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भरी बरसात में चला प्रशासन का बुलडोजर, बिना नोटिस दिए कार्रवाई करने का आरोप

दमोह जिले के हटा में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान एक महिला बेहोश हो गई. लोगों का आरोप है कि बिना सूचना के उनके मकान गिरा दिए गए.

अतिक्रमण पर कार्रवाई
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Published : Aug 1, 2019, 11:01 AM IST

दमोह। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई दमोह के हटा में प्रशासनिक अमले पर उस वक्त भारी पड़ गई, जब बारिश के मौसम में अपनी छत छीनते देख एक महिला बेहोश हो गई. भारी विरोध और रोते-बिलखते चेहरों के बीच भी ये कार्रवाई जारी रही और एक-एक कर लोगों के घर तोड़ दिए गए. बहरहाल कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिना किसी सूचना के उनके घर तोड़ दिए हैं.

हटा में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान महिला हुई बेहोश


कार्रवाई के दौरान पीड़ित बेनी बाई ने मीडिया को अपनी आपबीती सुनाई. उसने बताया कि उसका घर भी बारिश के मौसम में छिन गया. कुछ देर बाद इस महिला की हालत इस कदर बिगड़ी कि एम्बुलेंस बुलानी पड़ी और महिला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया.

हटा के शास्त्री वार्ड में 10 साल से रह रहे गरीब परिवारों ने कब्जा कर मकान बना लिए थे, लेकिन बुधवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. पुलिस और नगर पालिका की टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की और मकानों पर बुलडोजर चलवा दिए. लोगों का आरोप है कि ना तो उन्हें कोई नोटिस दिया गया और ना ही मुनादी कराई गई. राजस्व निरीक्षक मनीराम गौंड का कहना है कि बरसात के समय नियमानुसार अतिक्रमण नहीं हटाए जाते हैं.

सैकड़ों लोगों के सिर पर से छत छीनने और बरसात में बेघर करने वाले अधिकारी महिला की हालात बिगड़ने के बाद अपने-अपने दफ्तरों से गायब हो गए हैं और कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहने को तैयार नहीं.

दमोह। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई दमोह के हटा में प्रशासनिक अमले पर उस वक्त भारी पड़ गई, जब बारिश के मौसम में अपनी छत छीनते देख एक महिला बेहोश हो गई. भारी विरोध और रोते-बिलखते चेहरों के बीच भी ये कार्रवाई जारी रही और एक-एक कर लोगों के घर तोड़ दिए गए. बहरहाल कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिना किसी सूचना के उनके घर तोड़ दिए हैं.

हटा में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान महिला हुई बेहोश


कार्रवाई के दौरान पीड़ित बेनी बाई ने मीडिया को अपनी आपबीती सुनाई. उसने बताया कि उसका घर भी बारिश के मौसम में छिन गया. कुछ देर बाद इस महिला की हालत इस कदर बिगड़ी कि एम्बुलेंस बुलानी पड़ी और महिला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया.

हटा के शास्त्री वार्ड में 10 साल से रह रहे गरीब परिवारों ने कब्जा कर मकान बना लिए थे, लेकिन बुधवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. पुलिस और नगर पालिका की टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की और मकानों पर बुलडोजर चलवा दिए. लोगों का आरोप है कि ना तो उन्हें कोई नोटिस दिया गया और ना ही मुनादी कराई गई. राजस्व निरीक्षक मनीराम गौंड का कहना है कि बरसात के समय नियमानुसार अतिक्रमण नहीं हटाए जाते हैं.

सैकड़ों लोगों के सिर पर से छत छीनने और बरसात में बेघर करने वाले अधिकारी महिला की हालात बिगड़ने के बाद अपने-अपने दफ्तरों से गायब हो गए हैं और कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहने को तैयार नहीं.

Intro:भरी बरसात में चल गया प्रशासन का बुलडोजर - जमीदोज किये मकान - एक महिला की हालत बिगड़ी
एंकर / एम् पी के दमोह से एक हैरान करने वाली खबर है जहाँ प्रशासनिक नादिरशाही के चलते बरसात के मौसम में सैकड़ों लोगों पर आफत बन आई है तो इस बीच एक महिला जिंदगी और मौत के बीच जूझने मजबूर है /
वीओ- आँखों में आंसू दिल में दर्द लिए इन बेबस लोगों की सुनने वाला कोई नहीं कोई नहीं है / आसमान से पानी लगातार गिर रहा है चारों तरफ पानी ही पानी है और इस बरसात से बचने इनके पास जो था उस पर प्रशासन के बुलडोजर का कहर बरपा और एक एक कर सब कुछ जमीदोज हो गया / पहले रट हुए आपबीती बताती इस महिला की जुबानी सुनिए ...
बाइट-१ बैनी बाई ( पीड़िता हटा दमोह )
Body:वीओ- बैनी बाई अपनी आपबीती बता रही थी की उसका आशियाना भरी बारिश में छीना गया और कुछ देर बाद इस महिला की हालात इस कदर बिगड़ी की मौकाए वारदात पर एम्बुलेंस बुलानी पडी / बैनी बाई की आँखों के सामने उसका घर बुलडोजर ने गिरा दिया और फिर क्या था उसकी हालात बिगड़ी और अब वो हटा के सिविल अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है / बैनी बाई अकेली नहीं है बल्कि उसकी तरह पचास से ज्यादा परिवार है जिनके साथ ऐसा ही हुआ है / रोते बिलखते गिड़गिड़ाते लोग अतिक्रमण दस्ते से गुआर लगाते रहे लेकिन भरी बरसात में उनकी किसी ने नहीं सुनी / दरसल दमोह जिले के हटा के शास्त्री वार्ड में सब हुआ / इस जगह पर दस सालों से रह रहे गरीब परिवारों ने सर छिपाने छोटे छोटे मकान बना लिए थे / लेकिन बुधवार को अचानक बुलडोजर पुलिस और नगर पालिका का अमला आया और सब कुछ गिरा दिया / लोगों का आरोप है की ना तो उन्हें कोई नोटिस दिया गया ना ही मुनादी कराई गई और सीधे बरसते पानी में माकन गिरा दिए गए /
बाइट-रुखसाना ( पीड़िता हटा दमोह )
बाइट- मुकेश ( पीड़ित हटा दमोह )
Conclusion:वीओ- बारिश के बीच हाटए गए अतिक्रमण के बाद हालत क्या होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है , खास बात ये है की कोई आला अधिकारी यहाँ अतिक्रमण हटाने नहीं आया और जो अधिकारी आये वो भी साफ़ कह रहे है की उनके पास अतिक्रमण हटाने का कोई लिखित आदेश नहीं था सिर्फ तहसीलदार ने फोन पर आदेश दिया तो वो ये कब्जे हटाने आ गए /
बाइट-१` मनीराम गौंड ( राजस्व निरीक्षक हटा दमोह )
वीओ- खुद आर आई मनीराम गौंड की माने तो बरसात के समय नियमानुसार अतिक्रमण नहीं हटाए जाते और ना ऐसा होता है जबकि इस बार ना तो कोई मुनादी कराई गई ना ही पीड़ितों को कोई नोटिस दिए गए उनकी मजबूरी थी की उन्हें अपने अधिकारी का आदेश मानना था /
बाइट-२ मनीराम गौंड ( राजस्व निरीक्षक हटा दमोह )
वीओ- सैकड़ों लोगों के सर से छत छीनने और बरसात में बेघर करने वाले अधिकारी एक महिला की हालात बिगड़ने के बाद अपने अपने दफ्तरों से गायब हो गए है कोई बड़ा जिम्मेदार अफसर कैमरे का सामना नहीं कर रहा है लिहाजा साफ़ है की कार्यवाही गलत है पर सवाल यही की आखिर गरीबो के साथ ऐसा कब तक होगा और आखिर अब ये गरीब बारिश के वक़्त कहाँ जाएँ ?

आकिब खान
हटा/दमोह
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