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नर्मदा शुद्धिकरण के लिए 76 दिनों से सत्याग्रह कर रहे भैया जी सरकार

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Published : Jan 1, 2021, 8:23 AM IST

छिंदवाड़ा में भैया जी सरकार नर्मदा को साफ-सुथरी बनाए रखने के लिए 76 दिनों से सत्याग्रह कर रहे है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बिना खाए-पिए 76 दिनों से सत्याग्रह कर रहे है, लेकिन शासन-प्रशासन नहीं जाग रहा है.

Bhaiyya ji sarkar has been doing satyagraha
सत्याग्रह कर रहे भैया जी सरकार

छिंदवाड़ा। मां नर्मदा-समर्थ सद्गुरु भैया जी सरकार 76 दिनों से नर्मदा शुद्धिकरण को लेकर सत्याग्रह कर रहे है. भैया जी सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शासन-प्रशासन पर आरोप लगाया कि नर्मदा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. नर्मदा का जल धीरे-धीरे विलुप्त हो रहा है. वहीं उन्होंने मांगे पूरी नहीं होने पर नर्मदा में अपना देह त्यागने की चेतावनी भी है.

भैया जी सरकार ने बताया कि वह बिना खाए-पिए 76 दिनों से सत्याग्रह कर रहे हैं, लेकिन फिर भी शासन-प्रशासन नहीं जाग रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही हालात बने रहे, तो आगामी समय में उग्र आंदोलन किया जायेगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

ये रखी मांगे

1. मां नर्मदा तट एचएफएल से 300 मीटर के हरित क्षेत्र को मान. उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार सीमांकन कर प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर तत्काल सुरक्षित किया जाए.

2. मां नर्मदा को जीवंत इकाई का दर्जा देकर ठोस नियम और कानून बनाया जाए.

3. दबंग, भू-खनन माफिया और पूंजीपतियों द्वारा लगातार हो रहे हरित क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण, भंडारण, खनन तत्काल प्रतिबंधित किया जाए. अवैध साधन संसाधन भंडारण सामग्री पर तत्काल कार्रवाई की जाए.

4. अमरकंटक तीर्थ क्षेत्र में हो रहे निर्माण, अतिक्रमण और खनन पूर्णता प्रतिबंधित की जाए.

5. नर्मदा में मिल रहे गंदे नाले और रसायनों को बंद करने सहित अवशिष्ट द्रव पदार्थ के प्रतिबंध के लिए प्रभावी ठोस कार्य योजना लागू की जाए.

6. बेसहारा गोवंश के लिए आरक्षित नगरीय निकाय के गोचर भूमि को संरक्षित की जाए. अवैध अतिक्रमण निर्माण कब्जे से मुक्त कराया जाए.

7. मां नर्मदा पथ के तटवर्ती गांव और नगरों को जैव विविधता क्षेत्र घोषित कर गौ-नीति और गौ-अभ्यारण सुनिश्चित किया जाए.

छिंदवाड़ा। मां नर्मदा-समर्थ सद्गुरु भैया जी सरकार 76 दिनों से नर्मदा शुद्धिकरण को लेकर सत्याग्रह कर रहे है. भैया जी सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शासन-प्रशासन पर आरोप लगाया कि नर्मदा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. नर्मदा का जल धीरे-धीरे विलुप्त हो रहा है. वहीं उन्होंने मांगे पूरी नहीं होने पर नर्मदा में अपना देह त्यागने की चेतावनी भी है.

भैया जी सरकार ने बताया कि वह बिना खाए-पिए 76 दिनों से सत्याग्रह कर रहे हैं, लेकिन फिर भी शासन-प्रशासन नहीं जाग रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही हालात बने रहे, तो आगामी समय में उग्र आंदोलन किया जायेगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

ये रखी मांगे

1. मां नर्मदा तट एचएफएल से 300 मीटर के हरित क्षेत्र को मान. उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार सीमांकन कर प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर तत्काल सुरक्षित किया जाए.

2. मां नर्मदा को जीवंत इकाई का दर्जा देकर ठोस नियम और कानून बनाया जाए.

3. दबंग, भू-खनन माफिया और पूंजीपतियों द्वारा लगातार हो रहे हरित क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण, भंडारण, खनन तत्काल प्रतिबंधित किया जाए. अवैध साधन संसाधन भंडारण सामग्री पर तत्काल कार्रवाई की जाए.

4. अमरकंटक तीर्थ क्षेत्र में हो रहे निर्माण, अतिक्रमण और खनन पूर्णता प्रतिबंधित की जाए.

5. नर्मदा में मिल रहे गंदे नाले और रसायनों को बंद करने सहित अवशिष्ट द्रव पदार्थ के प्रतिबंध के लिए प्रभावी ठोस कार्य योजना लागू की जाए.

6. बेसहारा गोवंश के लिए आरक्षित नगरीय निकाय के गोचर भूमि को संरक्षित की जाए. अवैध अतिक्रमण निर्माण कब्जे से मुक्त कराया जाए.

7. मां नर्मदा पथ के तटवर्ती गांव और नगरों को जैव विविधता क्षेत्र घोषित कर गौ-नीति और गौ-अभ्यारण सुनिश्चित किया जाए.

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