शहडोल (अखिलेश शुक्ला): संभाग के लोगों में प्रतिभा की कमी नहीं है. समय-समय पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोग ऐसे कार्य करते रहते हैं, जो उन्हें सुर्खियों में ला देता है. इन दिनों शहडोल संभाग के उमरिया जिले के गांव के कुछ लोग गाय के गोबर को लेकर बड़ा काम कर रहे हैं. या फिर यूं कहें कि उनका ये एक स्टार्टअप है, जिसकी अब हर ओर तारीफ हो रही है.
गाय के गोबर से गजब स्टार्टअप
अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि एक आइडिया आपकी जिंदगी बदल सकता है. इस कथन को उमरिया के कुछ लोगों ने सही सबित किया है. बता दें कि शहडोल संभाग के उमरिया जिले के कुछ ग्रामीणों ने गाय के गोबर को लेकर एक बड़ा स्टार्टअप शुरू किया है. जिसमें ये ग्रामीण गाय के गोबर से दैनिक दिनचर्या में उपयोग होने वाली अधिकतर वस्तुएं बना रहे हैं. गोबर से ऐसे ऐसे सामान बना रहे हैं, जिसके बारे में सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
कहां के हैं ये लोग?
गोबर से प्रोडक्ट बनाकर कारोबार कर रहे इन लोगों की टीम से ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की. कारोबारी नेकनारायण सिंह ने बताया कि "वे समिति के अध्यक्ष हैं, इस समिति में 10 लोग हैं और यह सभी लोग तीन गांव से बिलॉन्ग करते हैं. ये तीनों गांव उमरिया जिले में आते हैं. इनके नाम कौड़िया, सलैया, और गुड़ा है. समिति के लोग अपने घरों के गाय का गोबर इक्टठा करते हैं. इसके बाद गोबर से प्रोडक्ट तैयार करते हैं."
ऐसे हुई स्टार्टअप की शुरुआत?
कारोबारी नेकनारायण सिंह बताते हैं कि "आत्मा परियोजना के तहत समिति के सभी लोगों को प्रशिक्षण दिलाया गया था. इन सभी लोगों का प्रशिक्षण देवला नागपुर अनुसंधान केंद्र में हुआ, जो सबसे बड़ा अनुसंधान केंद्र है. यहां समिति के सभी 10 लोगों ने जाकर ट्रेनिंग ली और ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है."
क्या-क्या सामान बनाते हैं?
नेकनारायण सिंह बताते हैं कि "वे गोबर से दैनिक उपयोग में आने वाली अधिकतर चीज बनाते हैं. जैसे गोबर की मूर्ति, धूपबत्ती, शैंपू, मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती, साबुन, बैठकी जो पूजा करने में इस्तेमाल होता है, एक्यूप्रेशर, मोबाइल स्टैंड, मंजन, कीटनाशक, वर्मी कंपोस्ट भी बनाते हैं. इसके अलावा भी कई बहुत सारी चीजें बनाते हैं, जो मानव जीवन में दैनिक उपयोग में इस्तेमाल होती हैं ऐसी वस्तुएं बनाते हैं."
बाजार में कैसी डिमांड?
नेतराम सिंह बताया कि "अभी प्रशिक्षण लेकर आए 25 दिन ही हुए हैं. सभी लोगों ने अपने घरों में प्रोडक्ट का निर्माण भी शुरू कर किया है. प्रोडक्ट बनाने के लिए जो गोबर की जरूरत पड़ रही है. वह गोबर अपने घरों के गाय के गोबरों का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर गोबर बाहर से भी लिया जाएगा. बाजार में गोबर से बने प्रोडक्ट्स की अच्छी खासी डिमांड है. इनकी लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं.
लोगों को पसंद आ रहे प्रोडक्ट
नेकनारायण सिंह कहते हैं कि अभी लोग आते हैं उनसे इसके बारे में जानते हैं. कुछ लोग तो इतना पसंद कर रहे हैं कि वो खरीद कर भी ले जाते हैं. इतना ही नहीं अभी ओडिशा वालों ने हमसे संपर्क किया है. उनका कहना है कि हम आपके प्रोडक्ट खरीदेंगे और बेचेंगे. इसके अलावा वर्मी कंपोस्ट के लिए तो बहुत ज्यादा डिमांड आ रही है. जैसे-जैसे लोग जानेंगे वैसे-वैसे इसकी डिमांड बढ़ेगी, हमें पूरी उम्मीद है कि हमारा यह स्टार्टअप बहुत बड़े लेवल तक जाएगा. बता दें कि 50 ग्राम मंजन 30 से 50 रुपए के बीच, एक्यूप्रेशर मशीन 150 से 300 लंबाई चौड़ाई के हिसाब से, शैंपू 30 से 50 रुपए, शुभ लाभ के छल्ले 10 रुपए के मिल रहे हैं."
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यही काम क्यों शुरू किया?
इस काम की शुरुआत इसलिए की, क्योंकि उनकी टीम के सभी लोग गांव के रहने वाले हैं और कई पीढ़ियों से घरों में गोवंश पालन करते आ रहे हैं. लेकिन आज के दौर में गोवंश को लोग पालना पसंद नहीं कर रहे हैं. ऐसे में हमारी टीम ने गौवंश का महत्व समझते हुए इस काम को शुरू किया है. गोबर से बने प्रोडक्टों की बाजार में अच्छी डिमांड मिलने से ज्यादा गाय के गोबर की जरूरत पड़ेगी. जिससे बाहर से लेना पड़े और लोग घरों में गोवंश पालन शुरू कर देंगे.