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दबंग ने किया छात्रावास के शौचालय पर कब्जा, खुले में शौच को मजबूर हुए छात्र

डिंडौरी के शासकीय प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में बच्चे खुले में शौच को मजबूर हैं क्योंकि यहां एक दबंग ने छात्रावास के शौचालय पर कब्जा कर रखा है.

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Published : Oct 4, 2019, 3:32 PM IST

Updated : Oct 4, 2019, 3:41 PM IST

छात्रावास

डिंडौरी। गांधी जयंती के दिन प्रदेश सहित जिले को साफ सुधरा और स्वच्छ रखने के बच्चे सहित बड़ों को सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिज्ञा भी दिलवाई गई. लेकिन इसके ठीक उलट जिले के करंजिया जनपद क्षेत्र के गोरखपुर गांव के शासकीय प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में बच्चे कई सालों से शौंच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं. हॉस्टल में गांव के दबंग के द्वारा शौचालय पर कब्जा करने के बाद ऐसे हालात बने हैं. बच्चों ने अपने हक के लिए नारे भी लगाए ताकि प्रशासन तक आवाज पहुंच जाए.

दबंग ने छात्रावास के शौंचालय पर कब्जा किया

इस छात्रावास में कक्षा 6वीं से लेकर 10वीं तक के छात्र ग्रामीण इलाकों से आकर रहते हैं. आश्चर्य की बात है कि छात्र अभी भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं जबकि इस बात की जानकारी शिक्षा विभाग से लेकर हर बड़े अधिकारी को है.
जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के विधानसभा क्षेत्र में बने इस हॉस्टल का निर्माण 1971 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री के हाथों हुआ था. छात्रों से जुड़े इस मुद्दे को जब ईटीवी भारत ने उठाया तो मामले को डिंडौरी संयुक्त कलेक्टर ने संज्ञान में लिया है और जांच के निर्देश करंजिया नायाब तहसीलदार को दिए हैं.

जब ईटीवी भारत ने डिंडौरी के संयुक्त कलेक्टर से बात की तो मामले को संज्ञान में लेते हुए संयुक्त कलेक्टर रमेश सिंह ने करंजिया के नायब तहसीलदार चंद्रशेखर को मौके पर जाकर जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. साथ ही सारी व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा है.

डिंडौरी। गांधी जयंती के दिन प्रदेश सहित जिले को साफ सुधरा और स्वच्छ रखने के बच्चे सहित बड़ों को सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिज्ञा भी दिलवाई गई. लेकिन इसके ठीक उलट जिले के करंजिया जनपद क्षेत्र के गोरखपुर गांव के शासकीय प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में बच्चे कई सालों से शौंच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं. हॉस्टल में गांव के दबंग के द्वारा शौचालय पर कब्जा करने के बाद ऐसे हालात बने हैं. बच्चों ने अपने हक के लिए नारे भी लगाए ताकि प्रशासन तक आवाज पहुंच जाए.

दबंग ने छात्रावास के शौंचालय पर कब्जा किया

इस छात्रावास में कक्षा 6वीं से लेकर 10वीं तक के छात्र ग्रामीण इलाकों से आकर रहते हैं. आश्चर्य की बात है कि छात्र अभी भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं जबकि इस बात की जानकारी शिक्षा विभाग से लेकर हर बड़े अधिकारी को है.
जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के विधानसभा क्षेत्र में बने इस हॉस्टल का निर्माण 1971 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री के हाथों हुआ था. छात्रों से जुड़े इस मुद्दे को जब ईटीवी भारत ने उठाया तो मामले को डिंडौरी संयुक्त कलेक्टर ने संज्ञान में लिया है और जांच के निर्देश करंजिया नायाब तहसीलदार को दिए हैं.

जब ईटीवी भारत ने डिंडौरी के संयुक्त कलेक्टर से बात की तो मामले को संज्ञान में लेते हुए संयुक्त कलेक्टर रमेश सिंह ने करंजिया के नायब तहसीलदार चंद्रशेखर को मौके पर जाकर जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. साथ ही सारी व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा है.

Intro:एंकर _ 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन प्रदेश सहित जिले को साफ सुधरा और स्वच्छ रखने के उद्देश्य से जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए।इसके लिए बच्चे सहित बड़ो को सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिज्ञा भी दिलवाई गई । लेकिन इसके ठीक उलट जिला के शासकीय प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में बच्चें कई सालों से नियमित बाहर को शौच करने को मजबूर है।ऐसा नही है कि ये अपनी मर्जी से बाहर निस्तार को जाते है बल्कि हॉस्टल में गाँव के दबंग के द्वारा शौचालय में कब्ज़ा करने के बाद ऐसे हालात बने है। जबकि इस हॉस्टल का निर्माण 1971 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री के हाथों हुआ था। वही यह विधानसभा क्षेत्र प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का है। छात्रों से जुड़े इस मुद्दे को जब ईटीवी भारत ने उठाया तो मामले को डिंडौरी संयुक्त कलेक्टर ने संज्ञान में लिया है और जांच के निर्देश करंजिया नायाब तहसीलदार को दिए है।


Body:वि ओ 01 अपने हक को पाने के लिए नारे बुलंद करते ये है करंजिया जनपद क्षेत्र के गोरखपुर ग्राम के प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास के छात्र जो छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे है।छात्रावास के भीतर जब देखा गया तो महत्त्वपूर्ण जानकारी मिली कि भवन तत्कालीन शिक्षा मंत्री पं जगदीश नारायण अवस्थी के हाथो उदघाटन 26 नवंबर 1971 में किया गया था।उस समय पं मोतीलाल नेहरू आदिवासी छात्रावास के नाम से जाना जाता था फिर बाद भी इसका नाम प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास रख दिया गया । इस छात्रावास में कक्षा 6वी से लेकर 10 वी तक के छात्र ग्रामीण इलाकों से आकर रहते है और शिक्षा ग्रहण करते है।लेकिन आश्चर्य की बात है कि छात्र अभी भी खुले में शौच जाने को मजबूर है जबकि इस बात की जानकारी शिक्षा विभाग से लेकर हर बड़े अधिकारी को है।

वि ओ 02 इस पूरे मामले को लेकर जब ईटीवी भारत ने डिंडौरी के संयुक्त कलेक्टर से बात की तो मामले को संज्ञान में लेते हुए संयुक्त कलेक्टर रमेश सिंह ने करंजिया के नायाब तहसीलदार चंद्रशेखर को मौके पर जाकर जांच कर जो भी हॉस्टल के शौचालय पर कब्जा किया है उस पर कार्यवाही के निर्देश दिए है साथ ही सारी व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा है।


Conclusion:बाइट 01शिवराज सिंह आर्मो,छात्र
बाइट 02 आकाश कुमार धुर्वे,छात्र
बाइट 03 रमेश सिंह,संयुक्त कलेक्टर
Last Updated : Oct 4, 2019, 3:41 PM IST
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