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छिंदवाड़ा में 'कपड़ा बैंक', जरूरतमंदों के लिए नेक पहल - chhindwara news

छिंदवाड़ा में जरूरतमंदों की मदद करने के मकसद से कपड़ा बैंक खोला गया है. यहां से गरीबों को निःशुल्क कपड़े बांटे जाते हैं.

kapda bank
कपड़ा बैंक
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Published : Dec 11, 2019, 2:01 PM IST

छिंदवाड़ा। देश एक तरफ तो विकास के नए-नए आयाम तय कर रहा है, तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो आज भी भोजन, कपड़ा, मकान, शिक्षा और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. अब मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में गरीबों की सहायता के लिए एक कपड़ा बैंक शुरू किया गया है. कपड़ा बैंक की एक गाड़ी लोगों के घर से कपड़े जमा करती है और गरीबों को ये कपड़े बांट देती है.
शहर के प्राइवेट बस स्टैंड के पास एक दुकान है, जहां लोग अपने घर के पुराने और अनुपयोगी कपड़े लाकर देते हैं. उसके बाद यह कपड़े जरूरतमंद लोगों में बांट दिए जाते हैं.

8 साल से कर रहे समाज सेवा
इस कपड़ा बैंक को खोलने वाले महेश भावरकर ने बताया कि वह पुलिस विभाग में काम करते हैं और पिछले 8 सालों से छोटे स्तर पर यह काम करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि आज भी कुछ लोगों के पास पहनने के लिए कपड़े नहीं होते हैं. ये देखकर उन्होंने यह मुहिम शुरू की और कपड़ा बैंक खोला.

कपड़ा बैंक

गरीब लोगों को दिए जाते हैं कपड़े
कपड़ा बैंक में जो कपड़े आते हैं, उन्हें गरीबों में बांटा जाता है. गांव गांव जाकर उन्हें कपड़े बांटे जाते हैं. कपड़ा बैंक की गाड़ी में इसके बारे में जानकारी लिखी है. जिनके घर में भी अनुपयोगी कपड़े हैं, तो वहां से फोन आता है, वहां जाकर यह गाड़ी कपड़े कलेक्ट करती है और इसी गाड़ी से जाकर कपड़े बांटे जाते हैं.

पुराने कपड़े धोकर और प्रेस कर कर किए जाते हैं पैक
कपड़ा बैंक में जो लोग भी कपड़े लाकर देते हैं वह गंदे और बिना धुले भी आते हैं. उन कपड़ों को साफ किया जाता है फिर उसे पैक कर रख लिया जाता है.

लोगों का मिल रहा सहयोग
कपड़ा बैंक को लोगों का सहयोग खुलकर मिल रहा है. महेश भावरकर ने बताया कि लोग खुशी-खुशी उनके अनुपयोगी कपड़े किसी के उपयोग के लिए देते हैं. लोगों में कपड़ा बैंक को लेकर काफी उत्साह है. उन्होंने कहा कि ऐसे काम होते रहने चाहिए ताकि मानवता बरकरार रहे.

छिंदवाड़ा। देश एक तरफ तो विकास के नए-नए आयाम तय कर रहा है, तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो आज भी भोजन, कपड़ा, मकान, शिक्षा और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. अब मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में गरीबों की सहायता के लिए एक कपड़ा बैंक शुरू किया गया है. कपड़ा बैंक की एक गाड़ी लोगों के घर से कपड़े जमा करती है और गरीबों को ये कपड़े बांट देती है.
शहर के प्राइवेट बस स्टैंड के पास एक दुकान है, जहां लोग अपने घर के पुराने और अनुपयोगी कपड़े लाकर देते हैं. उसके बाद यह कपड़े जरूरतमंद लोगों में बांट दिए जाते हैं.

8 साल से कर रहे समाज सेवा
इस कपड़ा बैंक को खोलने वाले महेश भावरकर ने बताया कि वह पुलिस विभाग में काम करते हैं और पिछले 8 सालों से छोटे स्तर पर यह काम करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि आज भी कुछ लोगों के पास पहनने के लिए कपड़े नहीं होते हैं. ये देखकर उन्होंने यह मुहिम शुरू की और कपड़ा बैंक खोला.

कपड़ा बैंक

गरीब लोगों को दिए जाते हैं कपड़े
कपड़ा बैंक में जो कपड़े आते हैं, उन्हें गरीबों में बांटा जाता है. गांव गांव जाकर उन्हें कपड़े बांटे जाते हैं. कपड़ा बैंक की गाड़ी में इसके बारे में जानकारी लिखी है. जिनके घर में भी अनुपयोगी कपड़े हैं, तो वहां से फोन आता है, वहां जाकर यह गाड़ी कपड़े कलेक्ट करती है और इसी गाड़ी से जाकर कपड़े बांटे जाते हैं.

पुराने कपड़े धोकर और प्रेस कर कर किए जाते हैं पैक
कपड़ा बैंक में जो लोग भी कपड़े लाकर देते हैं वह गंदे और बिना धुले भी आते हैं. उन कपड़ों को साफ किया जाता है फिर उसे पैक कर रख लिया जाता है.

लोगों का मिल रहा सहयोग
कपड़ा बैंक को लोगों का सहयोग खुलकर मिल रहा है. महेश भावरकर ने बताया कि लोग खुशी-खुशी उनके अनुपयोगी कपड़े किसी के उपयोग के लिए देते हैं. लोगों में कपड़ा बैंक को लेकर काफी उत्साह है. उन्होंने कहा कि ऐसे काम होते रहने चाहिए ताकि मानवता बरकरार रहे.

Intro:छिंदवाड़ा! छिंदवाड़ा शहर में एक अनोखी पहल देखने को मिली है जहां गरीब लोगों के लिए एक कपड़ा बैंक खोला गया है यहां बैंक गाड़ी के द्वारा लोगों के यहां से कपड़े कलेक्ट करता है और जहां गरीबों को कपड़े बांटना होता है वहां जाकर इस गाड़ी से कपड़े डिसटीब्यूट करता है
कपड़ा बैंक को खोलने वाले महेश भावरकर ने बताया वह पिछले 8 साल से यहां काम कर रहे हैं


Body:छिंदवाड़ा मे प्राइवेट बस स्टैंड पर एक दुकान में खोला है कपड़ा बैंक इस बैंक में लोग अपने घर के पुराने और अनुपयोगी कपड़े लाकर यहां पर देते हैं उन कपड़ों को धोकर और प्रेस कराकर उन्हें पैक किया जाता है उसके बाद जिन गांव में लोगों को उन कपड़ों की आवश्यकता होती है उन्हें बांट दिया जाता है इस कपड़े बैंक में काफी लोग आ रहे हैं और उन्होंने खुशी भी जताई कि या एक अच्छा काम किया जा रहा है ऐसे काम होते रहना चाहिए

8 साल से कर रहे समाज सेवा का कार्य - इस कपड़ा बैंक को खोलने वाले व्यक्ति महेश भावर कर ने बताया कि वाह पुलिस विभाग में काम करते हैं और पिछले 8 सालों से वहां छोटे स्तर पर यह काम करते आ रहे हैं उन्होंने बताया कि वह जिस गांव से आते हैं वहां पर लोगों को कपड़े पहने के लिए नहीं होते थे गरीब लोग फटे पुराने कपड़े पहन के घुमा करते थे मुझे अच्छा नहीं लगता था इसे देखते हुए उन्होंने यहां मुहिम शुरू की और करते-करते आज उन्होंने यह कपड़ा बैंक खोला

गरीब लोगों को दिए जाते हैं कपड़े - कपड़ा बैंक में जो कपड़े आते हैं वह कपड़े उन गरीब लोगों को दिए जाते हैं जिनके पास खरीदने के लिए पैसे नहीं होते जो दो वक्त की रोटी मुश्किल से कमा पाते हैं गांव गांव जाकर उन्हें कपड़ा बांटा जाता है महेश भावरकर ने बताया

कपड़ा बैंक के लिए है गाड़ी- कपड़ा बैंक खुलने के बाद एक गाड़ी का भी उपयोग किया जाता है इस गाड़ी में भी कपड़ा बैंक से संबंधित कपड़ा बैंक के बारे में जानकारी लिखी है इस गाड़ी के जरिए लोगों के घरों से जहां से फोन आता है कि उनके घर में अनुपयोगी कपड़े हैं वहां जाकर यह गाड़ी कपड़े कलेक्ट करती है और फिर उसे कपड़े को धो कर पैक करते हैं और गांव में जाके कपड़े पाटना होता है वहां इसी गाड़ी से जाकर कपड़े बांटते थे

लोगों का मिल रहा सहयोग - कपड़ा बैंक खुलने के अभी कुछ दिन ही हुए हैं पर लोगों का सहयोग खुलकर मिल रहा है बताया लोगों ने खुशी जारी की कि उनके अनुपयोगी कपड़े किसी के उपयोग के लिए काम आ रहे हैं

लोगों में काफी उत्साह - लोगों में काफी उत्साह है कपड़ा बैंक को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे काम होते रहना चाहिए जिससे मानवता बरकरार रहे कपड़ा बैंक को लेकर काफी उत्साहित हैं उन्होंने और लोगों को उसके बारे में बताने की बात कही

पुराने कपड़े धो कर और प्रेस कर कर किए जाते हैं पैक - कपड़ा बैंक में जो लोग भी कपड़े लाकर देते हैं वह गंदे और बिना धुले भी आते हैं उन कपड़ों को साफ धो कर लिया जाता है फिर उसे पैक कर रख लिया जाता है जिससे जो कपड़े पहने वाला व्यक्ति है उसे भी अच्छा लगे उसे साफ-सुथरे कपड़े मिलेंगे



Conclusion:कपड़ा बैंक को लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है हाल ही में खुला है यहां बैंक लोगों में उत्साह है इस बैंक को लेकर,

बाईट 01- भावना ठाकुर, कपड़ा देने आई महिला

बाईट 02- महेश भावरकर, कपड़ा बैंक खोलने वाला व्यक्ति
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