छिन्दवाड़ा। जिले में रोजाना किसान हजारों एकड़ में फसल कटाई के बाद पराली जला रहे हैं. जमीनी हकीकत जानने निकले ईटीवी भारत ने जब देखा तो गांव में लगभग सभी किसान पराली जला रहे हैं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बावजूद भी किसान खेतों में पराली जला रहे है. हालांकि अब प्रशासन ऐसे किसानों पर आपराधिक मामला दर्ज करने जा रहा है.
पराली जलाने से खेतों की उर्वरक क्षमता नष्ट होती है. इसके अलावा जनधन की हानि की भी संभावना रहती है, जिसके चलते जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों पर आपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं, लेकिन इसके बाद भी किसान बिना खौफ के पराली जला रहे हैं.
इस मामले पर तहसीलदार रायसिंह कुशराम ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने केदारपुर खुर्द और समसवाड़ा गांव के 2 किसान संतोष और मोहन के ऊपर पराली जलाने के मामले में प्रकरण दर्ज किया है. इसके अलावा 11 अन्य किसानों के लिए प्रस्ताव बनाकर चौरई थाने को भेजा गया है. उनका कहना है कि अगर किसान अभी भी पराली जलाना बंद नहीं करते हैं, तो आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी.