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छिंदवाड़ा में नहीं हो रही बिजली कटौती, बिजली विभाग के इंजीनियर ने उपभोक्ताओं की बताई गलती

छिंदवाड़ा में अधीक्षण अभियंता योगेश सिंघई ने बिजली कटौती पर कहा कि पहले से ज्यादा बिजली सप्लाई की गई है. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता ट्रिंपिग को भी बिजली कटौती मान रहे हैं, जबकि बिजली कटौती सूचना देकर की जाती है.

अधीक्षण अभियंता के मुताबिक बिजली कटौती की नहीं है समस्या
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Published : Jun 15, 2019, 3:26 PM IST

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश में बिजली कौटती को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. जहां प्रचंड गर्मी के बीच जनता परेशान है, वहीं बिजली संकट को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. कमलनाथ सरकार को घेरने के लिए बीजेपी सड़कों पर उतर आई है, तो वहीं कांग्रेस बिजली गुल समस्या को लेकर बैकफुट पर नजर आ रही है. इसी बीच छिंदवाड़ा बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता योगेश सिंघई ने बिजली कटौती को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत की है.

अधीक्षण अभियंता योगेश सिंघई का कहना है कि बिजली के बारे में उपभोक्ता कुछ ज्यादा ही संवेदनशील हो गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर थोड़ी भी ट्रिपिंग आती है, तो लोग (उपभोक्ता) उसे बिजली कटौती मान लेते हैं, जबकि प्रदेश में बिजली पहले से ज्यादा दे रहे हैं.

प्रदेश में पहले से ज्यादा बिजली हुई है कंज्यूम
अधीक्षण अभियंता योगेश सिंघई ने बताया कि जनवरी से जून तक 2018 में 6529.69 लाख यूनिट बिजली दी थी और इस साल 7481.95 लाख यूनिट बिजली दे चुके हैं. लिहाजा 4.58 फीसदी ज्यादा बिजली दे चुके हैं.अभियंता योगेश ने कहा कि मौजूद हालात में बिजली कटौती का सवाल ही नहीं है क्योंकि प्रदेश में सरप्लस बिजली की सप्लाई है. उन्होंने कहा कि कई बार ट्रिपिंग या कोई फॉल्ट आने से बिजली जाती है तो जनता इसे बिजली कटौती मान लेती है.

अधीक्षण अभियंता के मुताबिक बिजली कटौती की नहीं है समस्या

विद्युत कर्मचारी ईमानदार
प्रदेश कांग्रेस सरकार की ओर से बिजली कर्मचारियों और बीजेपी की मिलीभगत से बिजली गुल के आरोप मे योगेश कुमार सिंघई का कहना है कि उनके विभाग का हर कर्मचारी ईमानदार है और अपना काम सही ढंग से करता है उन पर बेवजह आरोप लगाए जा रहे हैं.

ट्रिपिंग और कटौती में है फर्क
योगेश कुमार सिंघई ने बताया कि इस बार गर्मी ज्यादा पड़ रही है. जिस वजह से उपकरणों में कई जगह खराबी आ रही थी. जिससे ट्रिपिंग हुई है लेकिन इसे बिजली कटौती नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि बिजली कटौती पहले से सूचना देकर की जाती है लिहाजा जनता को समझाने की जरूरत है कि ट्रिंपिग और बिजली कटौती में क्या अंतर है.

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश में बिजली कौटती को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. जहां प्रचंड गर्मी के बीच जनता परेशान है, वहीं बिजली संकट को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. कमलनाथ सरकार को घेरने के लिए बीजेपी सड़कों पर उतर आई है, तो वहीं कांग्रेस बिजली गुल समस्या को लेकर बैकफुट पर नजर आ रही है. इसी बीच छिंदवाड़ा बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता योगेश सिंघई ने बिजली कटौती को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत की है.

अधीक्षण अभियंता योगेश सिंघई का कहना है कि बिजली के बारे में उपभोक्ता कुछ ज्यादा ही संवेदनशील हो गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर थोड़ी भी ट्रिपिंग आती है, तो लोग (उपभोक्ता) उसे बिजली कटौती मान लेते हैं, जबकि प्रदेश में बिजली पहले से ज्यादा दे रहे हैं.

प्रदेश में पहले से ज्यादा बिजली हुई है कंज्यूम
अधीक्षण अभियंता योगेश सिंघई ने बताया कि जनवरी से जून तक 2018 में 6529.69 लाख यूनिट बिजली दी थी और इस साल 7481.95 लाख यूनिट बिजली दे चुके हैं. लिहाजा 4.58 फीसदी ज्यादा बिजली दे चुके हैं.अभियंता योगेश ने कहा कि मौजूद हालात में बिजली कटौती का सवाल ही नहीं है क्योंकि प्रदेश में सरप्लस बिजली की सप्लाई है. उन्होंने कहा कि कई बार ट्रिपिंग या कोई फॉल्ट आने से बिजली जाती है तो जनता इसे बिजली कटौती मान लेती है.

अधीक्षण अभियंता के मुताबिक बिजली कटौती की नहीं है समस्या

विद्युत कर्मचारी ईमानदार
प्रदेश कांग्रेस सरकार की ओर से बिजली कर्मचारियों और बीजेपी की मिलीभगत से बिजली गुल के आरोप मे योगेश कुमार सिंघई का कहना है कि उनके विभाग का हर कर्मचारी ईमानदार है और अपना काम सही ढंग से करता है उन पर बेवजह आरोप लगाए जा रहे हैं.

ट्रिपिंग और कटौती में है फर्क
योगेश कुमार सिंघई ने बताया कि इस बार गर्मी ज्यादा पड़ रही है. जिस वजह से उपकरणों में कई जगह खराबी आ रही थी. जिससे ट्रिपिंग हुई है लेकिन इसे बिजली कटौती नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि बिजली कटौती पहले से सूचना देकर की जाती है लिहाजा जनता को समझाने की जरूरत है कि ट्रिंपिग और बिजली कटौती में क्या अंतर है.

Intro:कैम्पेन स्टोरी
छिन्दवाड़ा। मप्र में काँग्रेस की सरकार आने के बिजली गुल होने की समस्या में ईजाफा हुआ है जिसके बाद से भाजपा कमलनाथ सरकार को घेरने के लिए सड़कों पर भी उतर गई और काँग्रेस बैकफुट में नजर आ रही है, काँग्रेस का कहना है कि बिजली गुल होने के पीछे भाजपा के साथ मिलकर विभाग के ही कुछ कर्मचारियों का हाथ है, इस मामले पर छिंदवाड़ा बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता योगेश सिंघई से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत।


Body:छिन्दवाड़ा अधीक्षण अभियंता योगेश सिंघई ने ईटीवी भारत से बताया कि कटौती जब कि जाती है तब बिजली की कमी हो जबकि हम बिजली पहले से ज्यादा दे रहे हैं उन्होंने बताया कि जनवरी से जून तक 2018 में 6529.69 लाख यूनिट बिजली दी थी और इस साल 7481.95 लाख यूनिट बिजली दे चुके हैं इस तरह कुल 14.58 फीसदी ज्यादा बिजली दे चुके हैं तो फिर इसे कटौती कैसे कहें। उनका कहना है बिजली तकनीकी व्यवस्था है इसलिए फाल्ट और ट्रिपिंग की शिकायतें ज्यादा आ रही है।

हमारा कर्मचारी ईमानदार है।

काँग्रेस सरकार के बिजली कर्मचारियों और भाजपा की मिलीभगत से बिजली गुल करने के मामले में योगेश कुमार सिंघई का कहना है कि उनके विभाग का हर कर्मचारी ईमानदार है और अपना काम सही ढंग से करता है उन पर वेवजह आरोप लगाए जा रहे हैं।

121- योगेश कुमार सिंघई
सुप्रीमटेंडेंट इंजीनियर,बिजली विभाग


Conclusion:सरप्लस है बिजली और सप्लाई

योगेश कुमार सिंघई ने बताया कि बिजली में कई उपकरण होते हैं और इस बार गर्मी भी अधिक पड़ रही। है जिसकी वजह से उपकरणों में भी कई जगह खराबी आ रही थी जिससे ट्रिपिंग हुई है लेकिन कटौती उसे नहीं किया जाता क्योंकि कटौती पूर्व में सूचना देकर की जाती है।
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