दमोह। जिले में ईसाई मिशनरी के सर्वेसर्वा लाल बंधुओं की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. आए दिन कोई न कोई वीडियो वायरल होने, धर्मांतरण या जमीन संबंधी मामले में उनका नाम आने के बाद हलचल मच जाती है.अब ताजा मामला उनके द्वारा संचालित मिशन हॉस्पिटल का है. शहर के बीचोंबीच स्थित मिशन हॉस्पिटल में सोमवार दोपहर अचानक आग लगने के कारण खलबली मच गई. मिशन हॉस्पिटल की नई बिल्डिंग आग लगी. इस बिल्डिंग में आईपीडी मरीजों के अलावा डायलिसिस करा रहे 5 मरीज भी भर्ती थे. हॉस्पिटल प्रबंधन की यह घोर लापरवाही रही कि आग बुझने तक उन मरीजों को सुरक्षित बाहर नहीं निकाला जा सका, जो डायलिसिस करा रहे थे.
अस्पताल कर्मियों ने बुझाई आग : वहीं अस्पताल के कर्मचारी बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के सीधा अस्पताल की नई बिल्डिंग में दाखिल हो गए और उन्होंने किसी तरह आग पर काबू पाया. दोपहर करीब 12:15 फायर बिग्रेड को आग लगने की सूचना दी गई. फायर बिग्रेड करीब आधे घंटे बाद मौके पर तक पहुंची. तब तक कर्मचारी आग पर काबू पा चुके थे.अंदर आग इतनी अधिक थी कि केवल काला धुआं निकल रहा था. पूरे वार्डों में यह धुआं फैल चुका था. जिन वार्डों में डायलिसिस करा रहे मरीज भर्ती थे, उन वार्डों में भी धुआं भरने के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. ताज्जुब की बात यह है कि इस नई बिल्डिंग में एंटी फायर एक्सटेंशन यूनिट लगी हुई है. लेकिन वह यूनिट समय पर चालू नहीं हो सकी. यूनिट में खराबी थी या कोई अन्य दिक्कत है, इसका फिलहाल खुलासा नहीं हो सका है.
गाइडलाइन का उल्लंघन : गौरतलब है कि पिछले वर्ष जबलपुर के एक निजी हॉस्पिटल में आग लगने की घटना के कारण कई मरीजों की मौत के बाद राज्य शासन ने जांच के आदेश दिए थे. ये निर्देश भी दिए थे हॉस्पिटल में एक से अधिक निकासी द्वार की व्यवस्था की जाए तथा एंटीफायर एक्सटेंशन यूनिट स्थापित किए जाएं. लेकिन स्थानीय प्रशासन के ढीलेढाले रवैया के कारण कई अस्पतालों में एंटीफायर एक्सटेंशन केवल नाममात्र के लिए लगे हैं. कई अस्पतालों में तो यह यूनट नहीं है लेकिन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है. इस संबंध में मिशन अस्पताल प्रबंधन ने कोई भी जवाब नहीं दिया. वहीं इस संबंध में मिशन हॉस्पिटल के संचालक डॉ.अजय लाल का कहना है कि इस बारे में जानकारी मिली है. आग पर काबू पा लिया गया है. सभी मरीज पूरी तरह सुरक्षित हैं. आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी है.