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ये है 'खिलाड़ियों का गांव', यहां के खिलाड़ियों ने अब तक जीते हैं 70 से ज्यादा नेशनल अवार्ड

देवास जिले के अमलाताज गांव को पहचान की दरकार है. यहां के खिलाड़ियों ने 70 से ज्यादा नेशनल अवार्ड जीत लिए हैं. सुविधाओं के अभाव में गांव के लड़कों ने नेशनल लेवल पर गांव का नाम रोशन किया है. इसके बावजूद यहां के खिलाड़ियों को सरकार की तरफ से सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गईं. लिहाजा ग्रामीणों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

Amlataj Village
अमलाताज गांव
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Published : Feb 6, 2020, 7:05 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 7:59 PM IST

देवास। एक ऐसा गांव जिसकी पहचान 'खिलाड़ियों का गांव' से होने लगी है. इस गांव के खिलाड़ी लोकल से नेशनल लेवल तक अपना जलवा बिखेर चुके हैं. गांव में करीब 70 नेशनल मेडल ले आए, जिनमें 3 एकलव्य मेडल भी शामिल हैं. इसके बावजूद इस गांव के खिलाड़ियों को वह प्लेटफॉर्म नहीं मिल सका, जिसके वह हकदार हैं. हम बात कर रहे हैं देवास जिले के हाटपिपलिया के अमलाताज गांव की.

अमलाताज गांव की कहानी


गांव में अलग-अलग खेलों के टेलेंटेड खिलाड़ियों ने अपना दर्द जाहिर किया है. सेलिंग वाटर स्पोर्ट और रोविंग प्लेयरों ने बताया कि सुविधाओं के अभाव में भी वह नेशनल लेवल की प्रतियोगिता में मेडल जीतकर आए हैं. अगर उन्हें सरकारी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं तो वह देश का नाम रोशन करेंगे.


ग्रामीणों का कहना है कि उनके मन में इस बात की पीड़ा है कि गांव से बच्चों ने प्रदेश ही नहीं देश का नाम भी रोशन किया. इसके बाद भी शासन प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नहीं मिली. ग्रामीणों की मांग है कि शासन प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिये और खिलाड़ियों को सुविधा मिलना चाहिए.


70 नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं गांव के खिलाड़ी
अमलाताज के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा की दम पर 70 नेशनल अवार्ड जीत लिए हैं. गांव के 10 से अधिक खिलाड़ी नेवी, आर्मी, बीएसएफ और रेलवे में अच्छी पोस्ट पर पदस्थ भी हो चुके हैं. इसके बावजूद चाहे प्रदेश सरकार हो या फिर केंद्र सरकार, किसी ने भी इस गांव की तरफ नहीं देखा.

देवास। एक ऐसा गांव जिसकी पहचान 'खिलाड़ियों का गांव' से होने लगी है. इस गांव के खिलाड़ी लोकल से नेशनल लेवल तक अपना जलवा बिखेर चुके हैं. गांव में करीब 70 नेशनल मेडल ले आए, जिनमें 3 एकलव्य मेडल भी शामिल हैं. इसके बावजूद इस गांव के खिलाड़ियों को वह प्लेटफॉर्म नहीं मिल सका, जिसके वह हकदार हैं. हम बात कर रहे हैं देवास जिले के हाटपिपलिया के अमलाताज गांव की.

अमलाताज गांव की कहानी


गांव में अलग-अलग खेलों के टेलेंटेड खिलाड़ियों ने अपना दर्द जाहिर किया है. सेलिंग वाटर स्पोर्ट और रोविंग प्लेयरों ने बताया कि सुविधाओं के अभाव में भी वह नेशनल लेवल की प्रतियोगिता में मेडल जीतकर आए हैं. अगर उन्हें सरकारी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं तो वह देश का नाम रोशन करेंगे.


ग्रामीणों का कहना है कि उनके मन में इस बात की पीड़ा है कि गांव से बच्चों ने प्रदेश ही नहीं देश का नाम भी रोशन किया. इसके बाद भी शासन प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नहीं मिली. ग्रामीणों की मांग है कि शासन प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिये और खिलाड़ियों को सुविधा मिलना चाहिए.


70 नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं गांव के खिलाड़ी
अमलाताज के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा की दम पर 70 नेशनल अवार्ड जीत लिए हैं. गांव के 10 से अधिक खिलाड़ी नेवी, आर्मी, बीएसएफ और रेलवे में अच्छी पोस्ट पर पदस्थ भी हो चुके हैं. इसके बावजूद चाहे प्रदेश सरकार हो या फिर केंद्र सरकार, किसी ने भी इस गांव की तरफ नहीं देखा.

Intro:एक दशक में आमला ताज गांव से निकले 70 से ज्यादा खिलाड़ी

नेशनल अवार्ड एकलव्य अवार्ड के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग ले चुके है !

ना ही कोई सुविधा ना ही कोई साधन फिर भी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया नाम रोशन ! एक दशक की बात की जाए टी लगभग 70 नेशनल अवार्ड , 3 एकलव्य अवार्डी, 5 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में खेल चुके है साथ ही खेलो की वजह से ही 10 से अधिक खिलाड़ी नेवी, आर्मी, एस एस बी, आई डी बी पी ,बी एस एफ व रेलवे में अच्छी पोस्ट पर पदस्थ है !

हम बात कर रहे है देवास जिले की हाटपीपल्या के आमला ताज गांव की ! जहा गांव को खिलाड़ियों के गांव से जाना जाता है ! जहा पर 70 से ज्यादा खिलाड़ीयो ने कई अवार्ड जीते है !

सबसे पहले वाटर स्पोर्ट शेलिंग की शुरुवात करने वाले जोगेंद्र सिह ठाकुर ने बताया कि सबसे पहले 2007 में शुरुआत की व 2010 में प्रतियोगिता में भाग लिया साथ ही बताया कि वाटर स्पोर्ट गेम बहुत ही चुनोतियो भरा रहता है !

रोविंग खेल में एकलव्य अवार्डी विश्वजीत सिंह ने बताया कि गांव में कोई साधन नही है हमने कुए और नदी में तैरना सीखा ओर इस मुकाम पर पहुँचे !

वही ग्रामीण ज्वाल सिंह ठाकुर का कहना है कि हमारे मन मे पीड़ा है कि हमारे गांव से इतने खिलाड़ीयो ने प्रदेश ही नही देश का नाम भी रोशन किया फिर भी शासन प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नही मिली ! ग्रामीणों की मांग है कि शासन प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिये और खिलाड़ियों को सुविधा मिलना चाहिए !

विजवल
बाइट जोगेन्द्र सिंह ठाकुर वाटर स्पोर्ट शेलिंग
बाइट विश्वजीत सिंह एकलव्य अवार्डी
बाइट ज्वाल सिंह ठाकुर ग्रामीणBody:एक दशक में आमला ताज गांव से निकले 70 से ज्यादा खिलाड़ी

नेशनल अवार्ड एकलव्य अवार्ड के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग ले चुके है !

ना ही कोई सुविधा ना ही कोई साधन फिर भी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया नाम रोशन ! एक दशक की बात की जाए टी लगभग 70 नेशनल अवार्ड , 3 एकलव्य अवार्डी, 5 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में खेल चुके है साथ ही खेलो की वजह से ही 10 से अधिक खिलाड़ी नेवी, आर्मी, एस एस बी, आई डी बी पी ,बी एस एफ व रेलवे में अच्छी पोस्ट पर पदस्थ है !

हम बात कर रहे है देवास जिले की हाटपीपल्या के आमला ताज गांव की ! जहा गांव को खिलाड़ियों के गांव से जाना जाता है ! जहा पर 70 से ज्यादा खिलाड़ीयो ने कई अवार्ड जीते है !

सबसे पहले वाटर स्पोर्ट शेलिंग की शुरुवात करने वाले जोगेंद्र सिह ठाकुर ने बताया कि सबसे पहले 2007 में शुरुआत की व 2010 में प्रतियोगिता में भाग लिया साथ ही बताया कि वाटर स्पोर्ट गेम बहुत ही चुनोतियो भरा रहता है !

रोविंग खेल में एकलव्य अवार्डी विश्वजीत सिंह ने बताया कि गांव में कोई साधन नही है हमने कुए और नदी में तैरना सीखा ओर इस मुकाम पर पहुँचे !

वही ग्रामीण ज्वाल सिंह ठाकुर का कहना है कि हमारे मन मे पीड़ा है कि हमारे गांव से इतने खिलाड़ीयो ने प्रदेश ही नही देश का नाम भी रोशन किया फिर भी शासन प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नही मिली ! ग्रामीणों की मांग है कि शासन प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिये और खिलाड़ियों को सुविधा मिलना चाहिए !

विजवल
बाइट जोगेन्द्र सिंह ठाकुर वाटर स्पोर्ट शेलिंग
बाइट विश्वजीत सिंह एकलव्य अवार्डी
बाइट ज्वाल सिंह ठाकुर ग्रामीणConclusion:एक दशक में आमला ताज गांव से निकले 70 से ज्यादा खिलाड़ी

नेशनल अवार्ड एकलव्य अवार्ड के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग ले चुके है !

ना ही कोई सुविधा ना ही कोई साधन फिर भी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया नाम रोशन ! एक दशक की बात की जाए टी लगभग 70 नेशनल अवार्ड , 3 एकलव्य अवार्डी, 5 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में खेल चुके है साथ ही खेलो की वजह से ही 10 से अधिक खिलाड़ी नेवी, आर्मी, एस एस बी, आई डी बी पी ,बी एस एफ व रेलवे में अच्छी पोस्ट पर पदस्थ है !

हम बात कर रहे है देवास जिले की हाटपीपल्या के आमला ताज गांव की ! जहा गांव को खिलाड़ियों के गांव से जाना जाता है ! जहा पर 70 से ज्यादा खिलाड़ीयो ने कई अवार्ड जीते है !

सबसे पहले वाटर स्पोर्ट शेलिंग की शुरुवात करने वाले जोगेंद्र सिह ठाकुर ने बताया कि सबसे पहले 2007 में शुरुआत की व 2010 में प्रतियोगिता में भाग लिया साथ ही बताया कि वाटर स्पोर्ट गेम बहुत ही चुनोतियो भरा रहता है !

रोविंग खेल में एकलव्य अवार्डी विश्वजीत सिंह ने बताया कि गांव में कोई साधन नही है हमने कुए और नदी में तैरना सीखा ओर इस मुकाम पर पहुँचे !

वही ग्रामीण ज्वाल सिंह ठाकुर का कहना है कि हमारे मन मे पीड़ा है कि हमारे गांव से इतने खिलाड़ीयो ने प्रदेश ही नही देश का नाम भी रोशन किया फिर भी शासन प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नही मिली ! ग्रामीणों की मांग है कि शासन प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिये और खिलाड़ियों को सुविधा मिलना चाहिए !

विजवल
बाइट जोगेन्द्र सिंह ठाकुर वाटर स्पोर्ट शेलिंग
बाइट विश्वजीत सिंह एकलव्य अवार्डी
बाइट ज्वाल सिंह ठाकुर ग्रामीण
Last Updated : Feb 6, 2020, 7:59 PM IST
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