ETV Bharat / state

चुनाव ड्यूटी पर तैनात रहे 28 से 30 शिक्षकों की कोरोना से मौत! अनुकंपा नियुक्ति की मांग

अध्यापक संघ का दावा है कि दमोह उपचुनाव में ड्यूटी पर तैनात 28 से 30 शिक्षकों की कोरोना से मौत हुई है. जिसके लिए उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति और अनुग्रह राशि देने की मांग की है. हालांकि शिक्षा विभाग के मुताबिक कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 12 है.

teachers posted on election duty died
चुनाव ड्यूटी पर तैनात रहे 28 से 30 शिक्षकों की कोरोना से मौत
author img

By

Published : May 23, 2021, 12:40 AM IST

दमोह। पिछले महीने दमोह विधानसभा में उपचुनाव हुए थे. जिसमें कई कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया था. कोरोना संक्रमण के चलते कई कर्मचारियों ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद अब उन कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति और अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग उठने लगी है. ड्यूटी पर तैनात करीब 30 शिक्षकों की भी कोरोना से मौत हो गई थी. जिसको लेकर शिक्षक संघ ने प्रशासन एवं निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन देकर अनुकंपा नियुक्ति और अनुग्रह राशि देने की मांग की है. वहीं प्रशासन ने पूरे मामले की जांच करने के बाद ही कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया है.

आपको बता दें, विधानसभा उपचुनाव में करीब 1000 शिक्षकों की ड्यूटी विभिन्न कार्यों में लगाई गई थी. अध्यापक संघ का दावा है कि करीब 28 से 30 कर्मचारियों की मृत्यु चुनाव ड्यूटी में कोरोना की चपेट में आने के कारण हुई. हालांकि जिला प्रशासन एवं निर्वाचन शाखा ने अब तक केवल 12 शिक्षकों एवं एक अन्य कर्मचारी की मौत ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से होने पर मुहर लगाई है. अध्यापक संघ ने अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन दमोह कलेक्टर को भी सौंपा है.

मौत के आंकड़े को लेकर उलझन

दरअसल, शिक्षा विभाग ने संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर को 17 तारीख को भेजे अपने एक शासकीय पत्र में जिले भर के 57 कर्मचारियों की विभिन्न कारणों से मौत का हवाला देकर उनकी एक्स ग्रेशिया की राशि के भुगतान के संबंध में जानकारी प्रेषित की है. इन 57 कर्मचारियों में से 42 कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी मौत कोरोना संक्रमण से होना दर्शाया गया है. हालांकि शिक्षा विभाग का कहना है कि चुनाव के दौरान केवल 12 कर्मचारियों की मृत्यु कोरोना से हुई है. इसके इतर अध्यापक संगठन ने 28 से 30 कर्मचारियों की मौत का दावा किया है. हालांकि शिक्षा विभाग का यही कहना है कि लगातार आवेदन प्राप्त हो रहे हैं और उन आवेदनों की जांच की जा रही है. 6 आवेदन अभी पेंडिंग हैं, जिनकी जांच की जा रही है.

चुनाव न होता तो पापा बच जाते

कोरोना महामारी में कई लोगों ने अपनों को खोया है. ड्यूटी पर तैनात एक ऐसे ही कार्मचारी की कोरोना से मौत हो गई. जिसके बाद उनके बेटे प्रशांत तिवारी ने कहा, 'पिता राम मनोहर तिवारी बजरिया स्कूल हटा में पदस्थ थे. लेकिन चुनाव में उनकी ड्यूटी लगा दी गई. जब वह प्रशिक्षण में गए तो कोरोना संक्रमित हो गए. उन्हें उपचार के लिए पहले जिला अस्पताल और उसके बाद बीएमसी सागर में भर्ती कराया गया. इस दौरान उनकी मौत हो गई. यदि चुनाव नहीं होता तो मेरे पिता की जान नहीं जाती. अब मैंने निर्वाचन आयुक्त और शासन से मांग की है कि अनुकंपा नियुक्ति तथा प्रावधान के तहत अनुग्रह राशि दी जाए.'

अनुकंपा नियुक्ति की मांग

अनुकंपा नियुक्ति की मांग

अध्यापक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ अंजुम ने बताया कि 28 से 30 कर्मचारियों की मृत्यु चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से हुई है. हमने निर्वाचन आयुक्त एवं शासन से मांग की है कि जिन कर्मचारियों की मौत हुई है, उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति तथा अनुग्रह राशि नियमानुसार दी जाए. जिस दिन अधिसूचना जारी होती है, उसी दिन से सभी कर्मचारी निर्वाचन आयोग के अधीन हो जाते हैं. जब कर्मचारियों को एक अनुपस्थिति पर दंड दिया जा सकता है, तो उनकी मृत्यु पर उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति और अनुग्रह राशि क्यों नहीं दी जा सकती. शिक्षक मोहन आदर्श ने कहा, 'चुनाव होना ही नहीं थे. इस चुनाव में हमने अपने कई साथियों को खो दिया. उनके परिवार अब मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. शासन को शीघ्र ही अनुकंपा नियुक्ति और अनुग्रह राशि देना चाहिए.

शिक्षा विभाग ने 12 मौत की पुष्टि की

मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एचएन नेमा कहते हैं कि अभी तक हमारे पास कुल 18 आवेदन आए हैं. जिनमें से 12 शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से मौत की पुष्टि हुई है. हालांकि अभी 6 आवेदनों की जांच की जा रही है. जिन शिक्षक कर्मचारियों की मौत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से हुई है, उनके दस्तावेज जैसे सीटी स्कैन, डॉक्टर का प्रिसक्रिप्शन, RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट आदि मांगी गई है. जांच में यदि वह सही पाए जाते हैं तो ऐसे शिक्षकों की सूची निर्वाचन आयोग और शासन को भेजी जाएगी.

सीएम को ज्ञापन नहीं दे सके पत्रकार ,नाराज होकर दी गिरफ्तारी

विभागों से मांगी जानकारी

इस मामले में कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य का भी बयान सामने आया है. उनका कहना है कि कितने कर्मचारियों की मृत्यु चुनाव ड्यूटी में कोरोना से हुई है. इसके लिए जो आवेदन आ रहे हैं उनकी जांच करवाई जा रही है. जिन विभागों के कर्मचारी ड्यूटी में लगे थे और जिनकी मृत्यु हुई है उन सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वह शीघ्र ही पूरी सूची और रिपोर्ट प्रस्तुत करें. ताकि आगामी कार्रवाई के लिए शासन को भेजा जा सके. निर्वाचन आयुक्त एवं शासन की जो गाइडलाइन हैं उसके अनुसार मृत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति या अनुग्रह राशि दी जाएगी.

दमोह। पिछले महीने दमोह विधानसभा में उपचुनाव हुए थे. जिसमें कई कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया था. कोरोना संक्रमण के चलते कई कर्मचारियों ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद अब उन कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति और अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग उठने लगी है. ड्यूटी पर तैनात करीब 30 शिक्षकों की भी कोरोना से मौत हो गई थी. जिसको लेकर शिक्षक संघ ने प्रशासन एवं निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन देकर अनुकंपा नियुक्ति और अनुग्रह राशि देने की मांग की है. वहीं प्रशासन ने पूरे मामले की जांच करने के बाद ही कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया है.

आपको बता दें, विधानसभा उपचुनाव में करीब 1000 शिक्षकों की ड्यूटी विभिन्न कार्यों में लगाई गई थी. अध्यापक संघ का दावा है कि करीब 28 से 30 कर्मचारियों की मृत्यु चुनाव ड्यूटी में कोरोना की चपेट में आने के कारण हुई. हालांकि जिला प्रशासन एवं निर्वाचन शाखा ने अब तक केवल 12 शिक्षकों एवं एक अन्य कर्मचारी की मौत ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से होने पर मुहर लगाई है. अध्यापक संघ ने अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन दमोह कलेक्टर को भी सौंपा है.

मौत के आंकड़े को लेकर उलझन

दरअसल, शिक्षा विभाग ने संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर को 17 तारीख को भेजे अपने एक शासकीय पत्र में जिले भर के 57 कर्मचारियों की विभिन्न कारणों से मौत का हवाला देकर उनकी एक्स ग्रेशिया की राशि के भुगतान के संबंध में जानकारी प्रेषित की है. इन 57 कर्मचारियों में से 42 कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी मौत कोरोना संक्रमण से होना दर्शाया गया है. हालांकि शिक्षा विभाग का कहना है कि चुनाव के दौरान केवल 12 कर्मचारियों की मृत्यु कोरोना से हुई है. इसके इतर अध्यापक संगठन ने 28 से 30 कर्मचारियों की मौत का दावा किया है. हालांकि शिक्षा विभाग का यही कहना है कि लगातार आवेदन प्राप्त हो रहे हैं और उन आवेदनों की जांच की जा रही है. 6 आवेदन अभी पेंडिंग हैं, जिनकी जांच की जा रही है.

चुनाव न होता तो पापा बच जाते

कोरोना महामारी में कई लोगों ने अपनों को खोया है. ड्यूटी पर तैनात एक ऐसे ही कार्मचारी की कोरोना से मौत हो गई. जिसके बाद उनके बेटे प्रशांत तिवारी ने कहा, 'पिता राम मनोहर तिवारी बजरिया स्कूल हटा में पदस्थ थे. लेकिन चुनाव में उनकी ड्यूटी लगा दी गई. जब वह प्रशिक्षण में गए तो कोरोना संक्रमित हो गए. उन्हें उपचार के लिए पहले जिला अस्पताल और उसके बाद बीएमसी सागर में भर्ती कराया गया. इस दौरान उनकी मौत हो गई. यदि चुनाव नहीं होता तो मेरे पिता की जान नहीं जाती. अब मैंने निर्वाचन आयुक्त और शासन से मांग की है कि अनुकंपा नियुक्ति तथा प्रावधान के तहत अनुग्रह राशि दी जाए.'

अनुकंपा नियुक्ति की मांग

अनुकंपा नियुक्ति की मांग

अध्यापक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ अंजुम ने बताया कि 28 से 30 कर्मचारियों की मृत्यु चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से हुई है. हमने निर्वाचन आयुक्त एवं शासन से मांग की है कि जिन कर्मचारियों की मौत हुई है, उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति तथा अनुग्रह राशि नियमानुसार दी जाए. जिस दिन अधिसूचना जारी होती है, उसी दिन से सभी कर्मचारी निर्वाचन आयोग के अधीन हो जाते हैं. जब कर्मचारियों को एक अनुपस्थिति पर दंड दिया जा सकता है, तो उनकी मृत्यु पर उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति और अनुग्रह राशि क्यों नहीं दी जा सकती. शिक्षक मोहन आदर्श ने कहा, 'चुनाव होना ही नहीं थे. इस चुनाव में हमने अपने कई साथियों को खो दिया. उनके परिवार अब मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. शासन को शीघ्र ही अनुकंपा नियुक्ति और अनुग्रह राशि देना चाहिए.

शिक्षा विभाग ने 12 मौत की पुष्टि की

मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एचएन नेमा कहते हैं कि अभी तक हमारे पास कुल 18 आवेदन आए हैं. जिनमें से 12 शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से मौत की पुष्टि हुई है. हालांकि अभी 6 आवेदनों की जांच की जा रही है. जिन शिक्षक कर्मचारियों की मौत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से हुई है, उनके दस्तावेज जैसे सीटी स्कैन, डॉक्टर का प्रिसक्रिप्शन, RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट आदि मांगी गई है. जांच में यदि वह सही पाए जाते हैं तो ऐसे शिक्षकों की सूची निर्वाचन आयोग और शासन को भेजी जाएगी.

सीएम को ज्ञापन नहीं दे सके पत्रकार ,नाराज होकर दी गिरफ्तारी

विभागों से मांगी जानकारी

इस मामले में कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य का भी बयान सामने आया है. उनका कहना है कि कितने कर्मचारियों की मृत्यु चुनाव ड्यूटी में कोरोना से हुई है. इसके लिए जो आवेदन आ रहे हैं उनकी जांच करवाई जा रही है. जिन विभागों के कर्मचारी ड्यूटी में लगे थे और जिनकी मृत्यु हुई है उन सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वह शीघ्र ही पूरी सूची और रिपोर्ट प्रस्तुत करें. ताकि आगामी कार्रवाई के लिए शासन को भेजा जा सके. निर्वाचन आयुक्त एवं शासन की जो गाइडलाइन हैं उसके अनुसार मृत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति या अनुग्रह राशि दी जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.