देवास। कन्नौद क्षेत्र में चने की खरीदी समय पर नहीं होने से किसानों में बहुत आक्रोश है. एसएमएस आने के बाद किसान चने लेकर समर्थन मूल्य केंद्र पर जाता है तो 3 से 4 दिन तक उसके चने की तुलाई नहीं होती है. लॉकडाउन के कारण भूखा-प्यासा किसान, नेता और अधिकारियों के बार-बार आश्वासन के बाद भी समय पर बारदान उपलब्ध नहीं होने से किसानों के सब्र का बांध टूट गया. किसानों ने इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे स्थित कन्नौद नगर पंचायत चौराहे पर चक्काजाम कर दिया.
किसानों ने बताया कि चने खरीदी में सरकारी तंत्र द्वारा टालमटोल किया जा रहा है. एसएमएस भेजने के बाद बारदान उपलब्ध नहीं होने से चने की खरीदी नहीं हो रही है. पिछले 4 दिनों से किसान भूखा-प्यासा मंडी प्रांगण में रह रहा है. रात के समय मच्छर के कांटने से ठीक से सो भी नहीं पाता है. चक्काजाम के दौरान किसान ने बताया कि बार-बार अधिकारियों एवं नेताओं को फोन लगाकर समस्या से अवगत कराते हैं तो बजाय आश्वासन के कुछ नहीं मिलता. सरकार या तो बारदान की व्यवस्था करे या फ्लैट कांटे से तोल करवाकर ट्रॉली खाली करवाये.
कई किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने चने की उपज किराए के ट्रैक्टर या पिकअप वाहन में लेकर आए हैं, जिसका किराया 1500 से 2000 रुपए रोजाना है. अगर किसानों को चने की उपज बेचने में वाहन का किराया ज्यादा लगेगा तो चने समर्थन मूल्य केंद्र पर बेचने का कोई फायदा नहीं है. नेशनल हाइवे पर चक्काजाम लगने से वाहनों की कई किमी लंबी लाइन लग गई.
किसानों की सड़क पर बैठने की सूचना मिलने पर विधायक आशीष शर्मा, एसडीएम केसी परते, एसडीओपी ब्रजेश सिंह कुशवाह सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. विधायक ने किसानों को जल्दी ही बारदान उपलब्ध करवाकर चना खरीदी करने का ठोस आश्वासन दिया. इसके बाद नाराज किसान बामुश्किल माना और सड़क से हटे.