छिंदवाड़ा। अगर आप पेंच नेशनल पार्क पहुंचकर बाघों के दीदार करना चाहते हैं तो शायद मुश्किल होगा क्योंकि जनवरी 2022 तक पेंच नेशनल पार्क की बुकिंग फुल (Pench National Park filled for tourists till first week of new year) हो गई है. साल के अंतिम दिन और नए साल के शुरुआती दिनों में लोग छुट्टियां मनाना चाहते हैं, इसके लिए पेंच नेशनल पार्क काफी उम्दा स्थान है, लेकिन जिन्होंने ऑनलाइन बुकिंग नहीं कराई है, शायद वह इस बार पेंच नेशनल पार्क में बाघों (Tigers fun in Pench National Park) के दीदार नहीं कर पाएंगे, पेंच नेशनल पार्क के अधिकारियों का कहना है कि 3 जनवरी तक ऑनलाइन बुकिंग पूरी तरीके से फुल हो चुकी है.
पेंच नेशनल पार्क की शान है कॉलर वाली बाघिन
पेंच नेशनल पार्क की कॉलर वाली बाघिन की पहचान पूरे एशिया में है, इसके नाम पूरे एशिया में सबसे ज्यादा शावक देने का रिकॉर्ड है, करीब 17 साल की हो चुकी कॉलर वाली बाघिन पेंच टाइगर रिजर्व की शान है, इस बाघिन का विशेष योगदान है कि मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट (Tiger State Madhya Pradesh) का तमगा मिला है. बताया जाता है कि कॉलर वाली बाघिन अब तक 29 शावकों को जन्म दे चुकी है, जिनमें से 18 जिंदा हैं. जानकारों का कहना है कि अब तक एशिया में सबसे ज्यादा शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड कॉलर वाली बाघिन के नाम पर है.
पाटदेव वाली बाघिन भी पर्यटकों का है आकर्षण
पेंच नेशनल पार्क में इन दिनों पाटदेव वाली बाघिन अपनी मां कॉलर वाली बाघिन की तरह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, P4 नाम की इस बाघिन ने कुछ दिन पहले ही 5 शावकों को एक साथ जन्म दिया था, सबसे ज्यादा शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड कॉलर वाली बाघिन के नाम ही है, इस बाघिन ने अब तक 29 शावकों को जन्म दिया है, उनमें से ही इसकी एक बेटी पाटदेव वाली बाघिन है. बताया जाता है कि वर्ष 2010 में कॉलर वाली बाघिन ने 5 शावकों को एक साथ जन्म दिया था, जोकि रिकॉर्ड बना था, अब उसकी बेटी पाटदेव वाली बाघिन ने भी पांच शावकों को एक साथ जन्म दिया है.
पेंच टाइगर रिजर्व में अब भी मौजूद हैं 64 बाघ
पेंच टाइगर रिजर्व के 1179 वर्ग किलोमीटर में फैले एरिया में अभी 64 बाघों की मौजूदगी बताई जाती है, जिनमें शावकों की संख्या करीब 25 से 30 है. टाइगर रिजर्व का एरिया छोटा होने की वजह से कुनबा बड़ा हो गया है, इसलिए पर्यटकों को आसानी से पेंच टाइगर रिजर्व में बाघों के दीदार हो जाते हैं. पेंच नेशनल पार्क में बाघों के अलावा तेंदुआ, भालू, चिंकारा, बारहसिंघा, नीलगाय और उल्लू की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. पेंच नेशनल पार्क जाने के लिए सिवनी जिला के टुरिया गेट और छिंदवाड़ा के गुमतरा गेट से जा सकते हैं, सबसे नजदीकी एयरपोर्ट नागपुर है और रेल मार्ग से छिंदवाड़ा आकर आसानी से नेशनल पार्क घूमने जा सकते हैं.