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PM Awas Yojana की आस में छप्पर-पन्नी में जिंदगी गुजार रहे गरीब, योजनाओं के नाम पर मलाई खा रहे 'अमीर'

जिस पीएम आवास योजना के जरिये हर गरीब को छत मुहैया कराने का दावा किया गया था, वही योजना रास्ते से भटकी नजर आ रही है, यूं कहें कि अपने फायदे के लिए लोगों ने इसे रास्ते से भटका दिया है. लाभार्थी अभी भी उम्मीद भरी निगाहों से देखे जा रहे हैं कि कभी तो किसी की नजर उन पर पड़ेगी, कभी तो उनके सिर पर छत आयेगी, जबकि प्रधानमंत्री उज्जवला से लेकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत मिलने वाला शौचालय तक मानिकपुर ग्राम पंचायत के गरीबों को मयस्सर नहीं है.

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सरकारी योजनाओं की हकीकत
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Published : Jun 24, 2021, 9:37 AM IST

Updated : Jun 24, 2021, 9:42 AM IST

डिंडौरी। भले ही सरकारें योजनाएं लाकर अपनी पीठ थपथपाती रहती हैं, पर इन योजनाओं से कोई करिश्माई बदलाव नहीं होने वाला है, आजादी के बाद से अब तक ये योजनाएं कोई खास करिश्मा नहीं दिखा सकी हैं, इसके पीछे लचर प्रशासनिक व्यवस्था को जिम्मेदार माना जा सकता है क्योंकि जब तक इन योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचेगा, तब तक स्थिति जस की तस बनी रहेगी. डिंडौरी जिले के शहपुरा तहसील के मानिकपुर ग्राम पंचायत में आज भी ऐसे परिवार रहते हैं, जोकि खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजार रहे हैं या फिर छप्पर-पन्नी की छत बनाकर गुजर-बसर कर रहे हैं.

सरकारी योजनाओं की हकीकत

मानिकपुर ग्राम पंचायत में एक गरीब आदिवासी परिवार पेड़ के नीचे झोपड़ी बनाकर रह रहा है, जबकि कई परिवार ऐसे भी हैं, जिन्हें बारिश के मौसम में खुले आसमान के नीचे टूटी-फूटी कच्ची झोपड़ियों में रात गुजारनी पड़ती है. हैरान करने वाली बात यह है कि सरपंच को इस बात की जानकारी भी है, पर नियमों का हवाला देकर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है, जबकि जनपद पंचायत के सीईओ इस मामले से पूरी तरह से अंजान हैं, जब मीडिया में खबर चली तो सीईओ जांच कराने की बात कह रहे हैं.

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झोपड़ी से निकलती समनीबाई

पेड़ के नीचे झोपड़ी बनाकर रहने वाली समनी बाई बताती हैं कि पिछले साल साल से वह इसी झोपड़ी में रह रही हैं, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कई बार सरपंच-सचिव से गुहार लगा चुकी हैं, पर अभी तक किसी भी योजना का लाभ उनको मयस्सर नहीं हुआ, न शौचालय मिला, न उज्जवला गैस कनेक्शन और न ही (PM Awas Yojana) का लाभ. हां, ये दीगर बात है कि लाभ के बदले उन्हें अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता आ रहा है. समनी बाई बताती हैं कि तेज बारिश के दौरान झोपड़ी में पानी भर जाता है. कई बार उनकी पूरी गृहस्थी पानी पानी हो जाती है.

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गैस के अभाव में चूल्हा जलाती महिला

PMAY के तहत 10 साल से मकान के इंतेजार में नेत्रहीन घिन्हा बैगा, PM MODI से की अपील

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अपनी झोपड़ी पर समनीबाई

वहीं घासफूस में प्लास्टिक तानकर दो छोटे बच्चों व पत्नी के साथ रहने को मजबूर मंगल यादव बताते हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के लिए अनेकों बार सरपंच-सचिव से मिन्नतें कर चुके हैं, पर उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगा.

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परिवार के साथ मंगल यादव

मानिकपुर ग्राम पंचायत में समनी बाई और मंगल जैसे कई गरीब बेघर परिवार हैं, जिन्हें वास्तव में प्रधानमंत्री आवास योजना की सख्त जरूरत है, पर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व अधिकारियों की अनदेखी के चलते उन जरूरतमंद परिवारों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

डिंडौरी। भले ही सरकारें योजनाएं लाकर अपनी पीठ थपथपाती रहती हैं, पर इन योजनाओं से कोई करिश्माई बदलाव नहीं होने वाला है, आजादी के बाद से अब तक ये योजनाएं कोई खास करिश्मा नहीं दिखा सकी हैं, इसके पीछे लचर प्रशासनिक व्यवस्था को जिम्मेदार माना जा सकता है क्योंकि जब तक इन योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचेगा, तब तक स्थिति जस की तस बनी रहेगी. डिंडौरी जिले के शहपुरा तहसील के मानिकपुर ग्राम पंचायत में आज भी ऐसे परिवार रहते हैं, जोकि खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजार रहे हैं या फिर छप्पर-पन्नी की छत बनाकर गुजर-बसर कर रहे हैं.

सरकारी योजनाओं की हकीकत

मानिकपुर ग्राम पंचायत में एक गरीब आदिवासी परिवार पेड़ के नीचे झोपड़ी बनाकर रह रहा है, जबकि कई परिवार ऐसे भी हैं, जिन्हें बारिश के मौसम में खुले आसमान के नीचे टूटी-फूटी कच्ची झोपड़ियों में रात गुजारनी पड़ती है. हैरान करने वाली बात यह है कि सरपंच को इस बात की जानकारी भी है, पर नियमों का हवाला देकर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है, जबकि जनपद पंचायत के सीईओ इस मामले से पूरी तरह से अंजान हैं, जब मीडिया में खबर चली तो सीईओ जांच कराने की बात कह रहे हैं.

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झोपड़ी से निकलती समनीबाई

पेड़ के नीचे झोपड़ी बनाकर रहने वाली समनी बाई बताती हैं कि पिछले साल साल से वह इसी झोपड़ी में रह रही हैं, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कई बार सरपंच-सचिव से गुहार लगा चुकी हैं, पर अभी तक किसी भी योजना का लाभ उनको मयस्सर नहीं हुआ, न शौचालय मिला, न उज्जवला गैस कनेक्शन और न ही (PM Awas Yojana) का लाभ. हां, ये दीगर बात है कि लाभ के बदले उन्हें अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता आ रहा है. समनी बाई बताती हैं कि तेज बारिश के दौरान झोपड़ी में पानी भर जाता है. कई बार उनकी पूरी गृहस्थी पानी पानी हो जाती है.

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गैस के अभाव में चूल्हा जलाती महिला

PMAY के तहत 10 साल से मकान के इंतेजार में नेत्रहीन घिन्हा बैगा, PM MODI से की अपील

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अपनी झोपड़ी पर समनीबाई

वहीं घासफूस में प्लास्टिक तानकर दो छोटे बच्चों व पत्नी के साथ रहने को मजबूर मंगल यादव बताते हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के लिए अनेकों बार सरपंच-सचिव से मिन्नतें कर चुके हैं, पर उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगा.

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परिवार के साथ मंगल यादव

मानिकपुर ग्राम पंचायत में समनी बाई और मंगल जैसे कई गरीब बेघर परिवार हैं, जिन्हें वास्तव में प्रधानमंत्री आवास योजना की सख्त जरूरत है, पर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व अधिकारियों की अनदेखी के चलते उन जरूरतमंद परिवारों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

Last Updated : Jun 24, 2021, 9:42 AM IST
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