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Guna PM Awas Yojna: विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री आवास बड़ा मुद्दा बना, पंचायत मंत्री व कलेक्टर के अपने दावे - गुना में पीएम आवास योजना

गुना जिले में विधासनभा चुनाव से पहले आदिवासियों ने प्रधानमंत्री आवास को लेकर आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है. वहीं इस मामले में कलेक्टर तरुण राठी का कहना है कि पुराने आवासों का निर्माण पहली प्राथमिकता है. दूसरी तरफ, पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा 10 हजार आवास के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है.

Guna PM Awas Yojna
विधासनभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री आवास बड़ा मुद्दा बना
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Published : Aug 11, 2023, 5:18 PM IST

विधासनभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री आवास बड़ा मुद्दा बना

गुना। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए हितग्राही सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं. गुना जिले में सबसे ज्यादा आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर हैं. पीएम आवास पाने के लिए ज्यादातर आदिवासी समाज आवेदन दे रहा है. ग्रामीण इलाकों में पंचायत विभाग द्वारा पीएम आवास स्वीकृत किये जाते हैं. वहीं शहरी क्षेत्र में नगरपालिका द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है. बता दें कि पीएम आवास योजना बड़े स्तर पर वोट बैंक को भी प्रभावित करती है.

कलेक्ट्रेट में डेस्क बनाई : पीएम आवास योजना केंद्र सरकार की लाइफलाइन योजनाओं में शुमार है. प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदनों को लेने के लिए गुना में कलेक्टर द्वारा अलग से डेस्क स्थापित की गई है. जिला प्रशासन को भी पता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का क्या महत्व है. फिलहाल पीएम आवास की डेस्क पर रोजाना प्रशासन को सैकड़ों आवेदन प्राप्त हो रहे हैं. ग्रामीण इलाकों चार किश्तों में 1 लाख 20 हजार रुपये आवास निर्माण के लिए स्वीकृत किये जाते हैं. 2021-22 के बाद से पीएम आवास स्वीकृत नहीं किये गए.

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पहला काम पुराना लक्ष्य पाना : जिले में अब तक 78,277 आवास ग्रामीण इलाकों में निर्मित हुए हैं. कलेक्टर ने प्रधानमंत्री आवास योजना के विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि रोजाना कई आवेदन प्राप्त हो रहे हैं. शासन की मंशा है कि सबसे पहले अधूरे आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाए. कलेक्टर का कहना है कि हमारा पहला लक्ष्य पुराने आवासों को पूरा कराना है. भविष्य में जब भी पीएम आवास की सूची बनाई जाएगी, उसमें हितग्राहियों के नाम जोड़े जाएंगे. वहीं, पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने आदिवासियों के लिए 10 हजार नए आवास केंद्र सरकार के माध्यम से स्वीकृत कराने की बात कही है.

विधासनभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री आवास बड़ा मुद्दा बना

गुना। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए हितग्राही सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं. गुना जिले में सबसे ज्यादा आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर हैं. पीएम आवास पाने के लिए ज्यादातर आदिवासी समाज आवेदन दे रहा है. ग्रामीण इलाकों में पंचायत विभाग द्वारा पीएम आवास स्वीकृत किये जाते हैं. वहीं शहरी क्षेत्र में नगरपालिका द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है. बता दें कि पीएम आवास योजना बड़े स्तर पर वोट बैंक को भी प्रभावित करती है.

कलेक्ट्रेट में डेस्क बनाई : पीएम आवास योजना केंद्र सरकार की लाइफलाइन योजनाओं में शुमार है. प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदनों को लेने के लिए गुना में कलेक्टर द्वारा अलग से डेस्क स्थापित की गई है. जिला प्रशासन को भी पता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का क्या महत्व है. फिलहाल पीएम आवास की डेस्क पर रोजाना प्रशासन को सैकड़ों आवेदन प्राप्त हो रहे हैं. ग्रामीण इलाकों चार किश्तों में 1 लाख 20 हजार रुपये आवास निर्माण के लिए स्वीकृत किये जाते हैं. 2021-22 के बाद से पीएम आवास स्वीकृत नहीं किये गए.

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