छिंदवाड़ा। पिछले आम चुनाव में बीजेपी ने गुजरात के विकास मॉडल का ढिंढोरा पीटा तो पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने छिंदवाड़ा मॉडल का जोर शोर से प्रचार किया. लेकिन चुनावी दौर में इन शहरों की जमीनी हकीकत सामने आ ही जाती है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेसी भले ही छिंदवाड़ा मॉडल पर अपनी पीठ थपथपाते हैं. पर वहां के लोग प्यास से व्याकुल हैं, पानी की किल्लत और ट्रैफिक जाम से शहरवासी परेशान हैं, जिससे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है.
छिंदवाड़ा के शहरी मतदाता बताते हैं कि रोजगार नहीं होने से युवा बाहर जाते हैं. युवाओं की मांग है कि शहर में उद्योग घंधे लगें और इस पर बहस की बजाय इसका समाधान किया जाना चाहिए. कुछ मतदाता मानते हैं कि छिंदवाड़ा में सड़क, पानी, बिजली कटौती की समस्या और रोजगार का अभाव है. शहर में चौतरफा रेल लाइन नहीं होने से मतदाओं में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ रोष है.
लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के लिये छिंदवाड़ा जिले में 29 अप्रैल को मतदान होना है. इस बार वर्तमान सांसद विधानसभा चुनाव के लिये छिंदवाड़ा सीट से मैदान में हैं, कमलनाथ का मुकाबला बीजेपी के विवके साहू से है. वहीं छिंदवाड़ा संसदीट सीट से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ कांग्रेस की ओर से मैदान में हैं. नकुलनाथ का मुकाबला बीजेपी के नत्थन शाह से है. ऐसे में देखना चिलस्प रहेगा कि जरूरी सुविधाओं के न मिलने से छिंदवाड़ा का शहरी मतदाता किसे अपने नेता चुनता है. ईटीवी भारत मध्यप्रदेश..