छिंदवाड़ा। एक बार फिर कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. प्रदेश में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार द्वारा भोपाल, इंदौर और जबलपुर में एक दिन का लॉकडाउन भी कर दिया गया है. कोरोना वैक्सीन आने के बाद भले ही सरकार ने स्कूलों को खोल दिया हों और बच्चे कुछ हद तक स्कूल पहुंच भी रहे हों, लेकिन कोरोना का कहर माता पिता के जहन में बैठा हुआ है. स्कूल खोलें जाने पर अभिभावकों का कहना है कि स्कूल बंद कर ऑनलाइन पढ़ाई कराई जानी चाहिए ताकि बच्चों को संक्रमण के खतरे से सुरक्षित रहे.
जिले में 60 से 70 फीसदी बच्चे पहुंच रहे स्कूल
कोरोना संक्रमण के बीच नौवीं से बारहवीं तक खोलें गए स्कूलों में करीब 60 से 70 फीसदी बच्चे पहुंच रहे हैं. डीईओ अरविंद चोरगढ़े का कहना है कि परीक्षा की तैयारियों के हिसाब से सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक स्कूल में पढ़ाई हो रही है. कई जगह तो बोर्ड परिक्षाओं को ध्यान में रखते हुए कोर्स कंप्लीट कराने के लिये रविवार को भी स्कूल लगाए जा रहे हैं. जिसमें तकरीबन 70 फीसदी और कुछ जगह 90 फीसदी बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं. हालांकि सभी बच्चे पालकों की सहमति से ही स्कूल बुलाए जा रहे हैं.
![Not all schools have proper arrangements.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11095875_t.jpg)
जिले में कुल 506 निजी और सरकारी स्कूल
छिंदवाड़ा जिले में हाई और हायर सेकेंडरी सरकारी स्कूलों की संख्या 367 और निजी स्कूलों की संख्या 139 है. जिसमें सरकार के आदेश अनुसार परीक्षाओं की तैयारी के लिए बच्चों को अभिभावकों की मर्जी से बुलाया जा रहा है. हालांकि सरकार के निर्देश नहीं होने के कारण पहली से आठवीं तक जिले में स्कूल अभी तक नहीं खोले गए हैं और नौवीं से बारहवीं तक स्कूल संचालित हो रहे हैं
![Demand to stop the operation of schools.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11095875_r.jpg)
अभिभावक ऑनलाइन पढ़ाई की कर रहे मांग
महाराष्ट्र की सीमा से लगे होने के कारण छिंदवाड़ा जिले में कोरोना का संकट बढ़ रहा है. जिसके चलते पालकों का कहना है कि नौवीं से बारहवीं तक स्कूल बंद कर ऑनलाइन पढ़ाई फिर से चालू करानी चाहिए. वहीं सरकार अब पहली से आठवीं तक स्कूल खोलने की बात कर रही है, अगर ऐसा होता है. तो अभिभावक संघ खुद स्कूलों में जाकर स्कूल बंद कराएगा क्योंकि बच्चों की सुरक्षा ज्यादा जरूरी है.
नहीं हो रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
सरकार ने कोरोना गाइडलाइन के पालन करने का हवाला देते हुए स्कूल तो खोल दिए. लेकिन स्कूलों में जगह कम होने की वजह से दो गज की दूरी का पालन नहीं हो पा रहा है. सरकार भले ही लाख दावें कर ले की सभी स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह पालन कराया जा रहा है लेकिन हकीकत ये है कि कई स्कूलों में बेंच कम होने के कारण एक ही बेंच पर दो से तीन बच्चे बैठे दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं बच्चे बिना मास्क के स्कूल जा रहे हैं.