दमोह। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई दमोह के हटा में प्रशासनिक अमले पर उस वक्त भारी पड़ गई, जब बारिश के मौसम में अपनी छत छीनते देख एक महिला बेहोश हो गई. भारी विरोध और रोते-बिलखते चेहरों के बीच भी ये कार्रवाई जारी रही और एक-एक कर लोगों के घर तोड़ दिए गए. बहरहाल कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिना किसी सूचना के उनके घर तोड़ दिए हैं.
कार्रवाई के दौरान पीड़ित बेनी बाई ने मीडिया को अपनी आपबीती सुनाई. उसने बताया कि उसका घर भी बारिश के मौसम में छिन गया. कुछ देर बाद इस महिला की हालत इस कदर बिगड़ी कि एम्बुलेंस बुलानी पड़ी और महिला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया.
हटा के शास्त्री वार्ड में 10 साल से रह रहे गरीब परिवारों ने कब्जा कर मकान बना लिए थे, लेकिन बुधवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. पुलिस और नगर पालिका की टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की और मकानों पर बुलडोजर चलवा दिए. लोगों का आरोप है कि ना तो उन्हें कोई नोटिस दिया गया और ना ही मुनादी कराई गई. राजस्व निरीक्षक मनीराम गौंड का कहना है कि बरसात के समय नियमानुसार अतिक्रमण नहीं हटाए जाते हैं.
सैकड़ों लोगों के सिर पर से छत छीनने और बरसात में बेघर करने वाले अधिकारी महिला की हालात बिगड़ने के बाद अपने-अपने दफ्तरों से गायब हो गए हैं और कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहने को तैयार नहीं.