देवास। एक ऐसा गांव जिसकी पहचान 'खिलाड़ियों का गांव' से होने लगी है. इस गांव के खिलाड़ी लोकल से नेशनल लेवल तक अपना जलवा बिखेर चुके हैं. गांव में करीब 70 नेशनल मेडल ले आए, जिनमें 3 एकलव्य मेडल भी शामिल हैं. इसके बावजूद इस गांव के खिलाड़ियों को वह प्लेटफॉर्म नहीं मिल सका, जिसके वह हकदार हैं. हम बात कर रहे हैं देवास जिले के हाटपिपलिया के अमलाताज गांव की.
गांव में अलग-अलग खेलों के टेलेंटेड खिलाड़ियों ने अपना दर्द जाहिर किया है. सेलिंग वाटर स्पोर्ट और रोविंग प्लेयरों ने बताया कि सुविधाओं के अभाव में भी वह नेशनल लेवल की प्रतियोगिता में मेडल जीतकर आए हैं. अगर उन्हें सरकारी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं तो वह देश का नाम रोशन करेंगे.
ग्रामीणों का कहना है कि उनके मन में इस बात की पीड़ा है कि गांव से बच्चों ने प्रदेश ही नहीं देश का नाम भी रोशन किया. इसके बाद भी शासन प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नहीं मिली. ग्रामीणों की मांग है कि शासन प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिये और खिलाड़ियों को सुविधा मिलना चाहिए.
70 नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं गांव के खिलाड़ी
अमलाताज के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा की दम पर 70 नेशनल अवार्ड जीत लिए हैं. गांव के 10 से अधिक खिलाड़ी नेवी, आर्मी, बीएसएफ और रेलवे में अच्छी पोस्ट पर पदस्थ भी हो चुके हैं. इसके बावजूद चाहे प्रदेश सरकार हो या फिर केंद्र सरकार, किसी ने भी इस गांव की तरफ नहीं देखा.