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हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, सिंध नदी पर सुरक्षा रही नदारद - रतनगढ़ माता मंदिर

गंगा दशहरा पर हजारों श्रद्धालुओं ने सिंध नदी में आस्था की डुबकी लगाई, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कोई भी व्यवस्था नहीं की. 2008 के हादसे से भी प्रशासन सीख नहीं ले रहा है.

Thousands of devotees took a holy dip in Sindh river
सिंध नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
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Published : Jun 3, 2020, 12:36 AM IST

दतिया। गंगा दशहरा पर सेवढ़ा के सनकुआ तीर्थ पर पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने सिंध नदी में डुबकी लगाई. हर साल गंगा दशहरा के मौके पर हजारों की तादाद में श्रद्धालु यहां आते हैं. प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी यहां सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई. प्रशासन की ओर से किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया. नदी किनारे सुरक्षा की दृष्टी से न ही गोताखोर तैनात किए गए और न ही लाइफ जैकेट की व्यवस्था की गई. श्रद्धालुओं ने जान का जोखिम उठाकर नदी में डुबकी लगाई.

Thousands of devotees took a holy dip in Sindh river
सिंध नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
Thousands of devotees took a holy dip in Sindh river
सिंध नदी

आपको बता दें कि सबसे बड़ा हादसा दतिया जिले में 2008 में भी हुआ था, जिसमें 100 लोगों की जलसमाधि रतनगढ़ माता मंदिर पर हुई थी. अक्टूबर 2008 में नवमी के मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु सिंध नहीं पार कर रतनगढ़ माता मंदिर जा रहे थे. तभी अचानक मणिखेड़ा और हरसी बांध से पानी छोड़ दिया गया था, जिसकी वजह से 100 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत डूबने से हो गई थी, फिलहाल की लापरवाही को देखकर लग रहा है कि स्थानीय प्रशासन ने हादसे से कोई सबक नहीं लिया और इसीलिए ऐसी लापरवाही बरती गई.

दतिया। गंगा दशहरा पर सेवढ़ा के सनकुआ तीर्थ पर पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने सिंध नदी में डुबकी लगाई. हर साल गंगा दशहरा के मौके पर हजारों की तादाद में श्रद्धालु यहां आते हैं. प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी यहां सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई. प्रशासन की ओर से किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया. नदी किनारे सुरक्षा की दृष्टी से न ही गोताखोर तैनात किए गए और न ही लाइफ जैकेट की व्यवस्था की गई. श्रद्धालुओं ने जान का जोखिम उठाकर नदी में डुबकी लगाई.

Thousands of devotees took a holy dip in Sindh river
सिंध नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
Thousands of devotees took a holy dip in Sindh river
सिंध नदी

आपको बता दें कि सबसे बड़ा हादसा दतिया जिले में 2008 में भी हुआ था, जिसमें 100 लोगों की जलसमाधि रतनगढ़ माता मंदिर पर हुई थी. अक्टूबर 2008 में नवमी के मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु सिंध नहीं पार कर रतनगढ़ माता मंदिर जा रहे थे. तभी अचानक मणिखेड़ा और हरसी बांध से पानी छोड़ दिया गया था, जिसकी वजह से 100 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत डूबने से हो गई थी, फिलहाल की लापरवाही को देखकर लग रहा है कि स्थानीय प्रशासन ने हादसे से कोई सबक नहीं लिया और इसीलिए ऐसी लापरवाही बरती गई.

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