धार। कोरोना काल में व्यापारियों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है, हर किसी के सामने रोजी- रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. वहीं मूर्तिकार भी बेहाल हैं, कोरोना संक्रमण के कारण एक भी मूर्ती नहीं बिकी है, गणेश स्थापना के बाद आने वाले समय में नवदुर्गा का त्योहार है, जिसे पीथमपुर में भव्य तरीके से मनाया जाता है. नगर में कार्यक्रम और आयोजन होते हैं, जगह- जगह पर देवी पंडाल लगाए जाते थे, 9 दिन में भव्य उत्सव आयोजित किए जाते हैं.
लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के कारण अभी तक एक भी मूर्ती नहीं बिकी है, मनमानी कॉलोनी निवासी मूर्तिकार देवेंद्र पिता प्रकाश ने बताया कि, उनके पास अभी तक एक भी मूर्ती का ऑर्डर नहीं आया है. अब तक मूर्तियों के ऑर्डर मिलने शुरु हो जाते थे, वहीं शासन ने कह दिया है कि, 6 फीट तक की मूर्तियां ही बनाई जाएं. देवेंद्र के परिवार का खर्च इसी काम के कारण चलता है, खुद का मकान होने के कारण परेशानी कम है, अगर किराए का मकान होता, तो जीना मुहाल हो जाता.
देवेंद्र बताते हैं कि, पिछले साल नवदुर्गा के समय तीन लाख रुपए का प्रॉफिट कमा लिया था. पिछले साल गणेश उत्सव के समय भी काफी मुनाफा हुआ था, लेकिन इस साल मुनाफा नहीं हुआ, मात्र 20 हजार तक के ही ऑर्डर आए. मूर्तिकार ने बताया कि, बैंक भी उन्हें लोन नहीं देती है. बैंक के कर्मचारियों का कहना है कि, काम छोटा है इसलिए लोन नहीं देंगे. वहीं सरकार की ओर से भी किसी योजना का लाभ नहीं मिला है.
देवेंद्र ने बताया कि, ठेले वाले, सब्जी वाले फुटकर व्यापारियों को 10 हजार रुपए मिले हैं. लेकिन नगरपालिका ने मूर्तिकारों को मना कर दिया है. उन्होंने बताया कि, 30 साल से मूर्ती बनाने का काम कर रहे हैं, पिताजी भी यही काम करते थे, लेकिन अभी तक उन्हें कोई लाभ नहीं मिला है. देवेंद्र का कहना है कि, लॉकडाउन में कोई काम नहीं हुआ. अब लॉकडाउन खुलने के बाद सरकार के नियम कानून के कारण कमाई बंद हो गई है, सवा फीट की करीब अभी छह नग पूर्तियां बनाई हैं, 5 फीट के दो नग और दो से 4 फीट के बीच में करीब 20 नग बना लिए गए हैं.
वहीं विधायक नीना वर्मा का कहना है कि, केंद्र और राज्य शासन दोनों ही छोटे कुटीर उद्योग फुटकर व्यापारी सभी के लिए 10 हजार के लोन की व्यवस्था करवा रही है. उन्होंने कहा कि, अगर मूर्तिकार नगरपालिका में अप्लाई करें, तो इन्हें भी लोन मिलेगा. उन्होंने कहा कि, सभी बैंकों को गाइडलाइन जारी कर दी है कि, छोटे व्यापारियों को ज्यादा से ज्यादा लोन देकर उनके व्यापार को बढ़ावा दिया जाए.