छिंदवाड़ा। कोरोना काल में गरीबों को राहत देने के लिए मोदी सरकार ने 20 किलो चावल और 1 किलो दाल मुफ्त में देने की घोषणा की है. सरकारी दुकानों में राशन पहुंच भी गया है, लेकिन डिजिटल तकनीक के कारण गरीबों को अनाज लेने में काफी परेशानी हो रही है.
गांवों में पीओएस मशीन का सर्वर रहता है बंद
पीडीएस का राशन ऑनलाइन तरीके से गरीबों को बांटा जाता है. जिसके लिए पीओएस मशीन में आधार फीडिंग होती है और फिर फिंगरप्रिंट के माध्यम से गरीबों को राशन दिया जाता है, लेकिन अधिकतर गांव में मोबाइल नेटवर्क की समस्या होने के चलते ज्यादातर सर्वर बंद रहता है. जिसके चलते गरीब दिन-दिन भर सरकारी राशन दुकानों के चक्कर लगाने को मजबूर रहते हैं.
जिले में 1984 गांवों में 526 सरकारी राशन दुकानों की समस्या
छिंदवाड़ा जिले में सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से 1984 गांव हैं, जिनमें 526 सरकारी राशन की दुकानें संचालित की जाती हैं, तो वहीं शहरी इलाकों में 89 सरकारी राशन की दुकानों के तहत गरीबों को राशन वितरित किया जाता है. राशन दुकान संचालकों का कहना है कि पीओएस का सर्वर भोपाल मुख्यालय और हैदराबाद से कनेक्टेड है. इसलिए स्थानीय स्तर पर उनकी समस्याओं का निराकरण भी नहीं होता है.
मुफ्त राशन के चक्कर में दिनभर की मजदूरी भी होती है खतरे में
राशन लेने सरकारी दुकान पहुंचे लोगों ने बताया की राशन लेने पहुंचते हैं, लेकिन अधिकतर समय मशीन का सर्वर खराब रहता है. जिसकी वजह से उन्हें राशन नहीं मिल पाता. फ्री का राशन लेने जब भी आते हैं तो उस दौरान कुछ लोग अपने मजदूरी के काम छोड़कर भी आते हैं, इसलिए उन्हें कई बार राशन भी नहीं मिल पाता और दिन भर की मजदूरी भी खत्म हो जाती है.
वैसे तो सरकारी दुकानों में सर्वर की समस्या पूरे साल रहती है, लेकिन बारिश के मौसम में ये दोगुनी हो जाती है. जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.