छतरपुर। बुंदेलखंड हिंदू संस्कृति वा भगवान राम की तपोभूमि के नाम से जाना जाता है. यहां कई साधु संतों ने समाधि ली है मगर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया जिसको सुनने के बाद हर व्यक्ति के होश उड़ गए. जी हां यहां मोटे के महावीर मंदिर में शव को दफना दिया गया है. मंदिर के पुजारी ने ही इस घटना को अंजाम दिया है. दरअसल, पुजारी ने अपनी मां की मौत के बाद उसके शव को मंदिर में ही दफना दिया. इतना ही नहीं उस जगह मां की तस्वीर रख पूजा-पाठ भी शुरू कर दी. इस पर विवाद शुरू होने के बाद मामला पुलिस और प्रशासन के पहुंचा तो प्रशासन की टीम ने पुजारी की मां का शव कब्र से बाहर निकालकर भैंसापुर के मुक्तिधाम में अंत्येष्टि कर दी.(Dead body found in temple) (chhatarpur priest buried mother body in temple).
मां कि, अंतिम इच्छा को किया पूरा: पुजारी ने बताया कि, "मेरी मां पिछले कई वर्षों से संत शरीर महाराज की सेवा करती थी. उनके समाधि लेने के बाद भी वह सेवा कर रही थी. उसकी अंतिम इच्छा थी कि, उसका भी समाधि स्थल वहीं पर बनाया जाए. इस वजह से मंदिर परिसर में ही मां की समाधि बना दी. उन्होंने बताया कि समाधि हिंदू रीति रिवाज वा विधि विधान से की गई थी. लाउडस्पीकर के माध्यम से अलाउंस भी किया गया था. कई लोगों के सामने अपनी मां की समाधि बनाई थी. यह भी कहा था कि, अगर आगे शासन प्रशासन के आदेश का पालन भी किया जाएगा".
शव को निकालकर किया अंतिम संस्कार: जब इस पूरे मामले की जानकारी मोटे के महावीर समिति को लगी तो उन्होंने आनन-फानन में जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि, तथाकथित पुजारी ने हिंदू संस्कृति के खिलाफ अपनी मां का शव मंदिर में दफनाया है. उन्होंने मंदिर को कब्रिस्तान बनाने का प्रयास किया है. यह भी बताया कि पुजारी की मां एक गृहस्थ महिला थी. इनका शव निकालकर पोस्टमार्टम होना चहिए और हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार होना चाहिए. इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि, हिन्दू संगठन के लोगों ने पुलिस और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था. जिसमें आपसी सहमति से दफनाए गए शव को निकालकर अंतिम संस्कार किया गया है. (Dead body found in temple) (chhatarpur priest buried mother body in temple).