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डूबे आशियाने, फसलें हुई जलमग्न, देखें बाढ़ से मची तबाही का मंजर

पिछले हफ्ते लगातार हुई भीषण बारिश से मध्यप्रदेश के कई हिस्से प्रभावित हुए हैं. भारी बारिश के बाद हर तरफ नदी-नाले उफान पर हैं. बारिश के बाद आई बाढ़ ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. ड्रोन कैमरे के माध्यम से देखिए प्रदेश के कई इलाकों में फैला तबाही का मंजर...

Destruction caused by floods in Dhar
धार में बाढ़ से फैली तबाही
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Published : Sep 4, 2020, 2:27 AM IST

धार। मध्यप्रदेश में पिछले दिनों हुई बारिश ने एक बार फिर अन्नदाता को चिंता में डाल दिया है. सरदार सरोवर बांध के ओवरफ्लो होने के कारण नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ गया था. जिसके बाद निचले इलाकों में बसे धार जिले के कई इलाके डूब की चपेट में आ गए. भारी बारिश के बाद हर तरफ नदी-नाले उफान पर हैं. बारिश के बाद आई बाढ़ ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है.

बाढ़ से फैली तबाही

फसले हुई जलमग्न
भारी बारिश होने से नर्मदा में बाढ़ आ गई तो वहीं दूसरी ओर सरदार सरोवर बांध के गेट बंद होने से नर्मदा का बैक वाटर भी बड़ा जिससे धार जिले के नर्मदा किनारे बसे निसरपुर, कड़माल, खापरखेड़ा, धरमपुरी के साथ कई अन्य गांवों में जलभराव की स्थिति बन गई. सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित गांवों में किसानों की लहलहाती फसल जहां जलमग्न हुई तो वहीं लोगों के आशियाने को भी बाढ़ ने अपने आगोश में ले लिया.

धार्मिक स्थल भी आए चपेट में
नर्मदा किनारे मौजूद धार्मिक स्थल नर्मदा में आई बाढ़ में जलमग्न हो गए, धार्मिक स्थलों पर जहां बाढ़ के कारण मंदिरों में गाद जम गई है. अब जब नर्मदा का जलस्तर कम हुआ है तो बाढ़ की तबाही का मंजर देखते नहीं बन रहा है. जिले का मुख्य आकर्षण का केंद्र मेघनाथ और कोटेश्वर धाम भी डूब गए हैं.

Destruction caused by floods in Dhar
फसलें हुई जलमग्न

फसलें बर्बाद
बलवाड़ा और लहसन गांव के किसानों की 300 बीघा से अधिक मक्का, केले, कपास और सोयाबीन की फसलें जलमग्न हो गई हैं. अब जब नर्मदा का जलस्तर कम हुआ है, तो बाढ़ की तबाही का मंजर चारों ओर दिखाई दे रहा है. बाढ़ के कारण फसलें सड़कर बदबू देने लगी हैं, किसान ये तबाही का मंजर देखकर चिंतित हो उठा है, किसान को एक ओर कर्ज की चिंता है, तो वहीं दूसरी ओर वो परिवार का भरण पोषण कैसे करेगा इसको लेकर भी काफी परेशान है.

Destruction caused by floods in Dhar
बाढ़ से विनाश
बाढ़ और बैक वाटर ने मचाई तबाहीअत्यधिक बारिश होने से तवा और ओंकारेश्वर डैम पूरे भर गए, जिसके चलते इन बांधों से पानी छोड़ा गया. बांधों से पानी छोड़ने के चलते नर्मदा नदी का वाटर लेवल बड़ी तेजी से बड़ा और नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी, वहीं दूसरी ओर सरदार सरोवर बांध के गेट बंद होने के चलते बैक वाटर लेवल नर्मदा में आई बाढ़ के कारण तेजी से बड़ा, जिसके चलते धार जिले के नर्मदा किनारे बसे एक कई गांव जलमग्न हो गए.
Destruction caused by floods in Dhar
डूब गए आशियाने
डूब क्षेत्र में रहने को मजबूरनर्मदा नदी में आई बाढ़ और सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर लेवल ने जमकर तबाही मचाई. कई किसानों कि सैकड़ों बीघा जमीनों को जलमग्न हो गई तो बाढ़ ने कई लोगों के आशियानों की नीव तक मिटा डाली. जिन लोगों को सरदार सरोवर बांध कि पुनर्वास नीति का लाभ मिल चुका है वे तो इस बाढ़ के प्रकोप से बच गए. पर जिन लोगों को पुनर्वास नीति का लाभ नहीं मिला वह आज भी डूब क्षेत्र में रहने को मजबूर है.
Destruction caused by floods in Dhar
तबाही का मंजर

धार में बारिश कम फिर भी तबाही
गत वर्ष की तुलना में 2 सितंबर की अवधि में 8.4 एमएम बारिश हुई है. जबकी धार में अभी तक औसत बारिश 960.1 एमएम दर्ज की गई है. वहीं इस अवधी में पिछले साल 968.5 एमएम बारिश हुई थी. जिले में 1 सिंतबर से बारिश नहीं हुई. पिछले साल धार, नालछा, सरदारपुर और गंधवानी काे छाेड़कर कहीं भी पानी नहीं बरसा था.

धार। मध्यप्रदेश में पिछले दिनों हुई बारिश ने एक बार फिर अन्नदाता को चिंता में डाल दिया है. सरदार सरोवर बांध के ओवरफ्लो होने के कारण नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ गया था. जिसके बाद निचले इलाकों में बसे धार जिले के कई इलाके डूब की चपेट में आ गए. भारी बारिश के बाद हर तरफ नदी-नाले उफान पर हैं. बारिश के बाद आई बाढ़ ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है.

बाढ़ से फैली तबाही

फसले हुई जलमग्न
भारी बारिश होने से नर्मदा में बाढ़ आ गई तो वहीं दूसरी ओर सरदार सरोवर बांध के गेट बंद होने से नर्मदा का बैक वाटर भी बड़ा जिससे धार जिले के नर्मदा किनारे बसे निसरपुर, कड़माल, खापरखेड़ा, धरमपुरी के साथ कई अन्य गांवों में जलभराव की स्थिति बन गई. सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित गांवों में किसानों की लहलहाती फसल जहां जलमग्न हुई तो वहीं लोगों के आशियाने को भी बाढ़ ने अपने आगोश में ले लिया.

धार्मिक स्थल भी आए चपेट में
नर्मदा किनारे मौजूद धार्मिक स्थल नर्मदा में आई बाढ़ में जलमग्न हो गए, धार्मिक स्थलों पर जहां बाढ़ के कारण मंदिरों में गाद जम गई है. अब जब नर्मदा का जलस्तर कम हुआ है तो बाढ़ की तबाही का मंजर देखते नहीं बन रहा है. जिले का मुख्य आकर्षण का केंद्र मेघनाथ और कोटेश्वर धाम भी डूब गए हैं.

Destruction caused by floods in Dhar
फसलें हुई जलमग्न

फसलें बर्बाद
बलवाड़ा और लहसन गांव के किसानों की 300 बीघा से अधिक मक्का, केले, कपास और सोयाबीन की फसलें जलमग्न हो गई हैं. अब जब नर्मदा का जलस्तर कम हुआ है, तो बाढ़ की तबाही का मंजर चारों ओर दिखाई दे रहा है. बाढ़ के कारण फसलें सड़कर बदबू देने लगी हैं, किसान ये तबाही का मंजर देखकर चिंतित हो उठा है, किसान को एक ओर कर्ज की चिंता है, तो वहीं दूसरी ओर वो परिवार का भरण पोषण कैसे करेगा इसको लेकर भी काफी परेशान है.

Destruction caused by floods in Dhar
बाढ़ से विनाश
बाढ़ और बैक वाटर ने मचाई तबाहीअत्यधिक बारिश होने से तवा और ओंकारेश्वर डैम पूरे भर गए, जिसके चलते इन बांधों से पानी छोड़ा गया. बांधों से पानी छोड़ने के चलते नर्मदा नदी का वाटर लेवल बड़ी तेजी से बड़ा और नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी, वहीं दूसरी ओर सरदार सरोवर बांध के गेट बंद होने के चलते बैक वाटर लेवल नर्मदा में आई बाढ़ के कारण तेजी से बड़ा, जिसके चलते धार जिले के नर्मदा किनारे बसे एक कई गांव जलमग्न हो गए.
Destruction caused by floods in Dhar
डूब गए आशियाने
डूब क्षेत्र में रहने को मजबूरनर्मदा नदी में आई बाढ़ और सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर लेवल ने जमकर तबाही मचाई. कई किसानों कि सैकड़ों बीघा जमीनों को जलमग्न हो गई तो बाढ़ ने कई लोगों के आशियानों की नीव तक मिटा डाली. जिन लोगों को सरदार सरोवर बांध कि पुनर्वास नीति का लाभ मिल चुका है वे तो इस बाढ़ के प्रकोप से बच गए. पर जिन लोगों को पुनर्वास नीति का लाभ नहीं मिला वह आज भी डूब क्षेत्र में रहने को मजबूर है.
Destruction caused by floods in Dhar
तबाही का मंजर

धार में बारिश कम फिर भी तबाही
गत वर्ष की तुलना में 2 सितंबर की अवधि में 8.4 एमएम बारिश हुई है. जबकी धार में अभी तक औसत बारिश 960.1 एमएम दर्ज की गई है. वहीं इस अवधी में पिछले साल 968.5 एमएम बारिश हुई थी. जिले में 1 सिंतबर से बारिश नहीं हुई. पिछले साल धार, नालछा, सरदारपुर और गंधवानी काे छाेड़कर कहीं भी पानी नहीं बरसा था.

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