डिंडौरी। एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से 7 साल के लड़के की मौत हो गई. घटना के बाद परिजनों ने इलाज करने वाले सनावल सिंह पर लापरवाही का आरोप लगाया है. सनावल सिंह के पास डॉक्टरी की कोई डिग्री नहीं है, वह पेशे से शिक्षक है और टिकमी टोला प्राथमिक शाला में प्रधानाध्यापक के तौर पर पदस्थ है.
मृतक के परिजनों ने बताया कि सनावल सिंह मास्टरी के अलावा अपने घर में मरीजों का इलाज करता है. आसपास के लोग उसके पास इलाज कराने जाते हैं. लापरवाही का ये मामला गाड़ासरई थाना क्षेत्र के कनकधारा गांव का है, जहां 7 वर्षीय अनुज नामक लड़के की तबियत खराब होने के बाद जब उसे प्रधानाध्यापक सनावल सिंह के घर ले जाया गया और इलाज के बाद जब उसे परिजन वापस घर लाए तो उसकी मौत हो गई.
अनुज का इलाज करने के एवज में प्रधानाध्यापक सनावल सिंह ने परिजनों से 100 रूपये भी लिये थे. सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थ सनावल सिंह को हर महीने करीब 35 हजार रूपये वेतन मिलता है. इसके बावजूद पैसे के लालच में वह बिना डिग्री के लोगों का इलाज कर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा है.
घटना के बाद परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने शिक्षक के घर से कुछ दवाइयां जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है, जबकि सनावल सिंह फिलहाल फरार चल रहा है. जब इस मामले में सनावल सिंह से बात करनी चाही तो वे कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं.