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3 साल पहले खरीदे गए टैबलेट नहीं आए काम, अब फिर स्कूलों में टैबलेट खरीदने के आदेश जारी - Chhindwara misappropriation of government money

सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों हाईटेक सुविधा मिलने वाली है. सरकार सभी शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए उन्हें पैसे दे रही है. सरकार का मानना है कि, अगर प्राथमिक स्कूल से ही बच्चों को अच्छी सुविधाएं मिलने लगेगी तो आने वाले समय में प्रदेश और देश गति के साथ विकसित होगा, लेकिन सवाल उठ रहा है कि, 3 साल पहले जो टैबलेट दिए गए थे वो काम क्यों नहीं आए.

Chhindwara teachers ordered to buy tablets
छिंदवाड़ा शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के आदेश
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Published : Feb 14, 2023, 12:00 PM IST

छिंदवाड़ा। जिले के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई का तरीका बदलने के लिहाज से सरकार अब शिक्षकों को हाई टेक्नोलॉजी से जोड़ने का प्रयास कर रही है. सरकार ने बच्चों को स्मार्ट तरीके से बढ़ाए जाने को लेकर शिक्षकों को टैबलेट देगी, लेकिन यह कितना कारगर साबित होंगा यह कहना मुश्किल है. 3 साल पहले भी सरकार टैलेट देकर ऐसा प्रयोग कर चुकी है जिसमें असफलता ही हाथ लगी है.

Chhindwara School Smart Class
छिंदवाड़ा स्कूल स्मार्ट क्लास

टैबलेट के लिए मिलेगी राशि: शिक्षा विभाग ने इसके लिए जिले के सभी प्राथमिक शाला के प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के निर्देश दिए हैं. जिसके लिए शासन की ओर से दस हजार रुपए की राशि भी दी जा रही है. जहां हजारों की संख्या में शिक्षा विभाग एक बार फिर टेबलेट खरीद रहे हैं. दूसरी ओर तीन साल पहले खरीदे गए टेबलेट का अब तक पता नहीं है. हाल यह हैं कि, बहुत से स्कूलों में यह टैबलेट अलमारी के अंदर बंद पड़े हैं या फिर इनका विभाग के आला अधिकारियों को भी पता नहीं है. ऐसे में एक बार फिर लाखों रुपए की खरीदी कर टैबलेट लिया जा रहा है, जबकि पहले लिए गए टेबलेट का अब तक पता नहीं है.

तीन साल पहले 40 स्कूलों का चयन: तीन साल पहले जिले के चार विकासखंडों के चालीस स्कूलों का चयन इस योजना के लिए किया गया था. शिक्षा विभाग से मोहखेड़, छिंदवाड़ा और ट्राइबल विभाग से तामिया और बिछुआ स्कूल शामिल किए गए थे. इन स्कूलों में पढ़ने वाले 25 विद्यार्थियों के बीच में एक टेबलेट दिया गया था.

Chhindwara School Smart Class
स्कूलों में टैबलेट खरीदने के आदेश जारी

टैबलेट खरीदी घोटाला! स्वास्थ्य विभाग ने 6,600 की टैबलेट 10,500 में खरीदी

साढ़े पांच हजार से ज्यादा शिक्षक: जिले के साढ़े 5 हजार से ज्यादा प्राथमिक शिक्षकों को टेबलेट खरीदना है. इसके लिए शासन से दस हजार रुपए की राशि मिल रही है. इसमें से अब तक 750 शिक्षकों ने टेबलेट खरीदा है, जबकि 2500 के आसपास शिक्षकों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. यानी आधे से ज्यादा इसे लेने के लिए इच्छुक भी नहीं है. प्राथमिक शिक्षकों को दिए जाने वाले टेबलेट के जरिए पढ़ाई कराई जाएगी. इसके अतिरिक्त शासन की ओर से एमशिक्षा मित्र सहित अन्य जो पोर्टल पर काम होते हैं उसे भी इस टेबलेट के जरिए करना है.

200 स्कूलों को करना था अपडेट: जिले के 200 शासकीय प्राथमिक स्कूल अपडेट होना था. इसमें दिए गए टैबलेट से पढ़ाई कराने की तैयारी हुई थी. इन टैबलेट में कक्षा पहली से पांचवी तक लगने वाली गणित, पर्यावरण विज्ञान, सामान्य विज्ञान की पुस्तकें फीड की गई थी. सभी स्कूलों में एक-एक टेबलेट दिया जाना था. जिसके जरिए शिक्षकों को पढ़ाई कराना था। टेबलेट में विषय संबंधित ऑडियो-वीडियो भी थे.

स्वास्थ्य विभाग की मनमानी, अधिकारी एएनएम को थमा रहे अपनी पसंद की कंपनी के टैबलेट

पढ़ाई का हिसाब: एक जीबी रैम के इस टैबलेट में पहली से पांचवी तक की तीन विषयों की कुल 250 किताब यानि पाठ्यक्रम विषय अनुसार था. टैबलेट की विशेषता है कि, छोटे से छोटे विषय का विस्तार से होने के कारण महज 3 किताबों के 250 छोटी-छोटी किताब थी. टैबलेट में क्या और कब पढ़ाया यह भी शामिल था. डीपीसी जेके इड़पाची ने बताया कि, शासन के निर्देशानुसार सभी शिक्षकों को टेबलेट खरीदने के आदेश जारी किए हैं ताकि पढ़ाई को और सुगमता पूर्वक कराया जा सके.

छिंदवाड़ा। जिले के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई का तरीका बदलने के लिहाज से सरकार अब शिक्षकों को हाई टेक्नोलॉजी से जोड़ने का प्रयास कर रही है. सरकार ने बच्चों को स्मार्ट तरीके से बढ़ाए जाने को लेकर शिक्षकों को टैबलेट देगी, लेकिन यह कितना कारगर साबित होंगा यह कहना मुश्किल है. 3 साल पहले भी सरकार टैलेट देकर ऐसा प्रयोग कर चुकी है जिसमें असफलता ही हाथ लगी है.

Chhindwara School Smart Class
छिंदवाड़ा स्कूल स्मार्ट क्लास

टैबलेट के लिए मिलेगी राशि: शिक्षा विभाग ने इसके लिए जिले के सभी प्राथमिक शाला के प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के निर्देश दिए हैं. जिसके लिए शासन की ओर से दस हजार रुपए की राशि भी दी जा रही है. जहां हजारों की संख्या में शिक्षा विभाग एक बार फिर टेबलेट खरीद रहे हैं. दूसरी ओर तीन साल पहले खरीदे गए टेबलेट का अब तक पता नहीं है. हाल यह हैं कि, बहुत से स्कूलों में यह टैबलेट अलमारी के अंदर बंद पड़े हैं या फिर इनका विभाग के आला अधिकारियों को भी पता नहीं है. ऐसे में एक बार फिर लाखों रुपए की खरीदी कर टैबलेट लिया जा रहा है, जबकि पहले लिए गए टेबलेट का अब तक पता नहीं है.

तीन साल पहले 40 स्कूलों का चयन: तीन साल पहले जिले के चार विकासखंडों के चालीस स्कूलों का चयन इस योजना के लिए किया गया था. शिक्षा विभाग से मोहखेड़, छिंदवाड़ा और ट्राइबल विभाग से तामिया और बिछुआ स्कूल शामिल किए गए थे. इन स्कूलों में पढ़ने वाले 25 विद्यार्थियों के बीच में एक टेबलेट दिया गया था.

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साढ़े पांच हजार से ज्यादा शिक्षक: जिले के साढ़े 5 हजार से ज्यादा प्राथमिक शिक्षकों को टेबलेट खरीदना है. इसके लिए शासन से दस हजार रुपए की राशि मिल रही है. इसमें से अब तक 750 शिक्षकों ने टेबलेट खरीदा है, जबकि 2500 के आसपास शिक्षकों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. यानी आधे से ज्यादा इसे लेने के लिए इच्छुक भी नहीं है. प्राथमिक शिक्षकों को दिए जाने वाले टेबलेट के जरिए पढ़ाई कराई जाएगी. इसके अतिरिक्त शासन की ओर से एमशिक्षा मित्र सहित अन्य जो पोर्टल पर काम होते हैं उसे भी इस टेबलेट के जरिए करना है.

200 स्कूलों को करना था अपडेट: जिले के 200 शासकीय प्राथमिक स्कूल अपडेट होना था. इसमें दिए गए टैबलेट से पढ़ाई कराने की तैयारी हुई थी. इन टैबलेट में कक्षा पहली से पांचवी तक लगने वाली गणित, पर्यावरण विज्ञान, सामान्य विज्ञान की पुस्तकें फीड की गई थी. सभी स्कूलों में एक-एक टेबलेट दिया जाना था. जिसके जरिए शिक्षकों को पढ़ाई कराना था। टेबलेट में विषय संबंधित ऑडियो-वीडियो भी थे.

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पढ़ाई का हिसाब: एक जीबी रैम के इस टैबलेट में पहली से पांचवी तक की तीन विषयों की कुल 250 किताब यानि पाठ्यक्रम विषय अनुसार था. टैबलेट की विशेषता है कि, छोटे से छोटे विषय का विस्तार से होने के कारण महज 3 किताबों के 250 छोटी-छोटी किताब थी. टैबलेट में क्या और कब पढ़ाया यह भी शामिल था. डीपीसी जेके इड़पाची ने बताया कि, शासन के निर्देशानुसार सभी शिक्षकों को टेबलेट खरीदने के आदेश जारी किए हैं ताकि पढ़ाई को और सुगमता पूर्वक कराया जा सके.

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