छिंदवाड़ा। देश एक तरफ तो विकास के नए-नए आयाम तय कर रहा है, तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो आज भी भोजन, कपड़ा, मकान, शिक्षा और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. अब मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में गरीबों की सहायता के लिए एक कपड़ा बैंक शुरू किया गया है. कपड़ा बैंक की एक गाड़ी लोगों के घर से कपड़े जमा करती है और गरीबों को ये कपड़े बांट देती है.
शहर के प्राइवेट बस स्टैंड के पास एक दुकान है, जहां लोग अपने घर के पुराने और अनुपयोगी कपड़े लाकर देते हैं. उसके बाद यह कपड़े जरूरतमंद लोगों में बांट दिए जाते हैं.
8 साल से कर रहे समाज सेवा
इस कपड़ा बैंक को खोलने वाले महेश भावरकर ने बताया कि वह पुलिस विभाग में काम करते हैं और पिछले 8 सालों से छोटे स्तर पर यह काम करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि आज भी कुछ लोगों के पास पहनने के लिए कपड़े नहीं होते हैं. ये देखकर उन्होंने यह मुहिम शुरू की और कपड़ा बैंक खोला.
गरीब लोगों को दिए जाते हैं कपड़े
कपड़ा बैंक में जो कपड़े आते हैं, उन्हें गरीबों में बांटा जाता है. गांव गांव जाकर उन्हें कपड़े बांटे जाते हैं. कपड़ा बैंक की गाड़ी में इसके बारे में जानकारी लिखी है. जिनके घर में भी अनुपयोगी कपड़े हैं, तो वहां से फोन आता है, वहां जाकर यह गाड़ी कपड़े कलेक्ट करती है और इसी गाड़ी से जाकर कपड़े बांटे जाते हैं.
पुराने कपड़े धोकर और प्रेस कर कर किए जाते हैं पैक
कपड़ा बैंक में जो लोग भी कपड़े लाकर देते हैं वह गंदे और बिना धुले भी आते हैं. उन कपड़ों को साफ किया जाता है फिर उसे पैक कर रख लिया जाता है.
लोगों का मिल रहा सहयोग
कपड़ा बैंक को लोगों का सहयोग खुलकर मिल रहा है. महेश भावरकर ने बताया कि लोग खुशी-खुशी उनके अनुपयोगी कपड़े किसी के उपयोग के लिए देते हैं. लोगों में कपड़ा बैंक को लेकर काफी उत्साह है. उन्होंने कहा कि ऐसे काम होते रहने चाहिए ताकि मानवता बरकरार रहे.