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MP Seat Scan Junnardev: परिसीमन के बाद दमुआ का जुन्नारदेव में हुआ विलय, कांग्रेस का है यहां दबदबा

चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको मध्यप्रदेश की एक-एक सीट का विश्लेषण लेकर आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे छिंदवाड़ा की जुन्नारदेव विधानसभा सीट के बारे में. इस सीट पर आदिवासियों ने ज्यादातर कांग्रेस पर अपना विश्वास जताते हुए उन्हें जीत दिलाई है. बता दें यह सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है.

mp seat scan junnardev
एमपी सीट स्कैन जुन्नारदेव
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Published : May 17, 2023, 6:16 AM IST

छिंदवाड़ा। अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित जुन्नारदेव सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है. 2008 के परिसीमन के दौरान दमुआ विधानसभा का विलय भी जुन्नारदेव विधानसभा में कर दिया गया था. राजनीतिक परिदृश्य की बात की जाए तो अधिकतर यहां पर कांग्रेस का दबदबा रहा है. जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के करीब 70 फीसदी मतदाता हैं. कांग्रेस और बीजेपी अनुसूचित जनजाति हो, आदिवासी हो या दलित हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रही है. आइए जानते हैं कि जुन्नारदेव सीट का मिजाज कैसा है.

Voters on Junnardeo seat
जुन्नारदेव सीट पर मतदाता

आदिवासियों ने अधिकतर कांग्रेस पर जताया भरोसा: जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में अगर राजनीतिक समीकरणों की बात की जाए तो यहां के आदिवासियों को अधिकतर कांग्रेस ही पसंद आई है. 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के द्वारा किए गए परिसीमन में यहां से लगी विधानसभा दमुआ का विलय इसी में कर दिया गया. 2008 के चुनावों में कांग्रेस ने इलाके के कद्दावर आदिवासी नेता और दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री रहे तेजीलाल सरेआम को मैदान में उतारा, तो वही बीजेपी ने मजदूर नेता आरएसएस के कार्यकर्ता को वेस्टर्न कोलफील्ड की नौकरी से इस्तीफा दिलवाकर चुनाव मैदान में उतारा था. इस चुनाव में कांग्रेस के तेजीलाल सरेआम ने जीत दर्ज की थी. वहीं 2013 में एक बार फिर भाजपा ने मजदूर आदिवासी नेता नत्थन शाह को मैदान में उतारा लेकिन कांग्रेस ने युवा नेता सुनील उईके पर दांव लगाया था और यहां पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस से युवा नेता सुनील उईके और बीजेपी से मजदूर आदिवासी नेता नत्थनशाह कवरेती मैदान में थे, लेकिन यहां पर कांग्रेस के युवा नेता सुनील उईके ने जीत दर्ज की. इस तरह से कांग्रेस का दबदबा कायम रहा.

ये रहे अब तक के चुनावी नतीजे: यहां 2018 में कांग्रेस के सुनील ऊइके को 78573 वोट मिले और बीजेपी के आशीष ठाकुर 55885 को वोट मिले. कांग्रेस ने 22688 वोट से चुनाव जीता था.

Year 2018 Result
साल 2018 का रिजल्ट

साल 2013 के नतीजे: साल 2013 में बीजेपी के नत्थन शाह को 74319 वोट मिले और कांग्रेस के सुनील ऊइके को 54198 वोट मिले थे. बीजेपी के नत्थन शाह ने 20121 वोटों से जीत दर्ज की थी.

साल 2008 के नतीजे: 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तेजीलाल सरेआम को मैदान में उतारा था. उन्हें 44831 वोट मिले थे तो वहीं बीजेपी की तरफ से वेस्टर्न कोलफील्ड्स की नौकरी छोड़ कर मैदान में उतरे आरएसएस के नेता नत्थनशाह कवरेती को 40637 वोट मिले थे और 4194 वोट से कांग्रेस जीती थी.

Report card of Junnardeo seat
जुन्नारदेव सीट का रिपोर्ट कार्ड

विश्व प्रसिद्ध पातालकोट है पहचान: विश्व प्रसिद्ध पातालकोट जुन्नारदेव विधानसभा की सबसे बड़ी पहचान है. तामिया विकासखंड के पातालकोट के भारिया जनजाति के लोगों के लिए सरकार उत्थान के कई प्रयास कर रही है, लेकिन आज भी उनसे विकास कोसों दूर है. वहीं सतपुड़ा की वादियों में बसे पचमढ़ी के पहाड़ों में चौरागढ़ के पर्वत में भगवान शिव का भी मंदिर है, जो इस विधानसभा क्षेत्र की पहचान है.

Specialty of Junnardev
जुन्नारदेव की खासियत
  1. MP Seat Scan Chaurai: चौरई सीट पर बीजेपी ने एक ही चेहरे पर तो कांग्रेस ने 1 ही समाज पर जताया विश्वास, क्या होगा 2023 बदलाव
  2. MP Seat Scan Mehgaon: रेत खनन से करोड़ों का राजस्व फिर भी पिछड़ा, जानें क्या है यहां के सियासी समीकरण
  3. MP Seat Scan Bhitarwar: भितरवार कांग्रेस का अभेद किला, जानें क्यों BJP नहीं उतार पाती है दमदार प्रत्याशी

कोयलांचल की पहचान बंद हो रही खदानों से बेरोजगारी भरमार: इलाके में वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की कन्हान एरिया की कोयला खदानें हैं. कई खदानें बंद हो जाने की वजह से इलाके में बेरोजगारी भरपूर है, इसलिए बेरोजगारी भी चुनाव में एक बड़ा मुद्दा है. अनुसूचित जनजाति बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र होने की वजह से अधिकतर जनजाति वर्ग के लोग वनोपज पर निर्भर हैं.

politics equation
जातीय समीकरण

बीजेपी और कांग्रेस से इस बार कई दावेदार सामने: जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के करीब 70 फीसदी मतदाता हैं. अगर इस बार दावेदारों की बात करें तो कांग्रेस से वर्तमान विधायक सुनील ऊइके के अलावा देवी प्रसाद ऊइके, पूर्व मंत्री तेजीलाल सरेआम की बहू दमुआ नगरपरिषद में कर्मचारी सुहागवती सरेआम भी मैदान में हैं. बीजेपी से नत्थनशाह ऊइके, जिला पंचायत सदस्य अरुण परते, जिला पंचायत सदस्य कमलेश ऊइके प्रमुख दावेदारों में है.

छिंदवाड़ा। अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित जुन्नारदेव सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है. 2008 के परिसीमन के दौरान दमुआ विधानसभा का विलय भी जुन्नारदेव विधानसभा में कर दिया गया था. राजनीतिक परिदृश्य की बात की जाए तो अधिकतर यहां पर कांग्रेस का दबदबा रहा है. जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के करीब 70 फीसदी मतदाता हैं. कांग्रेस और बीजेपी अनुसूचित जनजाति हो, आदिवासी हो या दलित हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रही है. आइए जानते हैं कि जुन्नारदेव सीट का मिजाज कैसा है.

Voters on Junnardeo seat
जुन्नारदेव सीट पर मतदाता

आदिवासियों ने अधिकतर कांग्रेस पर जताया भरोसा: जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में अगर राजनीतिक समीकरणों की बात की जाए तो यहां के आदिवासियों को अधिकतर कांग्रेस ही पसंद आई है. 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के द्वारा किए गए परिसीमन में यहां से लगी विधानसभा दमुआ का विलय इसी में कर दिया गया. 2008 के चुनावों में कांग्रेस ने इलाके के कद्दावर आदिवासी नेता और दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री रहे तेजीलाल सरेआम को मैदान में उतारा, तो वही बीजेपी ने मजदूर नेता आरएसएस के कार्यकर्ता को वेस्टर्न कोलफील्ड की नौकरी से इस्तीफा दिलवाकर चुनाव मैदान में उतारा था. इस चुनाव में कांग्रेस के तेजीलाल सरेआम ने जीत दर्ज की थी. वहीं 2013 में एक बार फिर भाजपा ने मजदूर आदिवासी नेता नत्थन शाह को मैदान में उतारा लेकिन कांग्रेस ने युवा नेता सुनील उईके पर दांव लगाया था और यहां पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस से युवा नेता सुनील उईके और बीजेपी से मजदूर आदिवासी नेता नत्थनशाह कवरेती मैदान में थे, लेकिन यहां पर कांग्रेस के युवा नेता सुनील उईके ने जीत दर्ज की. इस तरह से कांग्रेस का दबदबा कायम रहा.

ये रहे अब तक के चुनावी नतीजे: यहां 2018 में कांग्रेस के सुनील ऊइके को 78573 वोट मिले और बीजेपी के आशीष ठाकुर 55885 को वोट मिले. कांग्रेस ने 22688 वोट से चुनाव जीता था.

Year 2018 Result
साल 2018 का रिजल्ट

साल 2013 के नतीजे: साल 2013 में बीजेपी के नत्थन शाह को 74319 वोट मिले और कांग्रेस के सुनील ऊइके को 54198 वोट मिले थे. बीजेपी के नत्थन शाह ने 20121 वोटों से जीत दर्ज की थी.

साल 2008 के नतीजे: 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तेजीलाल सरेआम को मैदान में उतारा था. उन्हें 44831 वोट मिले थे तो वहीं बीजेपी की तरफ से वेस्टर्न कोलफील्ड्स की नौकरी छोड़ कर मैदान में उतरे आरएसएस के नेता नत्थनशाह कवरेती को 40637 वोट मिले थे और 4194 वोट से कांग्रेस जीती थी.

Report card of Junnardeo seat
जुन्नारदेव सीट का रिपोर्ट कार्ड

विश्व प्रसिद्ध पातालकोट है पहचान: विश्व प्रसिद्ध पातालकोट जुन्नारदेव विधानसभा की सबसे बड़ी पहचान है. तामिया विकासखंड के पातालकोट के भारिया जनजाति के लोगों के लिए सरकार उत्थान के कई प्रयास कर रही है, लेकिन आज भी उनसे विकास कोसों दूर है. वहीं सतपुड़ा की वादियों में बसे पचमढ़ी के पहाड़ों में चौरागढ़ के पर्वत में भगवान शिव का भी मंदिर है, जो इस विधानसभा क्षेत्र की पहचान है.

Specialty of Junnardev
जुन्नारदेव की खासियत
  1. MP Seat Scan Chaurai: चौरई सीट पर बीजेपी ने एक ही चेहरे पर तो कांग्रेस ने 1 ही समाज पर जताया विश्वास, क्या होगा 2023 बदलाव
  2. MP Seat Scan Mehgaon: रेत खनन से करोड़ों का राजस्व फिर भी पिछड़ा, जानें क्या है यहां के सियासी समीकरण
  3. MP Seat Scan Bhitarwar: भितरवार कांग्रेस का अभेद किला, जानें क्यों BJP नहीं उतार पाती है दमदार प्रत्याशी

कोयलांचल की पहचान बंद हो रही खदानों से बेरोजगारी भरमार: इलाके में वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की कन्हान एरिया की कोयला खदानें हैं. कई खदानें बंद हो जाने की वजह से इलाके में बेरोजगारी भरपूर है, इसलिए बेरोजगारी भी चुनाव में एक बड़ा मुद्दा है. अनुसूचित जनजाति बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र होने की वजह से अधिकतर जनजाति वर्ग के लोग वनोपज पर निर्भर हैं.

politics equation
जातीय समीकरण

बीजेपी और कांग्रेस से इस बार कई दावेदार सामने: जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के करीब 70 फीसदी मतदाता हैं. अगर इस बार दावेदारों की बात करें तो कांग्रेस से वर्तमान विधायक सुनील ऊइके के अलावा देवी प्रसाद ऊइके, पूर्व मंत्री तेजीलाल सरेआम की बहू दमुआ नगरपरिषद में कर्मचारी सुहागवती सरेआम भी मैदान में हैं. बीजेपी से नत्थनशाह ऊइके, जिला पंचायत सदस्य अरुण परते, जिला पंचायत सदस्य कमलेश ऊइके प्रमुख दावेदारों में है.

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