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रहस्यमय हैं खजुराहो मंदिर पर बनीं कलाकृतियां, पर्यटकों का ध्यान करतीं हैं आकर्षित - statues

छतरपुर में एक हजार साल पुराने खजुराहो मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई कामुक कलाकृतियां आज भी लोगों के लिए रहस्य बनी हुई हैं. खजुराहो में हिंदू और जैन धर्म से जुड़ी तमाम प्रतिमाओं का सबसे बड़ा संग्रह है. प्रतिमाओं को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं. खजुराहो का मंदिर पर्यटकों के बीच हमेशा से लोकप्रिय रहा है.

खजुराहो मंदिर
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Published : Jun 16, 2019, 12:09 AM IST

छतरपुर। खजुराहो मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई कामुक कलाकृतियां आज भी लोगों के लिए रहस्य बनी हुई हैं. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर इन कलाकृतियों को क्यों और किस वजह से मंदिर की दीवारों पर उकेरा गया था. खजुराहो मंदिरों का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना बताया जाता है. सैकड़ों वर्ष बीत जाने के बाद भी इन मंदिरों के दीवारों पर उकेरी गई मूर्तियां जस की तस बनी हुई हैं.

खजुराहो मंदिर पर बनीं कलाकृतियां

⦁ खजुराहो में हिंदू और जैन धर्म से जुड़ी तमाम प्रतिमाओं का सबसे बड़ा संग्रह है.

⦁ प्रतिमाओं को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं.

⦁ एक मान्यता है कि प्राचीन काल में राजा महाराजा भोग विलास में अधिक लिप्त रहते थे, इसीलिए इस तरह की कामुक मूर्तियां बनाई गई हैं.

⦁ दूसरी मान्यता है कि इन्हें प्राचीन काल में यौन शिक्षा की दृष्टि से बनाया गया है.

⦁ तीसरी मान्यता है कि मोक्ष के लिए हर इंसान को चार रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है धर्म, अर्थ, योग और काम.

⦁ चौथी मान्यता है कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए इन प्रतिमाओं को बनाया गया था.

⦁ सबसे ज्यादा लोग तीसरी मान्यता को मानते हैं.

⦁ खजुराहो का मंदिर पर्यटकों के बीच हमेशा से लोकप्रिय रहा है.

छतरपुर। खजुराहो मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई कामुक कलाकृतियां आज भी लोगों के लिए रहस्य बनी हुई हैं. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर इन कलाकृतियों को क्यों और किस वजह से मंदिर की दीवारों पर उकेरा गया था. खजुराहो मंदिरों का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना बताया जाता है. सैकड़ों वर्ष बीत जाने के बाद भी इन मंदिरों के दीवारों पर उकेरी गई मूर्तियां जस की तस बनी हुई हैं.

खजुराहो मंदिर पर बनीं कलाकृतियां

⦁ खजुराहो में हिंदू और जैन धर्म से जुड़ी तमाम प्रतिमाओं का सबसे बड़ा संग्रह है.

⦁ प्रतिमाओं को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं.

⦁ एक मान्यता है कि प्राचीन काल में राजा महाराजा भोग विलास में अधिक लिप्त रहते थे, इसीलिए इस तरह की कामुक मूर्तियां बनाई गई हैं.

⦁ दूसरी मान्यता है कि इन्हें प्राचीन काल में यौन शिक्षा की दृष्टि से बनाया गया है.

⦁ तीसरी मान्यता है कि मोक्ष के लिए हर इंसान को चार रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है धर्म, अर्थ, योग और काम.

⦁ चौथी मान्यता है कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए इन प्रतिमाओं को बनाया गया था.

⦁ सबसे ज्यादा लोग तीसरी मान्यता को मानते हैं.

⦁ खजुराहो का मंदिर पर्यटकों के बीच हमेशा से लोकप्रिय रहा है.

Intro:खजुराहो मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई कामुक कलाकृतियां आज भी लोगों के लिए रहस्य बनी हुई है अलग-अलग लोगों के मतों के हिसाब से इन कलाकृतियों का अलग अलग मतलब है कई लोगों का मानना है कि यह कलाकृतियां काम से मोक्ष तक का रास्ता दिखाती हैं!




Body:खजुराहो मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई कामुक कलाकृतियां आज भी लोगों के लिए किसी रहस्य की तरह बनी हुई है आज भी लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर इन कलाकृतियों को क्यों और किस वजह से मंदिर की दीवारों पर उकेरा गया था लेकिन शायद ही कोई इन कलाकृतियों की हकीकत जानता हो !

खजुराहो मंदिरों का इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना बताया जाता है सैकड़ों वर्ष बीत जाने के बाद भी इन मंदिरों के दीवारों पर उकेरी गई मूर्तियां जस की तस बनी हुई है वैसे तो खजुराहो में हिंदू एवं जैन धर्म से जुड़ी तमाम प्रतिमाओं का सबसे बड़ा संग्रह है!

खजुराहो में जिन मंदिरों के बाहर कामुक कलाकृतियां ओके दी गई है मंदिर ज्यादातर भगवान शिव के हैं लेकिन इन तमाम मंदिरों में से केवल 2 मंदिरों में ही भगवान शिव को पूजा जाता है! इन उकेरी गई प्रतिमाओं को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं!

इससे जुड़ी पहली मान्यता है!

कि प्राचीन काल में राजा महाराजा भोग विलास में अधिक लिप्त रहते थे वे काफी उत्तेजित रहते थे इसी कारण खजुराहो मंदिर के बाहर नग्न एवं संभोग की मुद्रा में विभिन्न मूर्तियां बनाई गई हैं!

दूसरी मान्यता है

कुछ लोगों का मानना है कि इसे प्राचीन काल में सेक्स की शिक्षा की दृष्टि से बनाया गया है ऐसा माना जाता है कि अद्भुत कलाकृतियों को देखने के बाद लोगों को संभोग की सही शिक्षा मिलेगी प्राचीन काल में मंदिर ही एक ऐसा स्थान था जहां सभी लोग जाया करते थे इसीलिए संभोग की सही शिक्षा देने के लिए मंदिरों को चुना गया!

तीसरी मान्यता

कुछ लोगों का मानना है कि मोक्ष के लिए हर इंसान को चार रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है धर्म अर्थ योग और काम ऐसा माना जाता है कि इसी दृष्टि से मंदिर के बाहर नग्न मूर्तियां लगाई गई हैं क्योंकि यही काम और उसके बाद सिर्फ और सिर्फ भगवान का स्वर्ण ही मिलता है!

चौथी मान्यता

कुछ लोगों का मानना है कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए इन प्रतिमाओं को बनाया गया था ज्यादातर लोग जो मंदिर आते हैं वह इन प्रतिमाओं को देखने के बहाने एक बार मंदिर के अंदर जरूर जाएंगे जिससे सीधा संबंध भगवान से होगा!

इन चार मान्यताओं में से सबसे अधिक जिस मान्यता को लोग मानते हैं वह तीसरी मान्यता है खजुराहो के सबसे बुजुर्ग गाइड सर्वेश्वर शुक्ला बताते हैं कि काम मोक्ष का ही एक पहलू है और यही इन मंदिरों में दर्शाया गया है इन मंदिरों पर उकेरी गई कामुक कलाकृतियां यह बताती है कि कुछ क्षण के काम के बाद लोगों को मोक्ष प्राप्ति के लिए अपने आराध्य देव के पास जाना ही होता है!


बाइट_सर्वेश्वर शुक्ला बुजुर्ग गाइड!

खजुराहो मंदिर के अधिकृत दूसरे गाइड श्यामलाल भी तीसरे मत की बात कहते हैं उनका कहना है कि इन मंदिरों में जो कल आकृतियां उकेरी गई है वह काम से मोक्ष की ओर इशारा करती हैं!








Conclusion: खजुराहो मंदिरों का निर्माण लगभग 1000 वर्ष पहले चंदेल राजवंश के राजाओं द्वारा किया गया था लेकिन आज भी इन मंदिरों के बाहर चली गई प्रतिमाएं लोगों के लिए रहस्य बनी हुई है साथ ही इन प्रतिमाओं पर उकेरी गई बेजोड़ कलाकृति आज भी देश विदेश से लोगों को खजुराहो खींच लाती है!
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