया पूरा प्लान

गुना के एसपी ने एक नई पहल की है, जिसके तहत अपराधों का अनुंसधान करने के लिए पुलिस अधिकारी को अपने पास एक डायरी रखनी है और हफ्ते भर के अपराधों को दर्ज करना है.

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Published : Oct 16, 2019, 4:02 PM IST

अंग्रजों की डायरी वाला पैटर्न अपनाएगी गुना पुलिस

गुना। एसपी राहुल लोढ़ा अपराध अनुसंधान के साथ ही पुलिस महकमे को अपडेट रखने के लिए लगातार बदलाव कर रहे हैं. आरोपियों की धरपकड़ कराने के बाद अब एसपी ने ब्रिटिश हुकुमत के वक्त चलने वाली साप्ताहिक डायरी का नया पैटर्न शुरू किया है. जिसके तहत अपराधों का अनुंसधान करने वाले पुलिस अधिकारी को अपने पास एक डायरी रखनी होगी, इस डायरी में उन्हें हफ्ते भर के अपराधों में क्या-क्या काम किया गया, इसका पूरा बहीखाता दर्ज करना होगा.

अंग्रजों की डायरी वाला पैटर्न अपनाएगी गुना पुलिस

वहीं डायरी की मॉनटरिंग का काम थाना प्रभारियों को सौंपा गया है, जो प्रत्येक सोमवार को डायरी में दर्ज अपराधों का आंकलन करने के बाद इसकी जांच रिपोर्ट एसपी को सौपेंगे.

विभागीय काम में तेजी लाने अपनाया फार्मूला

एसपी ने यह फार्मूला अपराधों में रोकथाम करने के साथ ही विभागीय कामों में गति लाने के मकसद से अपनाया है. उनका कहना है कि आने वाले समय में सकारात्मक नतीजे भी देखने को मिलेंगे, अभी तक अपराधों की समीक्षा रिपोर्ट क्राइम मीटिंग में ही सामने आती थी, लेकिन साप्ताहिक डायरी के जरिए गुमशुदगी, हिस्ट्रीशिटर, आदतन अपराधी, चोरी, लूट, डकैती, हत्या सहित दूसरे अन्य अपराधों की समीक्षा हर हफ्ते कर सकेंगे.

जांच प्रतिवेदन की भी होगी जांच

वहीं विवेचक अपने मन मुताबिक स्टेटस रिपोर्ट डायरी में दर्ज नहीं कर सकते हैं .हफ्तेभर के काम की सारी जानकारी और हकीकत डायरी में दर्ज करनी होगें, क्योंकि जांच प्रतिवेदन पहुंचने के बाद एसपी खुद सप्ताह भर के कामों का फीडबेक और फॉलोअप लेने के साथ ही उसकी जांच भी करेंगे.

गुना। एसपी राहुल लोढ़ा अपराध अनुसंधान के साथ ही पुलिस महकमे को अपडेट रखने के लिए लगातार बदलाव कर रहे हैं. आरोपियों की धरपकड़ कराने के बाद अब एसपी ने ब्रिटिश हुकुमत के वक्त चलने वाली साप्ताहिक डायरी का नया पैटर्न शुरू किया है. जिसके तहत अपराधों का अनुंसधान करने वाले पुलिस अधिकारी को अपने पास एक डायरी रखनी होगी, इस डायरी में उन्हें हफ्ते भर के अपराधों में क्या-क्या काम किया गया, इसका पूरा बहीखाता दर्ज करना होगा.

अंग्रजों की डायरी वाला पैटर्न अपनाएगी गुना पुलिस

वहीं डायरी की मॉनटरिंग का काम थाना प्रभारियों को सौंपा गया है, जो प्रत्येक सोमवार को डायरी में दर्ज अपराधों का आंकलन करने के बाद इसकी जांच रिपोर्ट एसपी को सौपेंगे.

विभागीय काम में तेजी लाने अपनाया फार्मूला

एसपी ने यह फार्मूला अपराधों में रोकथाम करने के साथ ही विभागीय कामों में गति लाने के मकसद से अपनाया है. उनका कहना है कि आने वाले समय में सकारात्मक नतीजे भी देखने को मिलेंगे, अभी तक अपराधों की समीक्षा रिपोर्ट क्राइम मीटिंग में ही सामने आती थी, लेकिन साप्ताहिक डायरी के जरिए गुमशुदगी, हिस्ट्रीशिटर, आदतन अपराधी, चोरी, लूट, डकैती, हत्या सहित दूसरे अन्य अपराधों की समीक्षा हर हफ्ते कर सकेंगे.

जांच प्रतिवेदन की भी होगी जांच

वहीं विवेचक अपने मन मुताबिक स्टेटस रिपोर्ट डायरी में दर्ज नहीं कर सकते हैं .हफ्तेभर के काम की सारी जानकारी और हकीकत डायरी में दर्ज करनी होगें, क्योंकि जांच प्रतिवेदन पहुंचने के बाद एसपी खुद सप्ताह भर के कामों का फीडबेक और फॉलोअप लेने के साथ ही उसकी जांच भी करेंगे.

Intro:

गुना। गुना एसपी राहुल लोढ़ा अपराध अनुसंधान के साथ ही पुलिस महकमे को अपडेट रखने लगातार आमूलचूल बदलाव ला रहे हैं। वारंटियों की धरपकड़ कराने के बाद अब एसपी ने ब्रिटिश हुकुमत के समय में चलने वाली साप्ताहिक डायरी का नया पैर्टन शुरू किया है। इसके तहत अपराधों का अनुंसधान करने वाले पुलिस अधिकारी को अपने पास एक डायरी रखनी होगी। इस डायरी में उसने हफ्ते भर अपराधों में क्या-क्या काम किया। इसका पूरा बहीखाता उसे डायरी में दर्ज करना होगा। डायरी की मॉनटरिंग का काम थाना प्रभारियों को सौंपा गया है, जो प्रत्येक सोमवार को डायरी में दर्ज अपराधों का आकलन करने के बाद इसकी जांच रिपोर्ट एसपी को सौंपेगें। 





Body:विभागीय काम में तेजी लाने अपनाया फार्मूला-

एसपी ने यह फार्मूला अपराधों में रोकथाम करने के साथ ही विभागीय कामों गति लाने के मकसद से अपनाया है। एसपी की माने तो इसके आने वाले समय में सकारात्मक नतीजे भी देखने मिलेंगे। अभी तक अपराधों की समीक्षा रिपोर्ट क्राइम मीटिंग में ही सामने आती है। लेकिन साप्ताहिक डायरी के जरिए एसपी मर्ग, गुमशुदगी, हिस्ट्रीशिटर, आदतन अपराधी, चोरी, लूट, डकैती, हत्या सहित दूसरे अन्य अपराधों की समीक्षा हर हफ्ते यानि सोमवार को कर सकेंगे। 

जांच प्रतिवेदन की भी होगी जांच-



Conclusion:विवेचक अपने मन मुताबिक स्टेटस रिपोर्ट डायरी में दर्ज नहीं कर सकते। अपने हफ्तेभर के जमीन काम की सारी हकीकत उन्हें डायरी में मर्ज करनी होगी। क्योंकि जांच प्रतिवेदन  पहुंचने के बाद एसपी खुद सप्ताह भर के कामों का फीडबेक और फालोअप लेने के साथ ही उसकी जांच भी कराएंगें। यदि स्टेटस रिपोर्ट में जरा भी फर्जीवाड़ा पाया जाता है, तो विवेचक का नपना भी तय रहेगा। 
बाइट राहुल कुमार लोढ़ा पुलिस अधीक्षक गुना।
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