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छिंदवाड़ा मॉडल से सिर्फ कमलनाथ-कांग्रेसी खुश, समस्याओं से खफा हैं वोटर - शहरी मतदाता

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेसी भले ही छिंदवाड़ा मॉडल पर अपनी पीठ थपथपाते हैं. पर वहां के लोग प्यास से व्याकुल हैं, पानी की किल्लत और ट्रैफिक जाम से शहरवासी परेशान हैं, जिससे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है.

कमलनाथ-नकुलनाथ और छिंदवाड़ा के शहरी मतदाता( डिजाइन फोटो)
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Published : Apr 22, 2019, 3:34 PM IST

छिंदवाड़ा। पिछले आम चुनाव में बीजेपी ने गुजरात के विकास मॉडल का ढिंढोरा पीटा तो पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने छिंदवाड़ा मॉडल का जोर शोर से प्रचार किया. लेकिन चुनावी दौर में इन शहरों की जमीनी हकीकत सामने आ ही जाती है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेसी भले ही छिंदवाड़ा मॉडल पर अपनी पीठ थपथपाते हैं. पर वहां के लोग प्यास से व्याकुल हैं, पानी की किल्लत और ट्रैफिक जाम से शहरवासी परेशान हैं, जिससे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है.

समस्याओं से खफा हैं वोटर


छिंदवाड़ा के शहरी मतदाता बताते हैं कि रोजगार नहीं होने से युवा बाहर जाते हैं. युवाओं की मांग है कि शहर में उद्योग घंधे लगें और इस पर बहस की बजाय इसका समाधान किया जाना चाहिए. कुछ मतदाता मानते हैं कि छिंदवाड़ा में सड़क, पानी, बिजली कटौती की समस्या और रोजगार का अभाव है. शहर में चौतरफा रेल लाइन नहीं होने से मतदाओं में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ रोष है.

लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के लिये छिंदवाड़ा जिले में 29 अप्रैल को मतदान होना है. इस बार वर्तमान सांसद विधानसभा चुनाव के लिये छिंदवाड़ा सीट से मैदान में हैं, कमलनाथ का मुकाबला बीजेपी के विवके साहू से है. वहीं छिंदवाड़ा संसदीट सीट से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ कांग्रेस की ओर से मैदान में हैं. नकुलनाथ का मुकाबला बीजेपी के नत्थन शाह से है. ऐसे में देखना चिलस्प रहेगा कि जरूरी सुविधाओं के न मिलने से छिंदवाड़ा का शहरी मतदाता किसे अपने नेता चुनता है. ईटीवी भारत मध्यप्रदेश..

छिंदवाड़ा। पिछले आम चुनाव में बीजेपी ने गुजरात के विकास मॉडल का ढिंढोरा पीटा तो पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने छिंदवाड़ा मॉडल का जोर शोर से प्रचार किया. लेकिन चुनावी दौर में इन शहरों की जमीनी हकीकत सामने आ ही जाती है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेसी भले ही छिंदवाड़ा मॉडल पर अपनी पीठ थपथपाते हैं. पर वहां के लोग प्यास से व्याकुल हैं, पानी की किल्लत और ट्रैफिक जाम से शहरवासी परेशान हैं, जिससे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है.

समस्याओं से खफा हैं वोटर


छिंदवाड़ा के शहरी मतदाता बताते हैं कि रोजगार नहीं होने से युवा बाहर जाते हैं. युवाओं की मांग है कि शहर में उद्योग घंधे लगें और इस पर बहस की बजाय इसका समाधान किया जाना चाहिए. कुछ मतदाता मानते हैं कि छिंदवाड़ा में सड़क, पानी, बिजली कटौती की समस्या और रोजगार का अभाव है. शहर में चौतरफा रेल लाइन नहीं होने से मतदाओं में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ रोष है.

लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के लिये छिंदवाड़ा जिले में 29 अप्रैल को मतदान होना है. इस बार वर्तमान सांसद विधानसभा चुनाव के लिये छिंदवाड़ा सीट से मैदान में हैं, कमलनाथ का मुकाबला बीजेपी के विवके साहू से है. वहीं छिंदवाड़ा संसदीट सीट से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ कांग्रेस की ओर से मैदान में हैं. नकुलनाथ का मुकाबला बीजेपी के नत्थन शाह से है. ऐसे में देखना चिलस्प रहेगा कि जरूरी सुविधाओं के न मिलने से छिंदवाड़ा का शहरी मतदाता किसे अपने नेता चुनता है. ईटीवी भारत मध्यप्रदेश..

Intro: छिंदवाड़ा जिले में आगामी मध्य प्रदेश के चौथे चरण में 29 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव और उपचुनाव विधानसभा के लिए छिंदवाड़ा जिले की जनता मतदान करेगी ,इस बार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा की विधान सीट से चुनाव लड़ेंगे वही उनके विपक्ष में भाजपा उम्मीदवार विवेक साहू उम्मीदवार है लोकसभा सीट से नकुल नाथ और भाजपा सीट से नाथन शाह चुनाव में आमने-सामने होंगे


Body:छिंदवाड़ा शहरी मतदाताओं ने बताया कि छिंदवाड़ा जिले में बहुत सी मूलभूत समस्याएं हैं जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है शहरी मतदाताओं ने बताया कि छिंदवाड़ा जिले की सबसे बड़ी समस्या है बेरोजगारी, पानी की समस्या ,सड़क परिवहन की व्यवस्था, पार्किंग की समस्या, जैसी कई बड़ी समस्याएं हैं
छिंदवाड़ा जिले के लोगों को ,रोजगार पाने के लिए मजबूरन दूसरे जिले जाना पड़ता है कारण यह है कि उनके जिले में कोई इंडस्ट्री नहीं है ना ही कोई बड़ा व्यवसाय का बाजार ,जिसमें वहां अपना जीवन निर्वाह कर पाए
पानी की भी काफी समस्या है भले ही यहां पर माचागोरा डैम बनाया गया है फिर भी पानी काफी समस्या बनी हुई है माचागोरा डैम से पानी आने में लाइन ,डालने में काफी समय लग रहा है अभी अप्रैल के महीने में ही लोगों को पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है लगातार जल स्तर गिरता जा रहा है लोगों ने चिंता जताई कि आने वाले जून-जुलाई में पीने तक का पानी मिल पाएगा या नहीं इसे लेकर काफी चिंतित हैं अभी तो कई इलाकों में पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है दो दो चार चार दिनों बाद नल आता है कहीं-कहीं तो यहां में 10 दिनों तक पानी नहीं आ रहा है
शहरी मतदाताओं ने बताया कि रोड पर चलना भी काफी मुश्किल हो गया है सड़कों पर वाहन इतने खड़े हो जाते हैं कि उन्हें पैदल चलने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है यहां पर शहर में पार्किंग की सही व्यवस्था है ही नहीं कि लोग अपने वाहनों को सही प्रकार से खड़ा कर पाते पार्किंग की समस्या भी एक बड़ी समस्या बताया लोगों ने,
जिले में भले ही विकास मॉडल के नाम पर काफी बातें होती है पर लोगों ने कहा कि विकास के नाम पर छिंदवाड़ा से दिल्ली तक एक ही ट्रेन चलती है बाकी छिंदवाड़ा जिले के चारों तरफ कई जिले जाने के लिए ट्रेन तक नहीं है जिसके कारण उनके व्यापार पर काफी खासा प्रभाव पड़ता है
कुछ लोगों ने चिंता जताई कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है लोग मजबूरन प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना पड़ता है वहां पर उनसे मोटी फीस वसूल की जाती है

बाईट 01 - विरेंद्र झरवड़े
बाईट 02 - तरुण जै
बाईट 03- प्रवीण कुमार
बाईट 04- मनोज वाघ मानी
बाईट 05- अनिल कुमार रघुवंशी


Conclusion:शहरी मतदाताओं ने बताया ,क्या है उनके जिलों की मूलभूत समस्याएं कहां विकास हुआ है पर जिस स्तर पर विकास होना था उस स्तर पर नहीं हो पाया है अभी तक भले ही विकास मॉडल की बातें की जाती है पर छिंदवाड़ा विकास मॉडल बनने में अभी वक्त लगेगा
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