छतरपुर। खजुराहो मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई कामुक कलाकृतियां आज भी लोगों के लिए रहस्य बनी हुई हैं. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर इन कलाकृतियों को क्यों और किस वजह से मंदिर की दीवारों पर उकेरा गया था. खजुराहो मंदिरों का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना बताया जाता है. सैकड़ों वर्ष बीत जाने के बाद भी इन मंदिरों के दीवारों पर उकेरी गई मूर्तियां जस की तस बनी हुई हैं.
⦁ खजुराहो में हिंदू और जैन धर्म से जुड़ी तमाम प्रतिमाओं का सबसे बड़ा संग्रह है.
⦁ प्रतिमाओं को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं.
⦁ एक मान्यता है कि प्राचीन काल में राजा महाराजा भोग विलास में अधिक लिप्त रहते थे, इसीलिए इस तरह की कामुक मूर्तियां बनाई गई हैं.
⦁ दूसरी मान्यता है कि इन्हें प्राचीन काल में यौन शिक्षा की दृष्टि से बनाया गया है.
⦁ तीसरी मान्यता है कि मोक्ष के लिए हर इंसान को चार रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है धर्म, अर्थ, योग और काम.
⦁ चौथी मान्यता है कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए इन प्रतिमाओं को बनाया गया था.
⦁ सबसे ज्यादा लोग तीसरी मान्यता को मानते हैं.
⦁ खजुराहो का मंदिर पर्यटकों के बीच हमेशा से लोकप्रिय रहा है.