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सेना भर्ती की मांग को लेकर छात्रों ने किया प्रदर्शन

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Published : Mar 10, 2021, 8:04 PM IST

सेना में भर्ती के लिए आयु सीमा बढ़ाए जाने और वैकेंसी निकाले जाने की मांग को लेकर एनएसयूआई के छात्रों ने कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया.

students protest in damoh
छात्रों का विरोध प्रदर्शन

दमोह। एनएसयूआई के छात्रों ने सेना में भर्ती के लिए आयु सीमा बढ़ाए जाने और वैकेंसी निकाले जाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया. छात्र संगठन ने सेना में वैकेंसी निकालने की मांग भी उठाई. छात्रों ने सेना में भर्ती करो, बेरोजगारों को रोजगार दो और वंदे मातरम के नारे भी लगाए.

150 छात्र कर रहे हैं तैयारी
एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष शुभम तिवारी ने कहा कि करीब 150 छात्र भारतीय सेना में शामिल होने के लिए लंबे समय से तैयारी कर रहे हैं, लेकिन 2017 के बाद से प्रदेश में सेना में भर्ती के लिए केवल एक बार वैकेंसी निकाली गई है. वैकेंसी न निकाले जाने से छात्र बेहद परेशान हैं. मोदी सरकार ने प्रतिवर्ष 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने का वचन दिया था, लेकिन नौकरी देना तो दूर, जो लोग नौकरी में हैं उन्हें भी बाहर निकाला जा रहा है.

छात्रों का विरोध प्रदर्शन
एक वर्ष की छूट दे सरकार
छात्र करण पटेल और तरुण शर्मा ने कहा कि अन्य सभी प्रदेशों में प्रतिवर्ष दो बार सेना में भर्ती के लिए आवेदन निकाले जाते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में 3 साल से भर्तियां नहीं निकाली गई हैं. 2020 का पूरा साल कोरोना काल में निकल गया, जिससे न नई भर्तियां हो पाईं और न ही छात्रों को सेना में जाने का अवसर मिल सका. हमारी सरकार से मांग है कि सरकार कोरोना काल का लाभ देते हुए आयु सीमा में 1 साल की छूट प्रदान करें और शीघ्र ही सेना में भर्ती के लिए वैकेंसी निकाले.

राष्ट्रपति के कार्यक्रम के बाद मचा बवाल, गोपाल भार्गव के समर्थक हुए लाल

हर साल पांच लाख युवा होते हैं तैयार
एआरओ ग्वालियर, दमोह, सागर, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, शिवपुरी, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, गुना, अशोकनगर सहित 14 जिलों के लिए भर्तियां निकाली जाती हैं. जिसमें सैनिक, नर्सिंग स्टाफ, क्लर्क, टेक्निकल ट्रेडमेन आदि विभिन्न पद भरे जाते हैं. हर साल करीब 4 से 5 लाख युवा सेना की परीक्षा में बैठते हैं. यदि इन्हें आयु सीमा में छूट नहीं दी गई तो 50% युवा भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे.

दमोह। एनएसयूआई के छात्रों ने सेना में भर्ती के लिए आयु सीमा बढ़ाए जाने और वैकेंसी निकाले जाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया. छात्र संगठन ने सेना में वैकेंसी निकालने की मांग भी उठाई. छात्रों ने सेना में भर्ती करो, बेरोजगारों को रोजगार दो और वंदे मातरम के नारे भी लगाए.

150 छात्र कर रहे हैं तैयारी
एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष शुभम तिवारी ने कहा कि करीब 150 छात्र भारतीय सेना में शामिल होने के लिए लंबे समय से तैयारी कर रहे हैं, लेकिन 2017 के बाद से प्रदेश में सेना में भर्ती के लिए केवल एक बार वैकेंसी निकाली गई है. वैकेंसी न निकाले जाने से छात्र बेहद परेशान हैं. मोदी सरकार ने प्रतिवर्ष 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने का वचन दिया था, लेकिन नौकरी देना तो दूर, जो लोग नौकरी में हैं उन्हें भी बाहर निकाला जा रहा है.

छात्रों का विरोध प्रदर्शन
एक वर्ष की छूट दे सरकार
छात्र करण पटेल और तरुण शर्मा ने कहा कि अन्य सभी प्रदेशों में प्रतिवर्ष दो बार सेना में भर्ती के लिए आवेदन निकाले जाते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में 3 साल से भर्तियां नहीं निकाली गई हैं. 2020 का पूरा साल कोरोना काल में निकल गया, जिससे न नई भर्तियां हो पाईं और न ही छात्रों को सेना में जाने का अवसर मिल सका. हमारी सरकार से मांग है कि सरकार कोरोना काल का लाभ देते हुए आयु सीमा में 1 साल की छूट प्रदान करें और शीघ्र ही सेना में भर्ती के लिए वैकेंसी निकाले.

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हर साल पांच लाख युवा होते हैं तैयार
एआरओ ग्वालियर, दमोह, सागर, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, शिवपुरी, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, गुना, अशोकनगर सहित 14 जिलों के लिए भर्तियां निकाली जाती हैं. जिसमें सैनिक, नर्सिंग स्टाफ, क्लर्क, टेक्निकल ट्रेडमेन आदि विभिन्न पद भरे जाते हैं. हर साल करीब 4 से 5 लाख युवा सेना की परीक्षा में बैठते हैं. यदि इन्हें आयु सीमा में छूट नहीं दी गई तो 50% युवा भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे.

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