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बुरहानपुर: हड़ताल के चौथे दिन चालक-परिचालकों ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए किया सुंदरकांड - bus drivers and operators

बुरहानपुर जिले में बस ऑपरेटर हड़ताल पर बैठे हुए हैं. मंगलवार को बस ऑपरेटरों ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया. साथ ही मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रखने की चेतावनी भी दी. पढ़िए पूरी खबर..

Bus operator did Sundarkand
चालक परिचालक ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए किया सुंदरकांड
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Published : Sep 9, 2020, 1:25 AM IST

बुरहानपुर। पुष्पक बस स्टैंड पर पिछले चार दिनों से बस चालक और परिचालकों की हड़ताल जारी है. हड़ताल के चौथे दिन बस स्टैंड स्थित हनुमान मंदिर में सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया गया. चालक और परिचालकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, बस नहीं चलाएंगे और ना ही चलने देंगे.

बस आपरेटरों की मांग है कि लॉक डाउन से लेकर अब तक साढ़े सात हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए, जिससे कि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके.

लॉकडाउन में चालक-परिचालकों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया, लेकिन उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया गया. जिससे नाखुश प्रदेश के 8 से 10 चालकों ने आत्महत्या कर ली है. बावजूद इसके सरकार और शासन-प्रशासन मांगों को गंभीरता से नहीं ले रहा है, जबकि सरकार के आदेश पर चालक और परिचालकों ने लॉकडाउन में भी बसें चलाईं.

इसमें कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच भी अन्य राज्यों से आए लोगों को प्रदेश सहित अन्य राज्यों तक छोड़ा गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वाहन टैक्स तो माफ कर दिया है, लेकिन चालक और परिचालक आर्थिक स्थिति के चलते अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.

बुरहानपुर। पुष्पक बस स्टैंड पर पिछले चार दिनों से बस चालक और परिचालकों की हड़ताल जारी है. हड़ताल के चौथे दिन बस स्टैंड स्थित हनुमान मंदिर में सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया गया. चालक और परिचालकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, बस नहीं चलाएंगे और ना ही चलने देंगे.

बस आपरेटरों की मांग है कि लॉक डाउन से लेकर अब तक साढ़े सात हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए, जिससे कि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके.

लॉकडाउन में चालक-परिचालकों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया, लेकिन उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया गया. जिससे नाखुश प्रदेश के 8 से 10 चालकों ने आत्महत्या कर ली है. बावजूद इसके सरकार और शासन-प्रशासन मांगों को गंभीरता से नहीं ले रहा है, जबकि सरकार के आदेश पर चालक और परिचालकों ने लॉकडाउन में भी बसें चलाईं.

इसमें कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच भी अन्य राज्यों से आए लोगों को प्रदेश सहित अन्य राज्यों तक छोड़ा गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वाहन टैक्स तो माफ कर दिया है, लेकिन चालक और परिचालक आर्थिक स्थिति के चलते अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.

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