छिंदवाड़ा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीएम की कुर्सी संभालते हुए ताबड़तोड़ फैसले लेना शुरु कर दिए हैं. उन्होंने प्रदेश में खुले में मास की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है. मुख्यमंत्री के पहले फैसले का पूर्व सीएम कमलनाथ ने विरोध करते हुए कहा है कि ''सरकार समाज में विवाद करवाना चाह रही है. ऐसे फैसलों से समाज में विवाद होगा. सरकार को विकास के मुद्दों पर काम करना चाहिए, ताकि जनता का भला हो सके.''
विवाद कराना चाह रही भाजपा: डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद सबसे पहले फैसला धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर नियम नियम के अनुसार संचालित करने के आदेश जारी किया. इसके साथ ही खुले में मांस और अंडे की दुकान पर भी शक्ति से पेश आने के आदेश दिए. इसको लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा है कि ऐसे फैसलों से मध्य प्रदेश में विवाद होने की संभावना है. भाजपा प्रदेश में विवाद करवाना चाह रही है जबकि हमारी संस्कृति लोगों को जोड़कर चलने की है.
संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक, कुछ भी हो सकता था: 9 बार भारत की संसद के सदस्य रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने संसद में घुसकर हंगामा करने वाले युवकों के मामले में भी सवाल उठाते हुए कहा है कि ''यह बहुत बड़ी सुरक्षा की चूक है. कोई भी व्यक्ति आसानी से संसद में घुसकर कूदता है और हंगामा करता है. कुछ भी हो सकता था यह सुरक्षा नाकामी दर्शाता है इस पर विचार होना चाहिए.''
प्रदेश का विकास पहली प्राथमिकता: पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा है कि ''मध्य प्रदेश का विकास, युवाओं को रोजगार, अपराधों में कमी लाना सरकार की प्राथमिकता होना चाहिए. मंदिर-मस्जिद जाने से बेरोजगारी दूर नहीं होती है. लेकिन भाजपा के पास ऐसे मुद्दों के लिए समय नहीं है. वे तो मंदिर-मस्जिद के नाम पर जनता का ध्यान भटकाने का काम करते हैं और समाज को आपस में लड़वाने के लिए ऐसे फैसले लेते हैं.''