दमोह। जिले में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और इससे होने वाली मौतों में भी इजाफा हो रहा हैं. इसी कड़ी में दमोह में रविवार को एक महिला कोरोना मरीज की मौत हो गई, जिसके बाद उसके परिजनों ने शव घर ले जाने को लेकर जिद की, लेकिन शव परिजनों को नहीं सौंपा गया. इस बात से गुस्साए परिजनों ने कोविड सेंटर के बाहर जमकर हंगामा किया. परिजनों ने करीब चार घंटों तक हंगामा किया. घटना की जानकारी मिलने के बाद बीएमओ डॉ. आरपी कोरी, डॉ. विदेश शर्मा और थाना प्रभारी मनीष मिश्रा मौके पर पहुंचे. परिजनों को समझाइश दी गई और कोरोना पॉजिटिव प्रमाण पत्र सौंपने के बाद शव को मुक्तिधाम तक पहुंचाया गया.
करीब चार घंटे तक परिजनों का हंगामा
परिजनों का कहना है कि अगर महिला की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है, तो उसका अस्पताल प्रबंधन उन्हें प्रमाण पत्र दें. अगर ऐसा नहीं है तो हमें शव घर ले जाकर अंतिम संस्कार करने दिया जाए. इस बात को लेकर परिजनों ने करीब चार घंटे तक हंगामा किया.
इलाज के दौरान हुई महिला की मौत
कोरोना संक्रमित महिला को रविवार को कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान महिला की मौत रविवार को हो ही गई. मृतका का अंतिम संस्कार कोरोना नियमों के तहत से किया जाना था, लेकिन परिजन इस बात पर अड़े थे कि वह शव घर ले जाएंगे. दरअसल, संक्रमण फैलने का खतरा होने की वजह से ऐसे मरीजों के शव को परिजनों को नहीं दिए जाता है, बल्कि शव को पीपीई किट में पैक कर मुक्तिधाम भेजा जाता है. घटना में परिजनों को लगातार समझाया जा रहा था, लेकिन परिजन मानने तैयार नहीं थे.
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वहीं, परिजनों का आरोप है कि मरीज का ठीक से इलाज नहीं किया गया है. महिला की हालत बिगड़ने पर ड्यूटी नर्स ने डॉक्टर को फोन किया, लेकिन उन्होंने डेक्सोना इंजेक्शन लगाने की बात कही. इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद ही महिला ने दम तोड़ दिया. वहीं, परिजनों ने ऑक्सीजन न मिलने का भी आरोप अस्पताल प्रबंधन पर लगाया है. परिजनों का कहना है कि महिला कोरोना पॉजिटिव है इसकी जानकारी भी परिजनों को नहीं दी गई. हंगामे को बढ़ता देख बीएमओ डॉ. आरपी कोरी, डॉ. विदेश शर्मा और थाना प्रभारी मनीष मिश्रा मौके पर पहुंचे.