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खजुराहो का 'वामन मंदिर', जहां एक साथ होते हैं भगवान विष्णु के 52 अवतारों के दर्शन

खजुराहो में स्थित वामन मंदिर विश्व में अपनी कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है. ये दुनिया का एक मात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें भगवान विष्णु के 52 अवतारों को दर्शाया गया है.

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Published : Aug 8, 2019, 3:20 PM IST

विष्णु के 52 अवतारों को दर्शाता है वामन मंदिर

छतरपुर। जिले से करीब 43 किलोमीटर दूर खजुराहो में स्थित मंदिर, पूरे विश्व में अपनी अनोखी कलाकृतियों के लिए जाने जाते हैं. दुनिया में भगवान विष्णु के हजारों मंदिर हैं, लेकिन 'खजुराहो' में दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान विष्णु के 52 अवतारों को दर्शाया गया है. मंदिर में भगवान विष्णु की एक विशाल प्रतिमा है, जिसके चारों ओर भगवान विष्णु के अवतारों की कलाकृतियां बनी हैं.


लगभग हजार साल पुराना है मंदिर
मंदिर का निर्माण लगभग एक हजार साल पहले हुआ था जो कि आज भी अपनी अनोखी बनावट के लिए जाना जाता है. वामन मंदिर खजुराहो के प्रमुख मंदिरों में से एक है . मंदिर कि प्रतिमा खंडित होने कि वजह से पूजी नहीं जाती, लेकिन ये दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान विष्णु के 52 अवतारों को एक साथ दर्शाया गया है.

खजुराहो की गाइड श्याम रजक बताते हैं कि दुनिया में कहीं पर भी वामन मंदिर जैसा दूसरा मंदिर मौजूद नहीं है , जहां भगवान विष्णु के 52 अवतारों को दिखाया गया हो.

खजुराहो में भगवान विष्णु के 52 अवतार

वामन मंदिर खजुराहो में मौजूद तमाम मंदिरों में अपनी एक अलग पहचान बनाया हुआ है. यही वजह है कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक इस मंदिर में जरूर आते हैं. मंदिर को बेहतर करने के लिए पुरातत्व विभाग भी वहां मौजूद खंडित प्रतिमाओं की देखरेख कर रहा है.

छतरपुर। जिले से करीब 43 किलोमीटर दूर खजुराहो में स्थित मंदिर, पूरे विश्व में अपनी अनोखी कलाकृतियों के लिए जाने जाते हैं. दुनिया में भगवान विष्णु के हजारों मंदिर हैं, लेकिन 'खजुराहो' में दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान विष्णु के 52 अवतारों को दर्शाया गया है. मंदिर में भगवान विष्णु की एक विशाल प्रतिमा है, जिसके चारों ओर भगवान विष्णु के अवतारों की कलाकृतियां बनी हैं.


लगभग हजार साल पुराना है मंदिर
मंदिर का निर्माण लगभग एक हजार साल पहले हुआ था जो कि आज भी अपनी अनोखी बनावट के लिए जाना जाता है. वामन मंदिर खजुराहो के प्रमुख मंदिरों में से एक है . मंदिर कि प्रतिमा खंडित होने कि वजह से पूजी नहीं जाती, लेकिन ये दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान विष्णु के 52 अवतारों को एक साथ दर्शाया गया है.

खजुराहो की गाइड श्याम रजक बताते हैं कि दुनिया में कहीं पर भी वामन मंदिर जैसा दूसरा मंदिर मौजूद नहीं है , जहां भगवान विष्णु के 52 अवतारों को दिखाया गया हो.

खजुराहो में भगवान विष्णु के 52 अवतार

वामन मंदिर खजुराहो में मौजूद तमाम मंदिरों में अपनी एक अलग पहचान बनाया हुआ है. यही वजह है कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक इस मंदिर में जरूर आते हैं. मंदिर को बेहतर करने के लिए पुरातत्व विभाग भी वहां मौजूद खंडित प्रतिमाओं की देखरेख कर रहा है.

Intro:वैसे तो पूरी दुनिया में भगवान विष्णु के हजारों मंदिर मौजूद हैं लेकिन विश्व पर्यटन स्थल खजुराहो में दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान विष्णु के 52 अवतारों को दर्शाया गया है यही वजह है कि पूरी दुनिया में इस मंदिर के अलावा कहीं पर भी इस प्रकार का मंदिर मौजूद नहीं है!


Body: विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो में भगवान विष्णु का एक अनोखा मंदिर मौजूद है जिसे लोग 52 मंदिर के नाम से जानते हैं जैसे की नाम से ही प्रतीत हो रहा है इस मंदिर के अंदर भगवान विष्णु के 52 अवतारों को क्रमशः दर्शाया गया है यही वजह है कि इस मंदिर को 52 मंदिर कहते हैं!

मंदिर के अंदर भगवान विष्णु की एक बड़ी सी प्रतिमा मौजूद है और उसी प्रतिमा के चारों ओर भगवान विष्णु ने जितने भी अवतार लिए हैं उन तमाम अवतारों को कलाकृतियों के माध्यम से दर्शाया गया है!

इस मंदिर का निर्माण लगभग एक हजार वर्ष पहले कराया गया था और आज भी यह मंदिर अपनी अनोखी कलाकृति एवं बनावट के लिए जाना जाता है यह मंदिर खजुराहो के प्रमुख मंदिरों में से एक है! यही वजह है कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक जब भी खजुराहो आते हैं इस मंदिर में जरूर जाते हैं हालांकि यह मंदिर के अंदर रखी हुई प्रतिमा खंडित है यही वजह है कि प्रतिमा की पूजा नहीं की जाती है लेकिन दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान विष्णु के 52 अवतारों को क्रमशः साथ दर्शाया गया है!

खजुराहो की गाइड श्याम रजक बताते हैं कि दुनिया में कहीं पर भी इस प्रकार का दूसरा मंदिर मौजूद नहीं है जहां भगवान विष्णु के 52 अवतारों को दिखाया गया हो!

बाइट_श्याम रजक _गाइड


Conclusion: खजुराहो का पावन मंदिर खजुराहो में मौजूद तमाम मंदिरों में अपनी एक अलग पहचान रखता है यही वजह है कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक इस मंदिर में जरूर आते हैं और अब इस मंदिर को बेहतर करने के लिए पुरातत्व विभाग लगातार प्रयास कर रही है अंदर मौजूद खंडित प्रतिमाओं को भी सुधारा जा रहा है!
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