छिंदवाड़ा। प्रशासनिक सिस्टम की लापरवाही और बेरुखी का इससे बड़ा उदाहरण और कुछ नहीं हो सकता कि खुद किसान ने 1 साल पहले कलेक्टर और तहसील कार्यालय में जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया, लेकिन इसके बाद भी जब जमीनी नक्शे में सुधार नहीं हुआ तो आखिरकार अपने खेत में ही किसान ने मौत को गले लगा लिया.
जमीन के बंटवारे को लेकर सालों से परेशान हो रहा था किसान: दरअसल, ये मामाला नरसला गांव के रहने वाले किसान नरेश पवार का है, जो अपनी परिवारिक जमीन के बंटवारे को लेकर काफी दिनों से परेशान चल रहे थे. इससे संबंधित मामले तहसील कार्यालय में विचाराधीन भी थे, लेकिन स्थानीय अधिकारी और कर्मचारियों पर लापरवाही और बेवजह परेशान करने का आरोप लगाते हुए किसान कई बार कलेक्टर की जनसुनवाई में भी पहुंचा, लेकिन नक्शे में सुधार नहीं हुआ था. इसके बाद अंत ने परेशान होकर किसान ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली.
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दो बार कर चुका था किसान आत्महत्या की कोशिशः इस मामले में बताया जा रहा है कि किसान की पैतृक जमीन के सीमांकन में बंटवारे को लेकर विवाद था. कुछ तहसील के अधिकारी कर्मचारी उस जमीन को दूसरे लोगों के नाम कर रहे थे, जिसको लेकर केस चल रहा था. पीड़ित किसान काफी सालों से जमीन के बंटवारे को लेकर परेशान चला आ रहा था. परेशानी में आकर किसान ने 6 दिसंबर 2021 को कलेक्टर परिसर में आत्महत्या करने की कोशिश भी की थी, लेकिन उस दौरान चुनावी आचार संहिता के चलते जन सुनवाई नहीं हो रही थी. वहीं, अधिकारियों की ओर से किसान को काम कर देने का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन काम नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने एक बर फिर से 3 मार्च 2022 को मुखेड़ तहसील परिसर में भी आत्महत्या करने की कोशिश की थी.
पुलिस को मिला 2 लाइन का सुसाइड नोटः किसान की आत्महत्या की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और जांच के दौरान मृतक किसान नरेश पवार के पास से 2 लाइन का सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने लिखा है कि "अधिकारियों की ओर से मेरा सही से काम नहीं किया गया. मुझे बहुत परेशान कर दिया गया है". वहीं, परिजनों का कहना है कि घर में कई दस्तावेज रखे हैं जो उनकी परेशानियों का कारण बताते हैं. परिजनों ने बताया कि मृतक किसान का खेत अपने घर से करीब 5 किलोमीटर दूर है. गुरुवार शाम को वो खेत गए और वहीं रुक गए थे. सुबह जब लोगों ने देखा तो खेत में ही उन्होंने आत्महत्या कर ली थी.
किसान ने जनसुनवाई में किया आवेदन प्रस्तुत: इस मामले में तहसीलदार मोहखेड़ ने बताया था कि किसान नरेश पवार की ओर से जिला कार्यालय की जनसुनवाई में आवेदन प्रस्तुत किया गया था. उनके खाते की भूमि खसरा नंबर 126/1 के नक्शे में गलती है, जिसमें सुधार किया जाए. इस आवेदन के कार्यालय में प्राप्त होने पर नायब तहसीलदार हल्का पटवारी नंबर 35 तहसील मोहखेड़ से आवेदन के संबंध में विधिवत जांच कर प्रतिवेदन लिया गया था. किसान का कहना था कि उनका यही काम ठीक से नहीं किया गया.