देवास। शासन-प्रशासन स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होने का दावा करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. एक मामला जिले के खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के कन्नौद के सिविल अस्पताल से सामने आया है. जहां एक एम्बुलेन्स आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नही होने के चलते पिछले 4 महीने से अस्पताल परिसर में खड़ी हुई. जिसके चलते अधिकांश मरीजो को अन्य किराए के वाहन से आना-जाना पड़ रहा है.
आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नहीं होने के चलते पिछले 4 महीने से अस्पताल में खड़ी एम्बुलेन्स
देवास के खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के कन्नौद के सिविल अस्पताल में एक एम्बुलेन्स आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नहीं होने के चलते पिछले 4 महीने से अस्पताल परिसर में खड़ी हुई है. जिसके चलते मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है
कन्नौद के सिविल अस्पताल परिसर में 4 माह से खड़ी है एम्बुलेन्स
देवास। शासन-प्रशासन स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होने का दावा करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. एक मामला जिले के खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के कन्नौद के सिविल अस्पताल से सामने आया है. जहां एक एम्बुलेन्स आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नही होने के चलते पिछले 4 महीने से अस्पताल परिसर में खड़ी हुई. जिसके चलते अधिकांश मरीजो को अन्य किराए के वाहन से आना-जाना पड़ रहा है.
Intro:अस्पताल में नही मिल रही एम्बुलेन्स सुविधा,जिम्मेदार उदासीन
खातेगांव। शासन, प्रशासन स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होने का दावा करते हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आमजन को इनका लाभ कितना मिलता है यह तो बताना मुश्किल है।
Body:ऐसा ही मामला कन्नौद के सिविल अस्पताल का सामने आया है। जहां आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नही होने से एक एम्बुलेन्स विगत 4 माह से अस्पताल परिषर में खड़ी होकर मरीजो का मुंह चिढा रही है। कन्नौद अस्पताल में डॉ का आभाव होने से गंभीर मरीजो को देवास या इंदौर रेफर करने का सिलसिला जारी है। अस्पताल की एम्बुलेन्स का रजिस्ट्रेशन नही होने से इसका लाभ किसी भी मरीज को नही मिल रहा है। अधिकांश मरीजो को अन्य वाहन किराये से जाना पड़ रहा है। जिम्मेदार इस समस्या को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नही दिखाई दे रहे है। किसी घायल व्यक्ति को भी अस्पताल लाना होता है तो 108 या निजी वाहनों का सहारा ले पड़ रहा है।
Conclusion:बता दे कि खातेगांव विधायक आशीष शर्मा ने तत्कालीन सांसद सुषमा स्वराज से कन्नौद अस्पताल के लिए एम्बुलेन्स की मांग की थी। और सांसद ने मरीजो की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एम्बुलेन्स की सौगात दी। लेकिन इसका अब तक मरीजो को लाभ नही मिला है। बल्कि एम्बुलेन्स पर लिखा सांसद का नाम भी असामाजिक तत्वों द्वारा खुरच दिया है।
बाईट- डॉ मेघा पटेल, बीएमओ कन्नौद
खातेगांव। शासन, प्रशासन स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होने का दावा करते हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आमजन को इनका लाभ कितना मिलता है यह तो बताना मुश्किल है।
Body:ऐसा ही मामला कन्नौद के सिविल अस्पताल का सामने आया है। जहां आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नही होने से एक एम्बुलेन्स विगत 4 माह से अस्पताल परिषर में खड़ी होकर मरीजो का मुंह चिढा रही है। कन्नौद अस्पताल में डॉ का आभाव होने से गंभीर मरीजो को देवास या इंदौर रेफर करने का सिलसिला जारी है। अस्पताल की एम्बुलेन्स का रजिस्ट्रेशन नही होने से इसका लाभ किसी भी मरीज को नही मिल रहा है। अधिकांश मरीजो को अन्य वाहन किराये से जाना पड़ रहा है। जिम्मेदार इस समस्या को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नही दिखाई दे रहे है। किसी घायल व्यक्ति को भी अस्पताल लाना होता है तो 108 या निजी वाहनों का सहारा ले पड़ रहा है।
Conclusion:बता दे कि खातेगांव विधायक आशीष शर्मा ने तत्कालीन सांसद सुषमा स्वराज से कन्नौद अस्पताल के लिए एम्बुलेन्स की मांग की थी। और सांसद ने मरीजो की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एम्बुलेन्स की सौगात दी। लेकिन इसका अब तक मरीजो को लाभ नही मिला है। बल्कि एम्बुलेन्स पर लिखा सांसद का नाम भी असामाजिक तत्वों द्वारा खुरच दिया है।
बाईट- डॉ मेघा पटेल, बीएमओ कन्नौद
Last Updated : Oct 20, 2019, 11:24 AM IST