डिंडौरी। भले ही सरकारें योजनाएं लाकर अपनी पीठ थपथपाती रहती हैं, पर इन योजनाओं से कोई करिश्माई बदलाव नहीं होने वाला है, आजादी के बाद से अब तक ये योजनाएं कोई खास करिश्मा नहीं दिखा सकी हैं, इसके पीछे लचर प्रशासनिक व्यवस्था को जिम्मेदार माना जा सकता है क्योंकि जब तक इन योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचेगा, तब तक स्थिति जस की तस बनी रहेगी. डिंडौरी जिले के शहपुरा तहसील के मानिकपुर ग्राम पंचायत में आज भी ऐसे परिवार रहते हैं, जोकि खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजार रहे हैं या फिर छप्पर-पन्नी की छत बनाकर गुजर-बसर कर रहे हैं.
मानिकपुर ग्राम पंचायत में एक गरीब आदिवासी परिवार पेड़ के नीचे झोपड़ी बनाकर रह रहा है, जबकि कई परिवार ऐसे भी हैं, जिन्हें बारिश के मौसम में खुले आसमान के नीचे टूटी-फूटी कच्ची झोपड़ियों में रात गुजारनी पड़ती है. हैरान करने वाली बात यह है कि सरपंच को इस बात की जानकारी भी है, पर नियमों का हवाला देकर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है, जबकि जनपद पंचायत के सीईओ इस मामले से पूरी तरह से अंजान हैं, जब मीडिया में खबर चली तो सीईओ जांच कराने की बात कह रहे हैं.
पेड़ के नीचे झोपड़ी बनाकर रहने वाली समनी बाई बताती हैं कि पिछले साल साल से वह इसी झोपड़ी में रह रही हैं, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कई बार सरपंच-सचिव से गुहार लगा चुकी हैं, पर अभी तक किसी भी योजना का लाभ उनको मयस्सर नहीं हुआ, न शौचालय मिला, न उज्जवला गैस कनेक्शन और न ही (PM Awas Yojana) का लाभ. हां, ये दीगर बात है कि लाभ के बदले उन्हें अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता आ रहा है. समनी बाई बताती हैं कि तेज बारिश के दौरान झोपड़ी में पानी भर जाता है. कई बार उनकी पूरी गृहस्थी पानी पानी हो जाती है.
PMAY के तहत 10 साल से मकान के इंतेजार में नेत्रहीन घिन्हा बैगा, PM MODI से की अपील
वहीं घासफूस में प्लास्टिक तानकर दो छोटे बच्चों व पत्नी के साथ रहने को मजबूर मंगल यादव बताते हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के लिए अनेकों बार सरपंच-सचिव से मिन्नतें कर चुके हैं, पर उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगा.
मानिकपुर ग्राम पंचायत में समनी बाई और मंगल जैसे कई गरीब बेघर परिवार हैं, जिन्हें वास्तव में प्रधानमंत्री आवास योजना की सख्त जरूरत है, पर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व अधिकारियों की अनदेखी के चलते उन जरूरतमंद परिवारों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.