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यूरिया की कमी से बर्बाद हो रही फसलें, आक्रोशित किसानों ने दफ्तर में किया हंगामा

जिले में यूरिया की कमी से जूझ रहे किसानों ने कृषि दफ्तर में हंगामा किया. इनका कहना है कि यूरिया नहीं मिलने के चलते फसलें बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई हैं.

आक्रोशित किसान
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Published : Sep 4, 2019, 2:58 PM IST

छिंदवाड़ा। खरीफ के सीजन में भी किसान यूरिया की किल्लत से जूझ रहा है, जबकि प्रदेश सरकार के आश्वासन से भी किसानों का पेट नहीं भर रहा है, इसलिए किसानों ने कार्यालय के अंदर हंगामा किया.
किसानों का कहना है कि मक्के की फसल अंतिम चरण में है, जिसके लिए यूरिया की जरूरत है, लेकिन जिले की सभी सहकारी समितियों और निजी दुकानों में यूरिया उपलब्ध ही नहीं है, जिसकी वजह से फसल बर्बाद होने की कगार पर है. वहीं उर्वरक ऑफिस से भी उन्हें सिर्फ आश्वासन मिल रहा है, जिसके बाद उन्होंने कृषि दफ्तर में हंगामा किया.

किसानों ने दफ्तर में किया हंगामा
वहीं, अधिकारी रामहरि लोखंडे का कहना है कि यूरिया की एक खेप का रैक आया है, जिसके बाद अलग-अलग ब्लॉकों में जरूरत के हिसाब से खाद वितरित की गई है. जैसे ही कृषि विभाग से किसानों की सूची उन तक पहुंचेगी यूरिया भी वितरित कर दी जायेगी.

छिंदवाड़ा। खरीफ के सीजन में भी किसान यूरिया की किल्लत से जूझ रहा है, जबकि प्रदेश सरकार के आश्वासन से भी किसानों का पेट नहीं भर रहा है, इसलिए किसानों ने कार्यालय के अंदर हंगामा किया.
किसानों का कहना है कि मक्के की फसल अंतिम चरण में है, जिसके लिए यूरिया की जरूरत है, लेकिन जिले की सभी सहकारी समितियों और निजी दुकानों में यूरिया उपलब्ध ही नहीं है, जिसकी वजह से फसल बर्बाद होने की कगार पर है. वहीं उर्वरक ऑफिस से भी उन्हें सिर्फ आश्वासन मिल रहा है, जिसके बाद उन्होंने कृषि दफ्तर में हंगामा किया.

किसानों ने दफ्तर में किया हंगामा
वहीं, अधिकारी रामहरि लोखंडे का कहना है कि यूरिया की एक खेप का रैक आया है, जिसके बाद अलग-अलग ब्लॉकों में जरूरत के हिसाब से खाद वितरित की गई है. जैसे ही कृषि विभाग से किसानों की सूची उन तक पहुंचेगी यूरिया भी वितरित कर दी जायेगी.
Intro:छिंदवाड़ा । मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा के किसान यूरिया की कमी से जूझ रहे हैं लगातार खाद के लिए मिल रहे आश्वासन के बाद आज किसानों ने दफ्तर में हंगामा किया।
Body:किसानों का कहना था कि मक्के की फसल अंतिम चरण में है जिसमें यूरिया की आवश्यकता होती है लेकिन जिले की सभी सेवा सहकारी समितियों में यूरिया नहीं है और ना ही किसी निजी दुकानों में है जिसकी वजह से उनकी फसल बर्बाद होने की कगार पर है खाद ऑफिस के चक्कर काटते काटते हफ्ते बीत गए लेकिन उन्हें वहां से आश्वासन ही मिला है जिसके बाद आज उन्होंने खाद दफ्तर में हंगामा किया।Conclusion:वहीं खाद अधिकारी का कहना है कि यूरिया की एक खेप का रैक अभी आया है जिसके बाद अलग-अलग ब्लॉकों में जरूरत के हिसाब से खाद वितरित की गई है जैसे ही कृषि विभाग से किसानों की सूची उन तक पहुंचेगी यूरिया किसानों को देंगे।
बाइट-दीपक यादव,किसान
बाइट-रामहरि लोखंडे,खाद अधिकारी
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