तिरुवनंतपुरम: केरल के युवाओं में एचआईवी संक्रमण बढ़ रहा है. राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी की संयुक्त निदेशक रश्मि माधवन ने बताया कि आंकड़े के मुताबिक राज्य के युवाओं में एचआईवी संक्रमण की घटनाएं 2021 से ही बढ़ रही हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि आंकड़ों के मुताबिक केरल में हर साल औसतन 1200 लोगों के एचआईवी से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. एचआईवी से संक्रमित लोगों में से 15 फीसदी युवा हैं.
बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए रश्मि माधवन ने कहा कि इसको लेकर राज्यभर में संयुक्त जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे. युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक करने और एचआईवी की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना के सहयोग से जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाएगा.
जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं
उन्होंने बताया कि सटीक जांच करके इस बीमारी के प्रसार को कम किया जा सकता है. एचआईवी की पुष्टि ज्यादातर 19 से 25 वर्ष की आयु के लोगों में होती है. यह देखते हुए कि हर साल इस बीमारी से संक्रमित युवाओं की संख्या बढ़ रही है, इसलिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं.
युवाओं में बढ़ रहा एचआईवी संक्रमण
रश्मि ने कहा कि किसी के नशे की लत छुड़ाने के लिए इलाज उपलब्ध है, लेकिन एचआईवी से संक्रमित होने पर मौत निश्चित है. पहले इस बीमारी का प्रसार 43 वर्ष तक की आयु के लोगों में अधिक पाया गया था. पिछले कुछ वर्षों में 25 वर्ष तक की आयु के युवाओं में एचआईवी संक्रमण बढ़ा है. दिसंबर में एनएसएस के सहयोग से आयोजित होने वाले एनएसएस शिविर में इस संबंध में जागरूकता फैलाई जाएगी.
एनएसएस के सहयोग से कार्यक्रम की जानकारी उच्च शिक्षा विभाग को भी दे दी गई है. विभाग से परिपत्र प्राप्त होने के बाद एनएसएस स्वयंसेवकों की मदद से अनिवार्य रूप से नशा और एड्स जागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया गया है. जागरूकता गतिविधियों के लिए कॉलेजों और स्कूलों में एनएसएस शिक्षकों को साल 2012 से नोडल प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
इसके अलावा, नए अवलोकन के आधार पर सभी जिलों में 100-100 शिक्षकों के लिए जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम 'युवा जागरण' जारी है. रश्मि माधवन ने यह भी कहा कि कॉलेजों में वर्तमान में चल रहे रेड रिबन वालंटियर्स के दूसरे वर्जन के रूप में स्कूलों में जूनियर रेड रिबन वालंटियर्स की शुरुआत की जाएगी.
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