मुंबई: 24 जनवरी को हर साल नेशनल गर्ल चाइल्ड मनाया जाता है. इस मौके पर इस साल हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसी फिल्मों की लिस्ट जो हर लड़की को जरूर देखनी चाहिए. आज के दौर में लड़िकयों के लिए उनकी सुरक्षा, अवेयरेनेस, इंडिपेंडेंसी, अपने लिए स्टैंड लेना जैसे मुद्दे बहुत जरुरी है. इसके लिए जरुरी है कि उन्हें कहीं से ऐसा मोटिवेशन मिले जिससे वे अपने सपनो को पूरा कर सके, उनके बीच आने वाली उलझनों और मुश्किलों से निपट सके और अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जी सके. बॉलीवुड में लगभग हर तरह की फिल्में अरसे से बनती आ ही हैं इन्हीं सबके बीच कई कई महिला प्रधान फिल्में भी बनी हैं जो महिलाओं को मोटिवेशन और ताकत देने का काम करती हैं. आइए देखते हैं उन फिल्मों की लिस्ट.
दंगल
आमिर खान, फातिमा सना शेख, सान्या मल्होत्रा, जायरा वसीम जैसे सितारों वाली फिल्म दंगल, ऐसे पिता की कहानी है जो देश के लिए मेडल की चाहत रखते हैं. लेकिन लड़का ना होने की वजह से उन्हें अपने ये सपना टूटता नजर आता है. आखिरकार अपनी लड़कियों में ही वो उस ताकत को देखते हैं और उन्हें कुश्ती में माहिर बनाते हैं जो आगे जाकर देश का नाम रोशन करती है. यह भारत की दो स्टार रेसलर गीता फोगाट और बबीता फोगाट की रियल स्टोरी है जो काफी मोटिवेटिंग है. इसे हर लड़की को जरूर देखना चाहिए क्योंकि फिल्म आपको मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति का सामना करना सिखाती है. फिल्म में एक पावरफुल डायलॉग भी है जिसमें महावीर सिंग फोगाट बने आमिर खान कहते हैं, 'म्हारी छोरियां छोरों से कम है के'.
पिंक
पिंक एक लीगल थ्रिलर फिल्म है जिसमें तीन लड़कियां बुरी तरह फंस जाती है और कुछ लड़के उन्हें परेशान करते हैं. जिसके बाद एक रिटायर्ड वकील तीनों लड़कियों का केस अपने हाथ में लेते हैं और उन्हें निर्दोष साबित करते हैं. फिल्म में अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी, एंड्रिया तारियांग, अंगद बेदी, विजय वर्मा, पियूष मिश्रा जैसे कलाकारों ने काम किया है. फिल्म सिखाती है कि लड़कियों की इच्छा के बिना कोई भी लड़का किसी तरह की मनमर्जी नहीं कर सकता है. इसमें रिटायर्ड वकील का किरदार अमिताभ बच्चन ने निभाया है. जिनका डायलॉग है, 'नो मिंस नो'.
गंगूबाई काठियावाड़ी
आलिया भट्ट स्टारर गंगूबाई काठियावाड़ी एक बायोपिक है जिसमें उन्हें उनका प्यार किसी कोठी पर बेच कर चला जाता है और उनकी सिंपल लाइफ एक जंग के मैदान बन जाती है. जिसमें वे अपने आप से और आस-पास के लोगों के रोज लड़ती है. लेकिन जीवन में आई इन कठिनाईयों से सीखकर अपने साथ-साथ लाखों लोगों की जिंदगी संवारती है. इस फिल्म से सीख मिलती है कि किसी पर भी आंख बंद करके भरोसा ना करें और परिवार के खिलाफ कदम ना उठाएं.
थप्पड़
थप्पड़ में तापसी पन्नू ने लीड रोल प्ले किया है जिसमें शादी के बाद वे अपना करियर छोड़कर पति का घर संभालने का फैसला लेती हैं. जिंदगी सही चल रही होती है लेकिन एक रात पार्टी के बीच उनका पति उन्हें थप्पड़ मार देता है. इस घटना के बाद तापसी अपने लिए स्टैंड लेते हुए तलाक लेने का फैसला लेती हैं. इस फैसले के खिलाफ समाज खड़ा हो जाता है. लेकिन किसी की परवाह किए बिना वह अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट को सबसे ऊपर रखती है. इससे सीख मिलती है कि किसी भी इंसान को इतना हक मत दो कि वह आपको आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाए और अगर इसके खिलाफ अकेला भी चलना पड़े तो परहेज ना करें.
मर्दानी
रानी मुखर्जी की मर्दानी और मर्दानी 2 महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दे पर बनी बेहतरीन फिल्मों में से एक है. मर्दानी में रानी मुखर्जी मुंबई क्राइम ब्रांच में महिला पुलिसकर्मी शिवानी शिवाजी रॉय का किरदार निभाती है जो बाल तस्करी माफिया के मास्टरमाइंड से भिड़ती है और उसे सजा दिलाती है. वहीं मर्दानी 2 में रानी एक ऐसे केस को सॉल्व करती है जिसमें एक साइको लड़का कई लड़कियों का रेप कर उनकी बेरहमी से जान ले चुका है. फिल्म में महिला सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, लॉ एंड ऑर्डर जैसे मुद्दों को उठाया गया है.