छतरपुर। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि छतरपुर जिले के अंदर आने वाले तमाम मजदूरों आम जनता और अन्य कामों से बाहर गए लोगों के साथ जिले के अंदर किसी कारण से आए हुए लोगों का आंकड़ा एकत्र किया है.
कलेक्टर का कहना है कि जिले में कोई भी व्यक्ति अगर बाहर से आता है, तो उसकी सारी जानकारी हमारे पास होती है. जिले में कितने लोगों को सर्दी जुखाम है और कितने लोग कोरोना जैसी महामारी के संदेह में है, इसको लेकर भी एक सर्वे कराया गया है.
लगभग 19 लाख लोगों का घर-घर जाकर सर्वे किया गया था. जिसमें इस बात की जानकारी ली गई थी कि सामान्यत कितने लोग सर्दी जुखाम जैसी सामान्य बीमारी से पीड़ित हैं. कलेक्टर का कहना है कि इस सर्वे में 4019 लोग ऐसे मिले थे, जो कि सर्दी जुखाम जैसी बीमारी से पीड़ित थे.
उन तमाम लोगों का अधिकारियों की देखरेख में इलाज किया गया था, जिनमें से कई लोग धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं. जिले में अभी तक कोई भी कोरोना वायरस जैसी बीमारी से ग्रसित मरीज नहीं है.
छतरपुर कलेक्टर का कहना है कि इस अभियान के माध्यम से हम ऐसे लोगों को डिटेक्ट करना चाहते थे. जिनमें कोरोना जैसी बीमारी के लक्षण हों ताकि जल्दी पहचान होने पर उस व्यक्ति को बेहतर इलाज दिया जा सके और वह किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में ना आए.
रखा जाएगा सामान्य बीमारी वाले मरीजों का रिकॉर्ड
छतरपुर कलेक्टर ने ईटीवी भारत से बात करते हुए या बताया कि हम जिले में अभियान पहचान भी चला रहे हैं, जिसमें तमाम मेडिकल की दुकान चलाने वाले छोटे-मोटे डॉक्टर औऱ अन्य ऐसी जगह जहां से लोगों को आसानी से दवाई मिल जाती हैं, अगर कोई भी व्यक्ति इन स्थानों पर सर्दी जुखाम खांसी या बुखार की दवाई लेने जाता है, तो उस व्यक्ति का नाम पता लिखा जाएगा.
संबंधित व्यक्ति रोज उसकी जानकारी संबंधित एसडीएम को देगा और उसके बाद एसडीएम वह लिस्ट हमें देगा, जिसके बाद हमको लिस्ट की दोबारा जांच कराएंगे और देखेंगे कि कहीं लोगों में कोरोना जैसी बीमारी के लक्षण तो नहीं है.