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आदिवासी युवती के पंखों को मिली उड़ान, दो साल बाद सपने हुए साकार

डिंडौरी जिले की रहने वाली आदिवासी महिला मंती धुर्वे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत ट्रैक्टर खरीदना चाहती थी. लेकिन बैंक के अधिकारियों की लापरवाही के चलते उसे ट्रैक्टर नहीं मिल पा रहा था. लेकिन जब इस बारे में श्रम एवं सूक्ष्म विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह को जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल मंती को ट्रैक्टर दिलाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए.

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Published : Oct 15, 2019, 12:08 AM IST

मंती को मिला ट्रैक्टर

डिंडौरी। कहते है कुछ करने की चाहत तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया डिंडौरी की रहने वाली आदिवासी महिला मंती धुर्वे ने. गरीबी में जिंदगी गुजार रही मंती अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी. मंती मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत ट्रैक्टर लेना चहती थी. लेकिन प्रशासन की लचरता उनकी राह में रोड़ा बनकर खड़ी थी.

आदिवासी युवती के पंखों को मिली उड़ान

लेकिन कहते है कि वक्त भी बदलता है और किस्मत भी, मंती के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. जब डिंडौरी जिला मुख्खालय में श्रम एवं सूक्ष्म विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह का आगमन हुआ. जब उन्हें इस बात की जानकारी लगी की मंती को ट्रैक्टर नहीं मिल पा रहा है. तो उन्होंने बैंक के अधिकारियों को फटकार लगाकर मंती को जल्द से जल्द टैक्टर दिलाने के निर्देश दिए.

सचिव के आदेश पर जिला प्रशासन हरकत में आया और डिंडौरी कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने मंती को ट्रैक्टर की चाबी थमाकर उसकी उम्मीदों को चार चांद लगा दिए. ट्रैक्टरी का चाबी पाकर मंती की खुशी का भी ठिकाना नहीं रहा. मंती बाई का कहना था कि उन्हें ट्रैक्टर से रोजगार तो मिलेगा ही वे दूसरी युवतियों को भी इससे प्रेरित करेगी. मंती आज के दौर में आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले की महिलाओं को लिए प्रेरणा स्वरुप है. क्योंकि उन्होंने जो ठाना वो कर दिखाया. दो सालों से चल रही उनकी लड़ाई आखिरकार रंग लाई. ईटीवी भारत भी मंती को उनकी इस उपलब्धि पर बंधाई देता है.

डिंडौरी। कहते है कुछ करने की चाहत तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया डिंडौरी की रहने वाली आदिवासी महिला मंती धुर्वे ने. गरीबी में जिंदगी गुजार रही मंती अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी. मंती मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत ट्रैक्टर लेना चहती थी. लेकिन प्रशासन की लचरता उनकी राह में रोड़ा बनकर खड़ी थी.

आदिवासी युवती के पंखों को मिली उड़ान

लेकिन कहते है कि वक्त भी बदलता है और किस्मत भी, मंती के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. जब डिंडौरी जिला मुख्खालय में श्रम एवं सूक्ष्म विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह का आगमन हुआ. जब उन्हें इस बात की जानकारी लगी की मंती को ट्रैक्टर नहीं मिल पा रहा है. तो उन्होंने बैंक के अधिकारियों को फटकार लगाकर मंती को जल्द से जल्द टैक्टर दिलाने के निर्देश दिए.

सचिव के आदेश पर जिला प्रशासन हरकत में आया और डिंडौरी कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने मंती को ट्रैक्टर की चाबी थमाकर उसकी उम्मीदों को चार चांद लगा दिए. ट्रैक्टरी का चाबी पाकर मंती की खुशी का भी ठिकाना नहीं रहा. मंती बाई का कहना था कि उन्हें ट्रैक्टर से रोजगार तो मिलेगा ही वे दूसरी युवतियों को भी इससे प्रेरित करेगी. मंती आज के दौर में आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले की महिलाओं को लिए प्रेरणा स्वरुप है. क्योंकि उन्होंने जो ठाना वो कर दिखाया. दो सालों से चल रही उनकी लड़ाई आखिरकार रंग लाई. ईटीवी भारत भी मंती को उनकी इस उपलब्धि पर बंधाई देता है.

Intro:एंकर _ मन मे कुछ कर गुजरने की इच्छा शक्ति हो तो हर मुश्किलें आसान सी लगती है। ऐसा ही कुछ सोचा था डिंडौरी जिले की आदिवासी युवती मंती धुर्वे ने।जिसने वर्ष 2017 में गाँव मे ही ट्रैक्टर चलाना सीखा और स्वयं के पैरों में खड़े होने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत ट्रैक्टर पाने के लिए हर वह दस्तावेज बैंकों को उपलब्ध करवाया जिसे बैंकों द्वारा मांगा गया था।लेकिन बैंकों में दस्तावेज उपलब्ध करवाने के बाद भी समस्या बनी रही।लेकिन इसी दौरान प्रदेश के प्रमुख सचिव श्रम एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग अशोक शाह का डिंडौरी आगमन हुआ और उन्होंने जानकारी के बाद मंच से ही बैंक के अधिकारियो को फटकार लगाकर जल्द मंती बाई को ट्रैक्टर देने के निर्देश दिए थे जिसके बाद आज जिला कलेक्टर के हाथों मंती बाई को ट्रैक्टर प्रदान किया है।अब मंतीबाई अपने खेत सहित गाँव और अपने क्षेत्र में ट्रैक्टर चलाकर अपने पैरों में खड़े होंगी और समाज की महिलाओ को भी इसके लिए प्रेरित करेगी।


Body:वि ओ 01 ट्रैक्टर की चाबी को डिंडौरी कलेक्टर के हाथों पाकर मंती बाई की खुशी का मानो ठिकाना न रहा।मंती बाई का कहना था कि अब ट्रेक्टर के जरिये वे अपने खेत सहित अन्य सभी कामो को करेंगी जिससे उन्हें आमदनी प्राप्त होगी।आपको बता दे कि मंती बाई एक जागरूक आदिवासी युवती है जो समाज की अन्य युवतियों को भी आगे आने के लिए प्रेरित करेंगी।


वि ओ 02 दरअसल डिंडौरी मुख्यालय के जिला पंचायत कार्यालय प्रांगण में बीते दिनों जिला स्तरीय ऋण वितरण शिविर का आयोजन किया गया था ।जिसमे मुख्य अतिथि के तौर पर मध्यप्रदेश शासन के श्रम एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह शिरकत करने भोपाल से पहुँचे थे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत स्वयं का रोजगार स्थापित करने वाले लगभग 207 हितग्राहियों को 10 करोड़ के लगभग ऋण अलग अलग बैंकों से कार्यक्रम के माध्यम से वितरित किया जाना था। जिसमे जिले भर के हितग्राही शिविर में पहुँचे थे। कार्यक्रम के दौरान जब पंजाब बैंक द्वारा मंती बाई धुर्वे को ट्रैक्टर की जगह उसे स्वीकृति पत्र दिया गया था तो पीएस अशोक शाह ने इसका कारण पहुँचा जहाँ बैंक अधिकारियों ने बताया कि मंती बाई ने सम्पूर्ण दस्तावेज सहित मार्जिन मनी अब तक जमा नही की।यह सब सुनते ही पीएस नाराज हो गए और पंजाब बैंक के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई भी लगाई थी। जबकि मंच से ही मंती बाई ने बताया कि उसने सारे दस्तावेज 2 माह पहले ही बैंक में जमा कर दिए थे लेकिन मार्जिन मनी और जमीन का खसरा नक्सा जमा नही किया था।इसके चलते उन्हें आज ट्रैक्टर नही दिया गया जबकि वे 2017 से ट्रैक्टर पाने के लिए बैंकों के चक्कर काट रही थी।


Conclusion:बाइट 01 मंती बाई धुर्वे,हितग्राही
बाइट 02 बी कार्तिकेयन ,कलेक्टर डिंडौरी
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