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लॉकडाउन से थम गए बसों के पहिए, हर दिन हो रहा लाखों का नुकसान, कब ट्रैक पर आएगी रफ्तार

दमोह जिले में भी लॉकडाउन के चलते टूर एंड ट्रेवल्स का व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो चुका है. जिससे जिले में वाहन चलाने वाले लोगों के लिए रोजी-रोटी का संकट खड़ा होता जा रहा है.

बसों की रुक गई रफ्तार
बसों की रुक गई रफ्तार
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Published : Apr 7, 2020, 7:06 PM IST

दमोह। लॉकडाउन का सीधा असर परिवहन व्यवस्था पर भी पड़ा है. टूर एंड ट्रेवल्स का व्यवसाय लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से ठप हो गया है. बस संचालकों के सामने ड्राइवरों और कंडक्टरों को पेमेंट देने की समस्या खड़ी हो गई है. यूं तो दमोह में हजारों वाहन चालक हैं और वे लोग इस व्यवसाय से जुड़ करके अपने परिवार का जीवन-यापन करते हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते अब उनकी हालत खराब होने लगी है.

लॉक डाउन से थम गए बसों के पहिए

बस संचालकों की मानें तो करीब 4 से 5 हजार लोग ऐसे हैं जो जिलेभर में विभिन्न संचालकों के वाहनों को चलाते थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते जहां यह वाहन पूरी तरह से बंद है और इनका कोई भी उपयोग नहीं हो रहा है. तो कुछ ट्रैवल संचालक शासन के निर्देश पर वाहन उपलब्ध करा रहे हैं. वह वाहन भी केवल शासकीय कार्यों के लिए उपयोग हो रहे हैं. ऐसे हालात में अब इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होता नजर आ रहा है.

बसों की रुक गई रफ्तार
बसों की रुक गई रफ्तार

दमोह जिले में हर दिन ही लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. क्योंकि इसी वक्त शादी विवाह का मौसम होता है जिसके चलते सबसे ज्यादा टूर एंड ट्रैवल्स का व्यापार प्रभावित हो रहा है. हालांकि दमोह के एक ट्रैवल्स मानते हैं कि सरकार ने जो निर्देश दिए हैं वह उस निर्देश पर सरकार के साथ हैं. लेकिन परेशानी तो बहुत है.

टूर एंड ट्रैवल का संचालन करने वाले व्यवसाई जब इतने परेशान हैं, तो इसी तरह के व्यवसाय से जुड़े अन्य लोगों के सामने कितनी बड़ी परेशानियां होगी यह सोचने वाली बात है. क्योंकि 21 दिन के लॉकडाउन के बाद भी टूर एंड ट्रैवल्स का व्यवसाय पूरी तरह से लाइन पर आने में भी वक्त लगेगा.

दमोह। लॉकडाउन का सीधा असर परिवहन व्यवस्था पर भी पड़ा है. टूर एंड ट्रेवल्स का व्यवसाय लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से ठप हो गया है. बस संचालकों के सामने ड्राइवरों और कंडक्टरों को पेमेंट देने की समस्या खड़ी हो गई है. यूं तो दमोह में हजारों वाहन चालक हैं और वे लोग इस व्यवसाय से जुड़ करके अपने परिवार का जीवन-यापन करते हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते अब उनकी हालत खराब होने लगी है.

लॉक डाउन से थम गए बसों के पहिए

बस संचालकों की मानें तो करीब 4 से 5 हजार लोग ऐसे हैं जो जिलेभर में विभिन्न संचालकों के वाहनों को चलाते थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते जहां यह वाहन पूरी तरह से बंद है और इनका कोई भी उपयोग नहीं हो रहा है. तो कुछ ट्रैवल संचालक शासन के निर्देश पर वाहन उपलब्ध करा रहे हैं. वह वाहन भी केवल शासकीय कार्यों के लिए उपयोग हो रहे हैं. ऐसे हालात में अब इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होता नजर आ रहा है.

बसों की रुक गई रफ्तार
बसों की रुक गई रफ्तार

दमोह जिले में हर दिन ही लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. क्योंकि इसी वक्त शादी विवाह का मौसम होता है जिसके चलते सबसे ज्यादा टूर एंड ट्रैवल्स का व्यापार प्रभावित हो रहा है. हालांकि दमोह के एक ट्रैवल्स मानते हैं कि सरकार ने जो निर्देश दिए हैं वह उस निर्देश पर सरकार के साथ हैं. लेकिन परेशानी तो बहुत है.

टूर एंड ट्रैवल का संचालन करने वाले व्यवसाई जब इतने परेशान हैं, तो इसी तरह के व्यवसाय से जुड़े अन्य लोगों के सामने कितनी बड़ी परेशानियां होगी यह सोचने वाली बात है. क्योंकि 21 दिन के लॉकडाउन के बाद भी टूर एंड ट्रैवल्स का व्यवसाय पूरी तरह से लाइन पर आने में भी वक्त लगेगा.

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