डिंडोरी। जिला प्रशासन ने कांग्रेस नेता के राइस मिल एवं गोदाम को सील कर दिया है. दरअसल बीते 2 मई को ईओडब्ल्यू जबलपुर की टीम ने नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों की मौजूदगी में कोहका ग्राम स्थित नर्मदा राइस मिल में सरकारी धान एवं चावल के स्टॉक का भौतिक सत्यापन किया था जिस दौरान स्टॉक में करीब 15 हजार क्विंटल धान मौके से गायब मिली. गायब हुए सरकारी धान की कीमत करीब 3 करोड़ रूपये बताई जा रही है. भौतिक सत्यापन में हजारों क्विंटल धान गायब मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने राइस मिल के मालिक कांग्रेस नेता रमेश राजपाल एवं उनकी पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज़ कर लिया है.
गरीबों को राशन में बेईमानी: ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन ने गुरुवार को राइस मिल एवं गोदाम को सील करने की कार्रवाई की है. ईओडब्ल्यू में दर्ज़ एफआईआर के मुताबिक राइस मिलर्स द्वारा गरीबों को राशन वितरण किए जाने में बेईमानी करने की शिकायत प्राप्त होना बताया गया है. हैरान करने वाली बात यह है कि जिला मुख्यालय से लगे कोहका ग्राम स्थित राइस मिल से हजारों क्विंटल धान गायब हो गई और इस बात की भनक नागरिक आपूर्ति विभाग के अफसरों को नहीं लग पाना जिम्मेदार विभाग के अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है.
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संचालक ने राजनैतिक साजिश बताया: मामले को लेकर नागरिक आपूर्ति निगम विभाग के अफसर मुकुल त्रिपाठी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचे. मुकुल त्रिपाठी ने राइस मिलर्स पर आरोप लगाया. एसडीएम डिंडौरी रामबाबू देवांगन ने मामले की जानकारी देते हुए बताया की ईओडब्ल्यू के द्वारा एफआईआर दर्ज़ किये जाने के बाद यथास्थिति बनाये रखने के लिए राइस मिल एवं गोदाम को सील करने की कार्रवाई की गई है. आरोपी राइस मिल के मालिक रमेश राजपाल ने मामले में अपनी सफाई देते हुए बताया कि वे अनुबंध के मुताबिक राइस मिल का संचालन कर रहे हैं और उन्होंने ईओडब्ल्यू की कार्रवाई को राजनैतिक साजिश से प्रेरित होना बताया है.