धार। रंग पंचमी के मौके पर देर शाम गुड़ तोड़ प्रथा का आयोजन होता है. जहां तेल से लबरेज खंबे पर युवक चढ़ते हैं और गांव की महिलाएं उन पर लकड़ियों से वार करती हैं.
दरअसल धार जिले के ग्राम कोठड़ा में रंग पंचमी के मौके पर जहां रंगो का पावन पर्व होली बड़ी धूमधाम से खेली जाती है. वहीं देर शाम गुड़ तोड़ प्रथा का भी आयोजन होता है. गुड़ तोड़ इस खेल में बड़ा ही आनंद आता है. इस खेल में गांव के बीचों-बीच मौजूद एक मैदान में लकड़ी का खंबा लगाया जाता है. जिसे बकायदा तेल, घी और दूसरे चिकने पदार्थों से उसे चिकना किया जाता है.
जिससे उस खंबे पर आसानी से नहीं चला जा सके, वहीं उसी खंबे के ऊपरी भाग पर लाल कपड़े में गुड़ की पोटली भी बांधी जाती है. जिसे गांव के युवक खंबे पर चढ़कर उसे खोलते और बांधते हैं. यह क्रम तब तक चलता रहता है, जब तक मैदान के बीच गड़े खंबे को उखाड़ नहीं दिया जाए. खास बात यह है की जब युवक लकड़ी के खंभे पर चढ़ते हैं तो उन पर गांव की बुजुर्ग और युवा महिलाएं लकड़ियों से जोरदार वार करती हैं. युवा अपना बचाव करते है. यह प्रथा सालों से ग्राम कोठड़ा में आयोजित की जाती है. स्थानीय लोगों के मुताबिक इस प्रथा को गुड तोड़ कहा जाता है. इससे गांव में समरसता का भाव रहता है.