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दंपति पिटाई मामले में गुना पहुंची कांग्रेस की टीम, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत

किसान दंपति के पिटाई के मामले में कांग्रेस की जांच टीम गुना पहुंची, जहां पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और मामले में प्रदेश सरकार द्वारा कि गई कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं.

Ex-minister Jayawardhan Singh
पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह
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Published : Jul 17, 2020, 4:35 PM IST

गुना। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुना में किसान दंपति के पिटाई के मामले में जांच के लिए 7 सदस्य टीम का गठन किया है. जिसमें पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह भी शामिल हैं. मामले की जांच के लिए आज पूर्व नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह गुना के जगनपुर चक जांच करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उनका कहना है कि 14 जुलाई को जो हादसा बहुत वह दुखद था. पूरे देश में इस घटना की निंदा की गई है, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि शिवराज सरकार 24 घंटे बाद भी किसी हल पर नहीं पहुंच पाई.

जयवर्धन सिंह ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत

जयवर्धन सिंह ने कार्रवाई पर उठाए सवाल

जयवर्धन सिंह का कहना है कि शिवराज सरकार ने अब तक एसपी, कलेक्टर के ट्रांसफर किए और कल एसपी द्वारा छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया, जबकि इस घटना में और भी कई लोग शामिल थे, जिन पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है. उनका कहना है कि गुना के नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सलूजा ने स्वयं राजस्व के अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिस परिवार के साथ जुल्म हुआ है, वह किसान परिवार था, गरीब परिवार था जो लगभग 2 साल से वहां खेती कर रहा था.

जयवर्धन सिंह का कहना है कि हैरानी की बात तो यह है कि जिस गब्बू पारदी का कब्जा उस जगह पर था. उस पर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है. उल्टा दलित परिवार के राजकुमार अहिरवार और उसके परिजनों पर FIR दर्ज की गई. उनका कहना है कि कहीं ना कहीं यह बहुत बड़ी अनदेखी है जिसको दृष्टिगत रखते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने जांच कमेटी गठित कर हमें भेजा है. हम पूरी जांच करके रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजेंगे और इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएंगे.

जयवर्धन सिंह ने वीडी शर्मा पर साधा निशाना

वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर इस घटना में शामिल होने के आरोप लगाया है. इस पर जयवर्धन सिंह ने कहा वीडी शर्मा इतने बड़े पद पर हैं और ऐसा मजाक करते हैं. इससे यह स्पष्ट दिखाई देता है कि बीजेपी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है. यदि इस मुद्दे को गंभीरता से लेती तो निष्पक्ष जांच कराती. दिग्विजय सिंह और हमारा परिवार लगभग 200 वर्षों से मंदिरों के लिए और गरीबों के लिए जमीन दान करता चला आ रहा है और आज तक हमारे ऊपर इस तरह का कोई भी आरोप नहीं है. लोगों का दिमाग मुद्दों से हटाने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं. कोई भी राजनीतिक दल जो खरीदकर सरकार बनाएगा उसे जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. वह विधायक जो कांग्रेस के मैंडेट पर चुनाव जीते थे, अब बीजेपी में आ गए हैं उन्हें जनता जवाब देगी.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि गुना के जगनपुर गांव में पीजी कॉलेज की जमीन पर कई सालों से पूर्व पार्षद गप्पू पारदी और उसके परिवार का कब्जा है. उसने ये जमीन राजकुमार अहिरवार को खेती के लिए दी हुई थी . मंगलवार दोपहर अचानक नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता एसडीएम के नेतृत्व में वहां पहुंचा था और राजकुमार की फसल पर बुल्डोजर चलवाना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासनिक अमले ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर किसान परिवार को सार्वजनिक तौर पर इतना प्रताड़ित किया कि उसने सबके सामने जहर पी लिया था.

गुना। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुना में किसान दंपति के पिटाई के मामले में जांच के लिए 7 सदस्य टीम का गठन किया है. जिसमें पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह भी शामिल हैं. मामले की जांच के लिए आज पूर्व नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह गुना के जगनपुर चक जांच करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उनका कहना है कि 14 जुलाई को जो हादसा बहुत वह दुखद था. पूरे देश में इस घटना की निंदा की गई है, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि शिवराज सरकार 24 घंटे बाद भी किसी हल पर नहीं पहुंच पाई.

जयवर्धन सिंह ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत

जयवर्धन सिंह ने कार्रवाई पर उठाए सवाल

जयवर्धन सिंह का कहना है कि शिवराज सरकार ने अब तक एसपी, कलेक्टर के ट्रांसफर किए और कल एसपी द्वारा छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया, जबकि इस घटना में और भी कई लोग शामिल थे, जिन पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है. उनका कहना है कि गुना के नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सलूजा ने स्वयं राजस्व के अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिस परिवार के साथ जुल्म हुआ है, वह किसान परिवार था, गरीब परिवार था जो लगभग 2 साल से वहां खेती कर रहा था.

जयवर्धन सिंह का कहना है कि हैरानी की बात तो यह है कि जिस गब्बू पारदी का कब्जा उस जगह पर था. उस पर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है. उल्टा दलित परिवार के राजकुमार अहिरवार और उसके परिजनों पर FIR दर्ज की गई. उनका कहना है कि कहीं ना कहीं यह बहुत बड़ी अनदेखी है जिसको दृष्टिगत रखते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने जांच कमेटी गठित कर हमें भेजा है. हम पूरी जांच करके रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजेंगे और इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएंगे.

जयवर्धन सिंह ने वीडी शर्मा पर साधा निशाना

वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर इस घटना में शामिल होने के आरोप लगाया है. इस पर जयवर्धन सिंह ने कहा वीडी शर्मा इतने बड़े पद पर हैं और ऐसा मजाक करते हैं. इससे यह स्पष्ट दिखाई देता है कि बीजेपी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है. यदि इस मुद्दे को गंभीरता से लेती तो निष्पक्ष जांच कराती. दिग्विजय सिंह और हमारा परिवार लगभग 200 वर्षों से मंदिरों के लिए और गरीबों के लिए जमीन दान करता चला आ रहा है और आज तक हमारे ऊपर इस तरह का कोई भी आरोप नहीं है. लोगों का दिमाग मुद्दों से हटाने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं. कोई भी राजनीतिक दल जो खरीदकर सरकार बनाएगा उसे जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. वह विधायक जो कांग्रेस के मैंडेट पर चुनाव जीते थे, अब बीजेपी में आ गए हैं उन्हें जनता जवाब देगी.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि गुना के जगनपुर गांव में पीजी कॉलेज की जमीन पर कई सालों से पूर्व पार्षद गप्पू पारदी और उसके परिवार का कब्जा है. उसने ये जमीन राजकुमार अहिरवार को खेती के लिए दी हुई थी . मंगलवार दोपहर अचानक नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता एसडीएम के नेतृत्व में वहां पहुंचा था और राजकुमार की फसल पर बुल्डोजर चलवाना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासनिक अमले ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर किसान परिवार को सार्वजनिक तौर पर इतना प्रताड़ित किया कि उसने सबके सामने जहर पी लिया था.

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