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हिंदुस्तान का इकलौता हिंगलाज माता का मंदिर, जहां कलस स्थापना से पूरी होती हैं मन्नत - छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा जिले के इकलहरा के पास अंबाड़ा में देश का इकलौता हिंगलाज माता का मंदिर है, जहां नवरात्रि में कलस स्थापना करने से मनोकामना पूरी होती है.

इकलौता हिंगलाज माता का मंदिर
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Published : Oct 7, 2019, 5:43 PM IST

छिंदवाड़ा। जिले के इकलहरा के पास अंबाड़ा में देश का इकलौता हिंगलाज माता का मंदिर है, जहां नवरात्रि में लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं. मान्यता है कि यहां माता सती के शरीर का अंश गिरा था, तब से ही यहां माता का विशाल मंदिर है.

इकलौता हिंगलाज माता का मंदिर

इस खास मंदिर में यह भी मान्यता है कि, यहां पर कलस जलाने से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. अंग्रेजों के जमाने में भी इस मंदिर का काफी प्रभाव था, सालों से यहां ज्योती कलश की स्थापना की जाती है. इस साल यहां तीन हजार पांच सौ ज्योती कलशों की स्थापना की गई है.

अंबाड़ा के इस हिंगलाज मंदिर में नवरात्री के दिनों में दूर- दूर से श्रद्धालु भक्ति के रस में झूमते माता के दर्शन करने आते हैं. भारत के अलावा माता हिंगलाज का एक और मंदिर पड़ोसी देश पाकिस्तान के बलूच प्रांत में भी है.

छिंदवाड़ा। जिले के इकलहरा के पास अंबाड़ा में देश का इकलौता हिंगलाज माता का मंदिर है, जहां नवरात्रि में लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं. मान्यता है कि यहां माता सती के शरीर का अंश गिरा था, तब से ही यहां माता का विशाल मंदिर है.

इकलौता हिंगलाज माता का मंदिर

इस खास मंदिर में यह भी मान्यता है कि, यहां पर कलस जलाने से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. अंग्रेजों के जमाने में भी इस मंदिर का काफी प्रभाव था, सालों से यहां ज्योती कलश की स्थापना की जाती है. इस साल यहां तीन हजार पांच सौ ज्योती कलशों की स्थापना की गई है.

अंबाड़ा के इस हिंगलाज मंदिर में नवरात्री के दिनों में दूर- दूर से श्रद्धालु भक्ति के रस में झूमते माता के दर्शन करने आते हैं. भारत के अलावा माता हिंगलाज का एक और मंदिर पड़ोसी देश पाकिस्तान के बलूच प्रांत में भी है.

Intro:परासिया विधानसभा के इकलहरा के समीप माँ हिंगलाज माता का मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं की लगी भीड़ दर्शन के लिये दूर दूर से आ रहे लोग कतार से खड़े होते जय माता दी बोलते बोलते दर्शन के लिए उतावले होते है ग्रंथो के आधार पे मानना है कि माँ पार्वती का एक शरीर का अंश गिरा था तभी से यहाँ माता का भव्य मंदिर बना दिया गया और देश आजादी के पहले से अंग्रेजों ने भी इस मंदिर को मान दिया था तभी से इस भव्य मंदिर में लोग दूर दूर से दर्शन के लिए आते है।Body: माँ हिंगलाज माता का मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं की लगी भीड़ दर्शन के लिये दूर दूर से आ रहे लोग कतार से खड़े होते जय माता दी बोलते बोलते दर्शन के लिए उतावले होते है ग्रंथो के आधार पे मानना है कि माँ पार्वती का एक शरीर का अंश गिरा था तभी से यहाँ माता का भव्य मंदिर बना दिया गया और अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए लोग कलश भी रखते है।Conclusion:इस मा हिंगलाज माता मंदिर में लोग कई वर्षों से ज्योति कलश भी मनोकामना को पूरा करने के लिए रखता है हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी तीन हजार पांच सौ कलश रखा गया है।।
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